जानिए क्या है पर्यावरण संरक्षण और क्यों है यह आवश्यक

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पर्यावरण शब्द का अर्थ है हमारे चारों ओर का वातावरण है। हर मनुष्य का कर्त्तव्य है कि वह पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान दे और उसे सँवारे। पर्यावरण संरक्षण का तात्पर्य है कि हम अपने चारों ओर के वातावरण को संरक्षित करें तथा उसे जीवन के अनुकूल बनाए रखें क्योंकि पर्यावरण और प्राणी एक-दूसरे पर आश्रित हैं। अधिक जनसंख्या, वाटर साइंटिफिक इश्यूज, ओजोन डिप्लेशन, ग्लोबल वार्मिंग से लेकर वनों की कटाई, डिजर्टिफिकेशन और प्रदूषण तक, ये मानव जाति के लिए गंभीर खतरा हैं। पर्यावरण संरक्षण बहुत जरूरी है, खासकर तब जब डिजिटल मीडिया पर्यावरण संरक्षण के लिए क्रांति लाने की क्षमता रखता है। इस ब्लॉग में जानेंगे पर्यावरण संरक्षण के बारे में और विस्तार से। 

पर्यावरण क्या है?

पर्यावरण शब्द ‘परि +आवरण’ के संयोग से बना है। ‘परि’ का अर्थ चारों ओर तथा ‘आवरण’ का अर्थ परिवेश है। दूसरे शब्दों में कहें तो पर्यावरण अर्थात वनस्पतियों, प्राणियों, और मानव जाति सहित सभी सजीवों और उनके साथ संबंधित भौतिक परिसर को पर्यावरण कहतें हैं।

पर्यावरण संरक्षण का महत्व क्या होता है?

आज से ही नहीं बल्कि प्राचीन काल से पर्यावरण का बहुत महत्व रहा है, क्योंकि प्रकृति का संरक्षण करना मतलब उसका पूजन करने के समान होता है। हमारे देश में पर्वत, नदी, वायु, आग, ग्रह नक्षत्र, पेड़ पौधे यह सभी कहीं ना कहीं मानव के साथ जुड़े हुए हैं। लेकिन बढ़ते विकास के कारण इसे लगातार नुकसान पहुंच रहा है। पर्यावरण सरंक्षण के महत्त्व से जुड़े कुछ बिंदु नीचे दिए गए हैं-

  • पर्यावरण सरंक्षण  वायु, जल और भूमि प्रदूषण को कम करता है। 
  • बायोडायवर्सिटी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण सरंक्षण का बहुत अधिक महत्व है। 
  • पर्यावरण सरंक्षण सभी के सतत् विकास के लिए महत्वपूर्ण है। 
  • हमारे ग्रह को ग्लोबल वार्मिंग जैसे हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए भी पर्यावरण सरंक्षण महत्वपूर्ण है। 

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के बारे में

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम संसद द्वारा 23 मई 1986 को पारित किया गया था और 19 नवंबर 1986 को लागू किया गया था। इसमें चार अध्याय तथा 26 धाराएं होती हैं। इसे पारित करने का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों को भारत में विधि (कानून) बनाकर लागू करना है-

  • प्रथम अध्याय की धारा- 1 के अनुसार इसका विस्तार संपूर्ण भारत में है। प्रथम अध्याय की धारा- 2 में पर्यावरण पर्यावरण प्रदूषण परीसंकटमय पदार्थ अधि भोगी शब्दों की विशेष परिभाषा दी गई है।
  • द्वितीय अध्याय में 4 धाराएं हैं जिनमें धारा- 3 में पर्यावरण के संरक्षण और सुधार के लिए उपाय करने की केंद्र सरकार की शक्तियां तथा कृत्य धारा- 5 में निर्देश देने की। धारा- 6 में पर्यावरण प्रदूषण को विनियोजन करने हेतु नियमों का उल्लेख है। 
  • अध्याय 3 में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण तथा उप शासन से संबंधित 7 से 17 अर्थात 11 धाराए धारा 5 में उपलब्धियों का उल्लंघन करने पर दंड शक्ति संबंधित कानून का प्रावधान किया गया है।
  • अध्याय 4 में 18 से 26 अर्थात कुल 9 धाराओं में कानून का वर्णन है। इनमें सद्भाव में की गई कार्यवाही को संरक्षण अपराधों का संज्ञान प्रत्यायोजन की शक्तियां नियम बनाने की शक्तियां का उल्लेख है

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पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता क्यों है ?

आज के समय में पर्यावरण असंतुलित हो गया है। बढ़ती आबादी, औद्योगीकरण, प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल से आज विश्व का तापमान चिंतित स्तर पर बढ़ रहा है। नीचे कुछ कारण दिए गए हैं जो आपको बताएंगे कि पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता क्यों है :

  • ग्लेशियर पिघल के समुद्र में पानी के स्तर को बढ़ा रहे है, जिससे बाढ़ आ रही है। 
  • पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीनहाउस के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल इफ़ेक्ट आदि को कम या कंट्रोल करने के लिए पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता है। 
  • पेड़ कटते जा रहे हैं, जिससे वन क्षेत्र कम हो रहा है। 
  • नदियों का जल भी प्रदूषित हो गया है जिसके कारण पर्यावरण संरक्षण बहुत जरूरी है। 
  • ग्लोबल वार्मिंग लगातार बढ़ रही है इसलिए भी पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता है।
  • मीथेन गैसों के साथ-साथ कोलोरोफ्लोरो कार्बन्स की भारी उपस्थिति ने ओजोन परत को बड़े पैमाने पर नष्ट कर दिया है। ग्रह पर कई क्षेत्रों में अम्ल वर्षा और त्वचा कैंसर हुआ है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता बढ़ गयी है। 

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पर्यावरण संरक्षण के प्रकार

पर्यावरण संरक्षण के प्रकार कुछ इस तरह है, जो नीचे दी गई है:

  • वॉटर कंजर्वेशन (जल संरक्षण) 
  • सॉइल कंजर्वेशन (मृदा संरक्षण) 
  • फॉरेस्ट कंजर्वेशन (वन संरक्षण) 
  • वाइल्डलाइफ रिजर्व (वन्य जीव संरक्षण) 
  • डायवर्सिटी कंजर्वेशन (जैव विविधता संरक्षण) 

पर्यावरण संरक्षण के तरीके क्या हैं?

अब जब आप पर्यावरण संरक्षण के अर्थ और महत्व से परिचित हो गए हैं, तो आइए उन मुख्य विधियों को समझते हैं जिनके माध्यम से इसे प्रभावी रूप से सरल बनाया जा सकता है:

फॉरेस्ट कंजर्वेशन 

हम जानते हैं कि पौधे और पेड़, हवा, भोजन के साथ-साथ हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य दैनिक उत्पादों के आवश्यक स्रोत हैं। वन विभिन्न जीवित प्राणियों का निवास स्थान हैं। फॉरेस्ट कंजर्वेशन उद्देश्य  यह है कि अधिक से अधिक पेड़ लगाना और साथ ही मौजूदा लोगों को पेड़ काटने से बचाना है क्योंकि पेड़ पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

सॉइल कंजर्वेशन

पृथ्वी पर, मिट्टी मुख्य तत्व है जो मिट्टी के कटाव, लैंड डिग्रेडेशन और बाढ़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पौधों के उत्पादन के लिए मिट्टी समृद्ध पोषक तत्वों से भरी होती है। उर्वरकों और जहरीले रसायनों के न्यूनतम उपयोग को सुनिश्चित करने के साथ-साथ मिट्टी में हानिकारक इंडस्ट्रियल कचरे को समाप्त करके सॉइल कंजर्वेशन किया जा सकता है। 

वेस्ट मैनेजमेंट 

खासकर विकासशील देशों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में रोजाना बड़ी मात्रा में कचरा सड़कों पर फेंका जाता है इससे विभिन्न भयानक बीमारियों के साथ-साथ मृदा प्रदूषण भी हो सकता है। हम विभिन्न टेक्नीक्स जैसे 3R का विकल्प चुन सकते हैं, जैसे पुन: उपयोग और रीसाइक्लिंग, सूखे और गीले कचरे को अलग करना।

पब्लिक अवेयरनेस 

इसके अलावा, प्रत्येक व्यक्ति को इस बात से अवेयर कराया जाना चाहिए कि वे पर्यावरण को कैसे प्रदूषित कर रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

प्रदूषण नियंत्रण 

हमें उन टॉक्सिक कंपाउंड्स पर नजर रखने की आवश्यकता है जो वातावरण को प्रदूषित करते हैं। हमें उत्सर्जन के कई रूपों को कम करने के लिए पर्यावरणीय रूप से स्थायी तरीकों को अपनाने की जरूरत है, जैसे कि कचरे को खत्म करना, बिजली की बचत करना, उर्वरकों, कीटनाशकों और कीटनाशकों के अनावश्यक उपयोग को सीमित करना और ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करना आदि।

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पर्यावरण संरक्षण पर कोट्स

पर्यावरण संरक्षण पर कुछ कोट्स यहां दिए गए हैं-

  1. “हम सब मिलकर प्रदूषण को मिटाएंगे, और अपने पर्यावरण को स्वच्छ बनाएंगे।”
  2. “आओ मिलकर कसम ये खाये, प्रदुषण को हम दूर भगाये।”
  3. “प्रदूषण को रोकने में दे सभी अपना सहयोग, और प्लास्टिक का बंद करें उपयोग।”
  4. “शर्म करो-शर्म करो करोड़ो रुपये पटाखों पर बर्बाद मत करो-मत करो।”
  5. “प्रदूषण का यह खतरनाक जहर, लगा रहा है पर्यावरण पर ग्रहण।”
  6. “प्रदूषण हटाओ, पर्यावरण बचाओं।”
  7. “प्रदूषण की समस्या एक दीमक की तरह है, जो पर्यावरण को धीरे-धीरे खोखला बनाती जा रही है।”
  8. “हम सब की है ये जिम्मेदारी, प्रदूषण से मुक्त हो दुनिया हमारी।”
  9. “मनुष्य अभी भी इस दुनिया का सबसे बड़ा चमत्कार है और इस धरती की सबसे बड़ी समस्या भी।”
  10. “प्रकृति में गहराई से देखना शुरू करो, तुम्हें समझ आएगा कि सब कुछ कितना अच्छा है। “

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FAQs

पर्यावरण संरक्षण क्या है?

प्राकृतिक आवास और प्रजातियों की रोकथाम, प्रबंधन और संरक्षण को पर्यावरण संरक्षण के रूप में जाना जाता है।

पर्यावरण संरक्षण के क्या उपाय हैं?

इसके लिए यहां कुछ सामान्य तरीके दिए गए हैं:
1. सूती बैग का प्रयोग करें और प्लास्टिक को ना कहें
2. कम पानी का प्रयोग करें और पानी बचाने के तरीके खोजें
3. रीसाइक्लिंग 
4. वेस्ट मैनेजमेंट 
5. सस्टेनेबल डेवलपमेंट

पर्यावरण संरक्षण क्यों महत्वपूर्ण है?

निम्नलिखित कारणों की वजह से पर्यावरण संरक्षण जरूरी है:
1.पर्यावरण सरंक्षण  वायु, जल और भूमि प्रदूषण को कम करता है।
2. बायोडायवर्सिटी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण सरंक्षण का बहुत अधिक महत्व है। 
3. पर्यावरण सरंक्षण सभी के सतत् विकास के लिए महत्वपूर्ण है। 
4. हमारे ग्रह को ग्लोबल वार्मिंग जैसे हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए भी पर्यावरण सरंक्षण महत्वपूर्ण है। 

उम्मीद है कि पर्यावरण संरक्षण के बारे में आपको सभी जानकारियां मिल गई होंगी। इसी तरह के अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu वेबसाइट पर बनें रहें।

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