मुख्य सुर्खियां
- मनरेगा का पूरा नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम है।
- अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी द्वारा चार राज्यों (बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक) मनरेगा ने कोरोना महामारी के दौरान आय में हुए नुकसान की 80% तक भरपाई की थी।
- मनरेगा दुनिया की सबसे बड़े रोजगार योजनाओं में से एक है।
- वर्ष 2023 तक के रिकॉर्ड के अनुसार मनरेगा में 15 करोड़ से भी अधिक मजदूर जुड़े हुए हैं।
- मनरेगा का उद्देश्य किसी भी ग्रामीण परिवार के सार्वजनिक काम से वयस्क सदस्यों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देना है।
मनरेगा कार्यक्रम को लागू करने में आने वाली समस्याएं
मनरेगा योजना को लागू करने के लिए सरकार को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता है :
- धन की कमी
- जाति के आधार पर भेदभाव
- पंचायती राज द्वारा उसकी भूमिका का ठीक से निर्वाह न किया जाना
- जॉब कार्ड वितरित करने में भ्रष्टाचार
- बड़ी मात्रा में अधूरे कार्य
समाधान
- मनरेगा योजना को लागू करने में आने वाली समस्याओं का समाधान इस प्रकार से किया जा सकता है :
- कार्य प्रणाली को बेहतर करके
- प्रत्येक गांव में सार्वजनिक कार्य शुरू करके
- अधूरे कामों को पूरा करके
- ग्राम पंचायतों को संसाधन, शक्तियां और जिम्मेदारियां सौंपी जाएं और समय समय पर उनकी भूमिका की समीक्षा की जाए।
- मनरेगा को अन्य सरकारी योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत अभियान और ग्रीन इंडिया आदि से जोड़ा जाए।
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