UPSC मेंस एग्जाम की दृष्टि से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन टॉपिक बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह सरकार के द्वारा बनाई गई नीतियों का एक अहम भाग है। UPSC मेंस एग्जाम में सरकारी नीतियों के अन्तर्गत इससे जुड़े प्रश्न पूछे जा सकते हैं। यहाँ National Health Mission UPSC टॉपिक पर मेंस एग्जाम के लिए महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स दिए जा रहे हैं।
प्रमुख सुर्खियां
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़ी प्रमुख सुर्खियां इस प्रकार हैं :
- National Health Mission UPSC को वर्ष 2013 में केंद्र सरकार के द्वारा ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के ढाँचे को दुरुस्त करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
- इसके अंतर्गत संचारी रोगों की रोकथाम किया जाना इसके मुख्य घटकों में से एक है।
- सुरक्षित मातृ प्रजनन और बाल एवं किशोर स्वास्थ्य सुरक्षा इसके मुख्य घटकों में से एक है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन न्यायसंगत, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच की परिकल्पना करता है जो लोगों की ज़रूरतों के प्रति जवाबदेह और उत्तरदायी है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लक्ष्य
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लक्ष्य इस प्रकार हैं :
- Reduce MMR to 1/1000 live births Reduce IMR to 25/1000 live births
- Reduce TFR to 2.1
- Prevention and reduction of anemia in women aged 15-49 years
- Prevent and reduce mortality and morbidity from communicable, non- communicable, injuries and emergency diseases
- Reduce household out-of-pocket expenditure on total health care expenditure
- Reduce annual incidence and mortality from Tuberculosis by half
- Reduce prevalence of Leprosy to <1/10000 population and incidence to zero in all districts
- Annual Malaria incidence to be <1/1000
- Less than 1percent microfilaria prevalence in all districts
- Kala-Azar Elimination by 2015, <1case per 10000 population in all blocks
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की उपलब्धियां
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की उपलब्धियों के बारे में हम नीचे दिए गए बिंदुओं के द्वारा समझ सकते हैं :
- पब्लिक हेल्थ सर्विसेज़ में बढ़ोतरी : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आने के बाद से पब्लिक हेल्थ सर्विसेज़ में बहुत विकास हुआ है। इसके द्वारा स्वस्थ्य सेवाओं का एक नेटवर्क बनाने में मदद मिली है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कारण संस्थागत क्षमताओं में वृद्धि हुई है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ाने में मदद मिली है।
- सामान विकास : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आने के बाद से दूर दराज के आदिवासी क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं और एम्बुलेंस तक पहुँच बढ़ी है।
- एम्बुलेंस सेवाओं में सुधार : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने भारत की एम्बुलेंस सेवा को सुधारने में एक बड़ी भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (वर्ष 2005) के शुभारंभ के समय देश में एंबुलेंस नेटवर्क न के बराबर था। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन’ के तहत अब तक 20,990 आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा वाहन चालू किये गए हैं। इसके अलावा 5,499 रोगी परिवहन वाहन भी तैनात किये गए हैं, विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और बीमार शिशुओं को ‘मुफ्त पिकअप और ड्रॉप’ सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने शासन,खरीदारी और प्रौद्योगिकी से संबंधित सुधारों के कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाई है।
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