मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट क्या है और कैसे करें-जानिए पूरी डिटेल

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टेक्नोलॉजी और इंटरनेट में बढ़ती ग्रोथ मानव और कम्युनिकेशन इंडस्ट्रीज के लिए काफी मुनाफा लेकर आई है ये तो सब जानते हैं। स्टूडेंट्स के बीच टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयरस को गहराई से सीखने की चाह भी इस मुनाफे का एक हिस्सा है। इस टेक्नोलॉजी की तरफ झुकाव को देखते हुए अनेकों यूनिवर्सिटीज एंड इंस्टीट्यूशंस ने छात्रों की ग्रोथ और इंडस्ट्रीज को बेहतर वर्किंग एम्प्लॉयीज़ देने हेतु कई कोर्सेज को करिकुलम का हिस्सा बनाया। ऐसा ही एक कोर्स है मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य स्किलफुल, कॉम्पेटेन्ट छात्रों को प्रोड्यूज़ करना है जिनके पास IT सेक्टर में स्किल्स, नॉलेज और इनफार्मेशन हो। आइए इस ब्लॉग में जानते हैं मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट के बारे में। 

अवधि दो साल 
कोर्स टाइप पोस्टग्रेजुएट लेवल 
योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन बारहवीं में कम से कम 50% मार्क्स होना अनिवार्य है 
प्रसिद्ध रिक्रूटर्स Microsoft, Facebook, Google आदि। 
जॉब प्रोफाइल्स इन्फॉर्मेशनल मैनेजर, कंप्यूटर एनालिस्ट, डेटाबेस मैनेजमेंट एडमिनिस्ट्रेटर आदि। 
अनिवार्य मुख्य स्किल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और कंप्यूटर मैनेजमेंट में रुचि और बेसिक नॉलेज आदि। 

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट क्या है?

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट दो साल का पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम है जिसे 4 सेमेस्टर में बांटा गया है। वे कैंडिडेट्स जो मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, आर्किटेक्चरल सिस्टम और इंजीनियरिंग जैसे सब्जेक्ट्स में इंटरेस्टेड हैं वो इस कोर्स में अपना लक आज़मा सकते हैं। स्किल्स एनहांसमेंट की बात करें तो यह आपकी वेब डिजाइनिंग, JAVA, कंप्यूटर फंडामेंटल्स, क्वालिटी कंट्रोल, वेयरहाउसिंग ऑफ़ डेटा एंड डेटा माइनिंग जैसी टेक्नीक्स को इम्प्रूव करने में मददगार साबित होगा। तो मोटे तौर पर देखा जाए तो जो स्टूडेंट्स अपने पैर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, प्रोग्रामिंग और इन्फॉर्मेशन सिस्टम मैनेजमेंट में जमाना चाहते हैं, उनके लिए यह कोर्स काफी बेहतर है। 

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट क्यों करें?

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट करने के फायदों की अगर बात की जाए तो आप इसे कई कोर्सेज से मिलता जुलता पाएंगे। फिर भी इस पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री से मिलने वाले फायदे आपको भविष्य में कई नई प्रोफाइल्स और बिज़नेस के काबिल बनाने में सक्षम साबित होंगे। आइए जानते हैं मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट क्यों करें कैसे है ये फायदेमंद आपकी ग्रोथ के लिए :

  • मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट आपको वर्ल्ड वाइड मिलने वाली सहुलियतों और जॉब प्रोफाइल्स के काबिल बनाता है। इसके साथ अगर आप इस कोर्स को अब्रॉड से करने का प्लान करते हैं तो आप देश विदेश हर जगह अपने ज्ञान और हुनर की काबिलियत साबित कर सकते हैं। 
  • दुनिया भर के बिज़नेस लीडर्स एक मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट के डिग्री होल्डर को अपने इनसाइट्स और काम के लिए ज़्यादा प्रेफरेंस देते हैं। जिससे आपको बाकी मैनेजमेंट डिग्री के मुकाबले ज़्यादा एहमियत दी जाती है। 
  • मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट में आने वाले सब्जेक्ट्स जैसे सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग, इ-कॉमर्स फंडामेंटल्स, डेटाबेस ऍप्लिकेशन्स आपके नौकरी मिलने के क्षेत्र और दायरे दोनों को बढ़ा देता है। इससे आप IT और मैनेजमेंट फील्ड के साथ साथ और भी कई फ़ील्ड्स में अपने इंट्रस्ट अनुसार अपना लक आज़मा सकते हो। 
  • इस कोर्स को जो चीज़ सबसे अलग और वर्सटाइल बनाती है वो है इसमें आने वाले सब्जेक्ट्स का IT और मैनेजमेंट दोनों ही फील्ड्स की नॉलेज को एक साथ लाना। ये आपको दोनों ही क्षेत्रों में बेस्ट परफॉर्म करने का मौका देती है। 

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट सिलेबस 

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट कोर्स के बारे में गहन जानकारी के लिए कैंडिडेट को उसमें आने वाले सब्जेक्ट्स के बारे में बेसिक नॉलेज होना अनिवार्य है। नीचे हमने आपकी जानकारी के लिए मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट कोर्स में आने वाले टॉपिक्स को सूचीबद्ध किया है :-

  • वेब प्रोग्रामिंग 
  • ई-कॉमर्स 
  • डाटा स्ट्रक्चर एंड एल्गोरिथ्म 
  • ओरेकल डेटाबेस 
  • मोबाइल कम्प्यूटिंग 
  • क्वॉलिटी कंट्रोल एंड सॉफ्टवेयर टेस्टिंग 
  • एडवांस्ड जावा एंड रूबी 
  • सी प्रोग्रामिंग 
  • फंडामेंटल्स ऑफ़ इनफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी 
  • डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम 
  • ओरिएंटेड डिज़ाइनिंग  

विदेश में मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज 

बेहतर भविष्य और वर्ल्ड वाइड मिलने वाले अवसरों के लिए खुद को तैयार करने हेतु विदेश की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई एक समझदार ऑप्शन हो सकता है। इस बात को मद्देनज़र रखते हुए हमने मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट कोर्स के लिए विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट नीचे दी है :

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज के अलावा कंप्यूटर मैनजमेंट, सॉफ्टवेयर और वेब डिजाइनिंग में माहिर कैंडिडेट्स के लिए USA और UK में कई बेहतरीन ऑप्शंस मौजूद हैं। यूनाइटेड स्टेट्स में मौजूद सिलिकन वैली कंप्यूटर ग्रेजुएट्स के लिए जॉब के अवसरों का हब माना जाता है। 

भारत में मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट कोर्स के लिए भारतीय टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट निम्लिखित है :

  • अरिहंत इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज़, पुणे 
  • सेंट्रल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज़, नागपुर 
  • सावित्रीबाई फूले पुणे यूनिवर्सिटी, पुणे 
  • ASM इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिज़नेस मैनेजमेंट एंड रिसर्च, पुणे  
  • हिस्लॉप कॉलेज, नागपुर 
  • नटवरलाल माणिकलाल दलाल कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स, कॉमर्स, लॉ एंड मैनेजमेंट, महाराष्ट्र 
  • डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी, औरंगाबाद 
  • जी.एच. रईसोनी इंस्टिट्यूट ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, नागपुर 
  • कमला नेहरू महाविद्यालय, नागपुर 
  • पूना इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट साइंसेज एंड एंटरप्रेन्योरशिप, महाराष्ट्र 

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट के लिए योग्यताएं 

यदि आप मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट के क्षेत्र में डिग्री प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो आपको अपने चुने हुए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित योग्यताओं को पूरा करना होगा। ये आवश्यकताएं कोर्सेज के स्तर के अनुसार भिन्न होती हैं, जैसे बैचलर, मास्टर या डिप्लोमा। मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट में कोर्स के लिए कुछ सामान्य योग्यताएं इस प्रकार हैं:

  • बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2(PCM) में कम से कम 50 % मार्क्स अर्जित किए हों।
  • कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा के आधार पर भी एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
  • विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
  • साथ ही मास्टर्स में एडमिशन के लिए आपकी अंडरग्रेजुएट डिग्री में कम से कम 50 % मार्क्स का होना आवश्यक है। 
  • विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं।
  • विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की ज़रूरत होती है।

आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेज़ों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टैस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लैटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है:

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़  

कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई है–

प्रवेश परीक्षाएं 

भारत में मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट में डिग्री के लिए आपको नियमित एंट्रेंस एग्ज़ाम देने की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन अगर आप अब्रॉड में मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट करना चाहते हैं तो आपको कोई स्पेसिफिक एंट्रेंस एग्ज़ाम देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह मान्यता यूनिवर्सिटी ऑफ़ चुने गए कोर्स अनुसार बदल भी सकती है। भारत में मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट करने के इच्छुक छात्रों को निम्नलिखित एंट्रेंस टेस्ट्स देने होंगे :

  • XAT
  • MAT 
  • CAT

करियर स्कोप 

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट में डिग्री हासिल करने के बाद आपका करियर कैसा होगा और आप कितना पैकेज पाएंगे यह आपके स्किल्स और ऐक्सपर्टीज़ पर भी निर्भर करता है। नौकरी पाने के क्षेत्रों का नाम लें तो आप चाहें तो बैंकिंग, कन्सल्टेंसीज़, डेटाबेस मैनेजमेंट, डेस्कटॉप पब्लिशिंग, डिज़ाइन सपोर्ट एंड डेटा कम्युनिकेशन कंपनीज़, ई-कॉमर्स, एम्बेडेड टेक्नोलॉजीज, गवर्नमेंट एजेंसीज, नेटवर्किंग, स्कूल्ज एंड कॉलेजेस, सिमुलेशन, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनीज़, स्टॉक एक्सचैंजेस, टेक-सपोर्ट कंपनीज़ आदि क्षेत्रों में नौकरी पा सकते हैं। मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर अपनी स्किल्स और ऐक्सपर्टीज़ पर ख़ास ध्यान दें तो दी गई कंपनीज़ के साथ साथ आप विश्व की कई कंपनीज़ में नौकरी पाने के काबिल माने जाते हैं।   

जॉब प्रोफाइल एंड सैलरी 

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट या कंप्यूटर और IT मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री के बाद आप मल्टीपल सेक्टर्स में अपना सिक्का आज़मा सकते हो। मुख्य क्षेत्रों की बात की जाए तो अपनी मास्टर्स के बाद डेटाबेस मैनेजमेंट, बैंकिंग, कन्सल्टेंसीस, IT कंपनीज़, ईकॉमर्स, एम्बेडेड टेक्नोलॉजीज, सिमुलेशन, नेटवर्किंग, स्टॉक मार्किट जैसी इंडस्ट्रीज में नौकरी पा सकते हैं। कंप्यूटर या IT मैनेजमेंट में अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री के बाद आप इन प्रोफाइल्स में नौकरी हासिल कर सकते हैं :

जॉब प्रोफाइल्स भारत में सालाना सैलरी (INR)
कंप्यूटर साइंटिस्ट 17 लाख -20 लाख 
कमर्शियल एंड इंडस्ट्रियल डिज़ाइनर्स 6 लाख – 8 लाख 
सॉफ्टवेयर डेवेलपर्स 5 लाख- 7 लाख 
इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स मैनेजर्स 10 लाख – 12 लाख 
सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर्स 4 लाख – 6 लाख 

FAQs

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट क्या है?

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट दो साल का पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम है जिसे 4 सेमेस्टर में बांटा गया है। वे कैंडिडेट्स जो मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, आर्किटेक्चरल सिस्टम और इंजीनियरिंग जैसे सब्जेक्ट्स में इंटरेस्टेड हैं वो इस कोर्स में अपना लक आज़मा सकते हैं। स्किल्स एनहांसमेंट की बात करें तो यह आपकी वेब डिजाइनिंग, JAVA, कंप्यूटर फंडामेंटल्स, क्वालिटी कंट्रोल, वेयरहाउसिंग ऑफ़ डेटा एंड डेटा माइनिंग जैसी टेक्नीक्स को इम्प्रूव करने में मददगार साबित होगा। तो मोटे तौर पर देखा जाए तो जो स्टूडेंट्स अपने पैर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, प्रोग्रामिंग और इन्फॉर्मेशन सिस्टम मैनेजमेंट में जमाना चाहते हैं, उनके लिए यह कोर्स काफी बेहतर है।

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट के एंट्रेंस एग्जाम कौनसे हैं?

भारत में मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट में डिग्री के लिए आपको नियमित एंट्रेंस एग्ज़ाम देने की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन अगर आप अब्रॉड में मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट करना चाहते हैं तो आपको कोई स्पेसिफिक एंट्रेंस एग्ज़ाम देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह मान्यता यूनिवर्सिटी ऑफ़ चुने गए कोर्स अनुसार बदल भी सकती है। भारत में मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट करने के इच्छुक छात्रों को निम्नलिखित एंट्रेंस टेस्ट्स देने होंगे :-
XAT
MAT 
CAT

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को किस फ़ील्ड में काम करने को मिलता है?

मुख्य क्षेत्रों की बात की जाए तो अपनी मास्टर्स के बाद डेटाबेस मैनेजमेंट, बैंकिंग, कन्सल्टेंसीस, IT कंपनीज़, ईकॉमर्स, एम्बेडेड टेक्नोलॉजीज, सिमुलेशन, नेटवर्किंग, स्टॉक मार्किट जैसी इंडस्ट्रीज में नौकरी पा सकते हैं। 

क्या एमसीएम एमसीए के बराबर है?

एमसीएम एमसीए की तुलना में कम ज्ञात डिग्री है और कोर्स के मामले में भी काफी अलग है। एमसीए 3 वर्षों में फैला है और विभिन्न क्षेत्रों और क्षेत्रों में कंप्यूटर ऐप्लिकेशन्स  के अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करता है जबकि एमसीएम 2 साल की डिग्री है और कंप्यूटर प्रशासन और डेटाबेस प्रबंधन और संबंधित उप-क्षेत्रों का पता लगाता है।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट कोर्स के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी। अगर आप विदेश में मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहते हैं। तो आज ही 1800572000 पर कॉल करें और हमारे स्टडी अब्रॉड एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। 

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