विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विकलांगता शब्द किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक दुर्बलता, भागीदारी प्रतिबंध और गतिविधि सीमाओं के लिए एक व्यापक शब्द है। आज भी समाज में दिव्यांगता को एक सामाजिक कलंक के रूप में देखा जाता है जिसे सुधारने की आवश्यकता है। इसीलिए, समाज एवं विकास के प्रत्येक स्तर पर दिव्यांग लोगों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए हर साल 3 दिसंबर के दिन विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें विश्व विकलांग दिवस 2023 का उद्देश्य, महत्त्व, इतिहास और अन्य महत्वतपूर्ण जानकारी।
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विश्व विकलांग दिवस क्या है?
“विश्व विकलांग दिवस” हर साल 3 दिसम्बर को मनाया जाता है। इस दिन को विश्व विकलांगता दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन विकलांगता और विकलांग लोगों के साथ समाज में समाहिति की जाती है और उनके अधिकारों और समर्थन की बढ़ती चर्चा को प्रोत्साहित करने का एक मौका है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1992 में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस की शुरुआत की थी और इसे हर साल आयोजित किया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को विकलांगता से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूक करना, उनके साथ उच्चारण करना और समर्थन में भाग लेने की प्रेरणा देना है। यह दिन विभिन्न कार्यक्रमों, समारोहों, और जागरूकता अभियानों के साथ मनाया जाता है।
इस दिवस का उद्देश्य समाज में समर्थन को बढ़ावा देना है ताकि विकलांग लोग समाज के साथ बराबरी और समानता महसूस कर सकें।
विश्व विकलांग दिवस थीम 2023
हर साल अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस एक निर्धारित थीम के तहत मनाया जाता है। हालांकि, इस साल 2023 की थीम अभी तक घोषित नहीं की गयी है। पिछले साल 2022 में यह थीम समावेशी विकास हेतु परिवर्तनकारी समाधान (Transformative solutions for inclusive development) थी।
विश्व विकलांग दिवस का उद्देश्य
विश्व विकलांग दिवस का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में विकलांगता और विकलांग लोगों के साथ सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। इस दिन का आयोजन उनके अधिकारों, समर्थन, और समाज में उनके साथ सौहार्द्र बनाए रखने के लिए होता है। यह विभिन्न तरीकों से किया जाता है, जो इस दिन को एक विशेष और महत्वपूर्ण रूप से यादगार बनाते हैं:
जागरूकता और शिक्षा: इस दौरान लोगों को विकलांगता के विभिन्न पहलुओं से जागरूक किया जाता है ताकि समाज में सौहार्द्र और समर्थन बढ़ सके।
समर्थन और समाज में भागीदारी: इस दिन के माध्यम से, लोग विकलांग लोगों के साथ समर्थन में भाग लेने के लिए प्रेरित किए जाते हैं और उन्हें समाज में भागीदारी मिले।
अधिकारों की रक्षा: इस दिन का मौका होता है लोगों को विकलांग लोगों के अधिकारों की रक्षा करने और सुनिश्चित करने के लिए कि वे समाज में पूरी तरह से शामिल हों और समर्थ हों।
समाज में बदलाव: इस दिन के माध्यम से, समाज को विकलांगता के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने और समाज में सामाजिक समाहिति बढ़ाने की दिशा में प्रेरित किया जाता है।
विश्व विकलांग दिवस का महत्व
इस दिवस का महत्व बहुत है क्योंकि यह एक मंच प्रदान करता है जिसके माध्यम से विकलांगता को समझाया जा सकता है और उसके साथ समाज में सौहार्द्र और समर्थन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इस दिन के माध्यम से समाज को यह याद दिलाया जाता है कि हर व्यक्ति का अधिकार है एक समर्थ और समाहित समाज में शामिल होने का, और विकलांग लोगों को उनकी आवश्यकताओं के आधार पर समाज में समर्थ बनाए रखने का समर्थन करता है।
इस दिन का महत्व निम्नलिखित कारणों से है:
जागरूकता फैलाना: यह दिवस समाज में विकलांगता के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने में मदद करता है और लोगों को इस विषय में जागरूक करता है।
समर्थन बढ़ाना: इस दिन के माध्यम से, समर्थन की बढ़ती आवश्यकता को उजागर करते हुए विकलांग लोगों को समाज में और भी समर्थ बनाने का प्रयास किया जाता है।
अधिकारों की सुरक्षा: इस दिन के माध्यम से, विकलांग लोगों के अधिकारों की महत्वपूर्णता पर बल दिया जाता है और उन्हें समाज में समानिति की दिशा में बढ़ावा मिलता है।
समर्थ समाज की दिशा में प्रेरणा: यह दिन समर्थ समाज की दिशा में प्रेरित करता है जो सभी व्यक्तियों के साथ समानता और समाहिति का समर्थन करता है।
शिक्षा का महत्व समझाना: इस दिन के दौरान, लोगों को विकलांगता के साथ जीवन जीने के लिए शिक्षा की महत्वपूर्णता समझाने का मौका मिलता है।
समाज में संबंध बढ़ाना: यह दिवस समाज में विकलांग लोगों के साथ सबका संबंध बढ़ाने का एक माध्यम प्रदान करता है, जिससे समर्थ समाज बन सकता है।
विश्व विकलांग दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस का आयोजन पहली बार 3 दिसम्बर 1992 को हुआ था। इसकी शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) ने की थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1981 को “अंतर्राष्ट्रीय विकलांग व्यक्तियों का वर्ष” घोषित किया था। इस वर्ष के दौरान, संयुक्त राष्ट्र ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और उनके जीवन में समान अवसरों के महत्व पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कई कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित कीं। वर्ष 1992 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 दिसंबर को “विश्व विकलांग दिवस” के रूप में घोषित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया।
विश्व विकलांग दिवस कैसे मनाया जाता है?
इस दिवस को विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है और इसे लोगों के बीच जागरूकता और समर्थन बढ़ाने के लिए विभिन्न आयोजनों और कार्यक्रमों के साथ जोड़ा जाता है। यहां कुछ सामान्य तरीके हैं जिनसे इस दिन का आयोजन किया जाता है:
सेमिनार और वेबिनार: विभिन्न स्थानों पर सेमिनार और वेबिनार का आयोजन किया जाता है जिनमें विकलांगता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होती है और लोगों को जागरूक किया जाता है।
सामाजिक कार्यक्रम: लोग विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं जो विकलांग लोगों को समाज में समर्थन मिलता है और उन्हें अधिकारों का उपयोग करने का मौका मिलता है।
शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम: विकलांग दिवस पर लोगों को विकलांगता के प्रकारों, उनके अधिकारों, और समर्थन के बारे में जानकारी मिलती है।
कला और सांस्कृतिक कार्यक्रम: कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विकलांग कलाकारों को मंच पर लाने का प्रयास किया जाता है, जो उनकी शक्तियों को प्रदर्शित करते हैं और समर्थन मिलता है।
जागरूकता अभियान: लोग इस दिवस पर जागरूकता अभियानों का समर्थन करते हैं जो लोगों को विकलांगता के मुद्दों पर जागरूक करने का मकसद रखते हैं।
समूह और समाज सेवा: इस दिन के मौके पर लोग समूह और समाज सेवा कार्यों में भाग लेते हैं ताकि विकलांग लोगों को समाज में समाहिति मिले।
इन तरीकों से, अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस एक सामाजिक, सांस्कृतिक, और शैक्षिक आयोजन बन जाता है जो विकलांग लोगों के समर्थन में भाग लेने के लिए एक माध्यम प्रदान करता है और उन्हें समाज में समानता महसूस करने का मौका देता है।
FAQs
विश्व विकलांग दिवस प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को मनाया जाता है।
विश्व विकलांग दिवस का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और उनके जीवन में समान अवसरों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
यह दिवस कई देशों में विभिन्न कार्यक्रमों और समारोहों के साथ मनाया जाता है। इन कार्यक्रमों में आमतौर पर विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और उनके जीवन में समान अवसरों के बारे में व्याख्यान, चर्चा और प्रदर्शन शामिल होते हैं।
भारत में, विश्व विकलांग दिवस सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा मनाया जाता है। इस दिन, मंत्रालय विकलांग व्यक्तियों के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको विश्व विकलांग दिवस 2023 के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।