UPSC 2023 : Mineral Security Partnership UPSC in Hindi :UPSC मेंस के लिए दुर्लभ खनिज गठबंधन पर महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स 

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UPSC मेंस एग्जाम के लिए mineral security partnership upsc in Hindi एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक माना जाता है। इस साल इससे UPSC मेंस के पेपर में mineral security partnership upsc in Hindi सम्बंधित प्रश्न पूछे जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान समय को देखते हुए इस विषय की प्रासंगिता और भी बढ़ जाती है। यहाँ  mineral security partnership upsc in Hindi से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स दिए जा रहे हैं। ये नोट्स छोटे हैं इसलिए याद करने में आसान हैं।  

मुख्य सुर्खियां 

  • खनिज सुरक्षा साझेदारी चीन पर निर्भरता को कम करने के मकसद से दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति की श्रृंखला को सुरक्षित करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में की जाने वाली साझेदारी है।  
  • दुर्लभ खनिजों की मांग आने वाले समय में अप्रत्याशित रूप से बढ़ने की उम्मीद है। इस क्षेत्र में भविष्य की दृष्टि से स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ देशों ने अमेरिका के साथ दुर्लभ खनिज गठबंधन किया है।  

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क्या होते हैं दुर्लभ खनिज?

दुर्लभ खनिजों के बारे में नीचे बताया गया है।  

  • दुर्लभ खनिज ऐसे तत्व हैं जो आधुनिक युग में महत्वपूर्ण तकनीक के लिए आवश्यक हैं. 
  • इन खनिजों का प्रयोग स्मार्ट फोन, कंप्यूटर और इलेक्ट्रिक वेहिकल आदि की बैटरियां बनाने में किया जाता है।  
  • लिथियम और कोबाल्ट ऐसे ही खनिजों के उदाहरण हैं।  

खनिज सुरक्षा गठबंधन (MSP) के बारे में 

खनिज सुरक्षा गठबंधन (MSP) के बारे में नीचे बिंदुओं में बताया गया है : 

  • यह यूएसए के द्वारा दुर्लभ खनिज आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित किए जाने की एक पहल है।  
  • इस गठबंधन में अमेरिका के अलावा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड, जर्मनी, फ़्रांस, जापान ,दक्षिण कोरिया, यूके, स्वीडन और यूरोपीय यूनियन के देश शामिल हैं।  

दुर्लभ खनिज गठबंधन के उद्देश्य 

दुर्लभ खनिज गठबंधन के उद्देश्य इस प्रकार हैं : 

  • दुर्लभ खनिज गठबंधन का उद्देश्य खनिजों का उत्पादन, प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण इस तरह से किया जाए कि देशों के उनके भूवैज्ञानिक प्रबंधन के पूर्ण आर्थिक विकास का लाभ प्राप्त कर सके।
  • कोबाल्ट निकल और लिथियम के साथ साथ 17 अन्य खनिजों को भी सुरक्षित रखने की दिशा में कार्य किया जाएगा।  

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दुर्लभ खनिज गठबंधन का महत्व 

दुर्लभ खनिज गठबंधन का महत्व इस प्रकार है : 

  • दुर्लभ खनिज गठबंधन उच्चतम पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन मानकों का पालन करने वाली पूर्ण मूल्य शृंखला में रणनीतिक अवसरों के लिये सरकारों और निजी क्षेत्र से निवेश को बढ़ाने में सहायता प्रदान करेगा।
  • यह स्वच्छ ईंधन और डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देता है।  

दुर्लभ खनिज गठबंधन में भारत का होना क्यों आवश्यक है? 

भारत अगर दुर्लभ खनिज गठबंधन का सदस्य बन जाता है तो उसे निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे : 

  • आगे आने वाला समय इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का ही है।  इस दृष्टि से भारत का इस गठबंधन का हिस्सा होना ज़रूरी है।  
  • इसे  मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पहल के साथ दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति की सुरक्षा के लिए एक अनिवार्यता के रूप में देखा जा रहा है।  

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