डिजिटलीकरण के बाद पढ़ाई हो या शॉपिंग, सबकुछ ऑनलाइन हो रहा है। घर पर लोगों को सुविधाएं मिल रही हैं। न्यू एजुकेशन पाॅलिसी (NEP) के तहत डिजिटल यूनिवर्सिटी पर विचार किया गया था और अब भारत की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी मार्च 2024 तक बन जाएगी।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के प्रेसीडेंट प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बीते दिनों कहा था कि 2023 के अंत तक डिजिटल यूनिवर्सिटी बन जाएगी, लेकिन इसमें समय लग रहा है।
प्रेसीडेंट ने कहा कि भारत एजुकेशन में G-20 सदस्य देशों की मदद करेगा और इसके अलावा ऑनलाइन एजुकेशन, रिसर्च, टीचर्स की ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट पर काम करेंगे। UGC हायर एजुकेशन की सभी प्राथमिकता वाली फील्ड का रोडमैप बनाना रहा है।
डिजिटल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के ये होंगे फायदे
डिजिटल यूनिवर्सिटी के बाद पढ़ाई में क्वालिटी बढ़ाने पर विशेष काम होगा। इसके अलावा स्टूडेंट्स को एक से अधिक इंस्टिट्यूट्स और भारतीय भाषाओं में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। डिजिटल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के बाद इंडस्ट्री से जुड़ने और अन्य जाॅब्स पर फोकस कर सकेंगे। मौजूदा ऑनलाइन प्लेटफार्म स्वयं, ईपीजी-पाठशाला, ज्ञानकोश, स्वयं-प्रभा चैनल, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी आदि पर भी फोकस किया जाएगा।
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NEP क्या है?
न्यू नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी (NEP) का मेन फोकस भारत को ग्लोबल लेवल पर शैक्षिक रूप से महाशक्ति बनाना और भारत में क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस करना है। नई शिक्षा नीति 2020 के लिए सेंट्रल और स्टेट गवर्मेंट के इन्वेस्ट का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।
UGC के बारे में
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) 28 दिसंबर, 1953 को अस्तित्व में आया और विश्वविद्यालय में शिक्षा, परीक्षा और अनुसंधान के रेगुलेशंस के समन्वय और रखरखाव के लिए 1956 में संसद के एक अधिनियम द्वारा भारत सरकार की काॅंस्टिट्यूशनल बाॅडी बन गया। यह यूनिवर्सिटी और काॅलेजों को ग्रांट देता है।
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