बायोटैक्नोलॉजी (जैव प्रौद्योगिकी) क्या है ?
- बायोटेक्नोलॉजी एक उन्नत तकनीक है जिसकी सहायता से जीवों के अंगों का प्रयोग करके नए उत्पाद तैयार किए जाते हैं।
- आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी इनका अधिक संशोधित रूप उपयोग करती है। इसके अलावा, यह औद्योगिक पैमाने पर जैविक और बायोफार्मास्युटिकल उत्पादन से संबंधित है।
- खमीर की मदद से रोटी बनाना जैव प्रौद्योगिकी का एक पारम्परिक उदाहरण है।
जैव प्रौद्योगिकी से जुड़े अनुप्रयोग (Applications of biotechnology)
- बायोटेक्नोलॉजी का प्रयोग अनुवांशिक रूप से संशोधित रोगाणुओं की मदद से पौधों की किस्मों को बेहतर बनाने में किया जाता है।
- बायोटेक्नोलॉजी का प्रयोग मनुष्यों और जानवरों के उपचार में भी किया जाता है।
भारत में जैव प्रौद्योगिकी के उद्देश्य
- अनुसंधान क्षेत्रों में संसाधन, बुनियादी ढाँचा और सेवाएँ प्रदान करना।
- पुनः संयोजक डीएनए उत्पादों और आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों के लिए जैव सुरक्षा दिशानिर्देश लागू करना।
- समाज को लाभ पहुंचाने के लिए जैव प्रौद्योगिकी पर आधारित कार्यक्रम संचालित करना।
- भारत के जैव सूचना विज्ञान मिशन के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय में एक सूचना नेटवर्क बनाना।
कृषि के क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग
- जैव प्रौद्योगिकी आनुवंशिक रूप से बेहतर जीवों के माध्यम से पारंपरिक खेती का विकल्प लेकर आई है।
- बीटी विष जैसे आनुवंशिक रूप से सुधारित जैव कीटनाशकों का उपयोग शुरू हुआ है जिससे कैमिकल वाले कीटनाशकों का प्रयोग कम हुआ है।
- जैव प्रौद्योगिकी की मदद से कीट और संक्रमण प्रतिरोधी फसलें तैयार कर पाना संभव हो सका है।
चिकित्सा के क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग
- आनुवंशिक रूप से हेरफेर किया गया इंसुलिन वयस्कों में मधुमेह की शुरुआत के लक्षणों को प्रबंधित करने में सहायक रहा है।
- जीन थेरेपी जीन दोषों को ठीक करने और वंशानुगत बीमारियों को ठीक करने में बायोटेक्नोलॉजी के तरीकों से मदद मिली है।
- बायोटेक्नोलॉजी की मदद से एडेनोसिन डेमिनमिनस (एडीए) की कमी का इलाज संभव हो सका है।
- रोगों की प्रभावी जांच एवं उपचार के लिए आणविक निदान का संचालन किया जाना संभव हो सका है।
- पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) की मदद से एचआईवी एड्स की जाँच करना सरल हो गया है।
पशु चिकित्सा में जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग
- ट्रांसजेनिक जानवर जैव प्रौद्योगिकी का एक उत्पाद हैं जो जानवरों के शरीर विज्ञान और विकास की जांच करने में मददगार होता है।
- बायोटेक्नोलॉजी की मदद से पशु रोगों के बारे में स्टडी करने में मदद मिलती है।
- बायोटेक्नोलॉजी की मदद से डीएनए के एक विशिष्ट भाग को पुनः संयोजित करके जैविक उत्पाद तैयार करते हैं। ये जैविक उत्पाद कम लागत पर कई मानव रोगों के इलाज के लिए आवश्यक हैं।
- जैव प्रोद्यौगिकी का प्रयोग टीकों और रासायनिक सुरक्षा प्रतिक्रियाओं का परीक्षण करने के लिए भी किया जाता है।
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