Vijay Diwas in Hindi 2024 : 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों की जीत के उपलक्ष्य में भारत में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है। इस युद्ध के परिणामस्वरूप एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का निर्माण हुआ। कैलेंडर में साल 1971 भारत को आजाद हुए अभी लगभग 24 साल ही हुए थे और उसके साथ आजाद हुए पाकिस्तान में भारी उथल पुथल मची हुई थी। इस समय पूर्वी पाकिस्तान के लोग सेना के जुल्म से कराह रहे थे। पश्चिमी पाकिस्तान का कहर पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर बढ़ता ही जा रहा था। तब वहां पर उदय हुआ मुक्ति वाहिनी सेना का। यह मुक्ति वाहिनी सेना में पूर्वी पाकिस्तान के आम लोगों के साथ ही अर्द्धसैनिक बल और सेना के लोग भी शामिल थे। इस ब्लाॅग में जानिए क्या थी मुक्ति वाहिनी बनने की पीछे की कहानी व भारत का इससे क्या संबंध है और भारत में विजय दिवस क्यों मनाया जाता है
This Blog Includes:
- विजय दिवस- एक सकारात्मक संदेश
- विजय दिवस का इतिहास क्या है?
- विजय दिवस कब मनाया जाता है?
- विजय दिवस क्यों मनाया जाता है?
- विजय दिवस का महत्व क्या है? (Vijay Diwas in Hindi 2024)
- विजय दिवस 2024 की थीम क्या है?
- 26 जुलाई को होने वाले विजय दिवस से कैसे अलग है?
- विजय दिवस पर 10 लाइन (10 Lines on Vijay Diwas in Hindi)
- Vijay Diwas पर कोट्स
- FAQs
विजय दिवस- एक सकारात्मक संदेश
वर्ष 1970 की पाकिस्तान में आम चुनाव का आयोजन हुआ और इस चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान के नेता शेख मुजीबुर रहमान की पार्टी अवामी लीग को 313 सीट में से 167 सीटों पर विजय मिली। इस जीत से अवामी लीग की सरकार बनना लगभग तय थी परंतु पश्चिमी पाकिस्तान ने इस चुनाव के परिणाम को मानने से मना कर दिया और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति याह्या खान में शेख मुजीबुर रहमान को जेल में डाल दिया। इसके साथ ही पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर पाकिस्तान की सेना ने जुल्म करना शुरू कर दिया।
इसी जुल्म से लड़ने के लिए बनाई गई मुक्ति वाहिनी सेना। इस सेना के लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना के ऊपर गुरिल्ला युद्ध के जरिए हमले शुरू कर दिए थे। इससे उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। मुक्ति वाहिनी सेना की मदद कर कर रही थी भारतीय सेना। भारतीय सेना ने मुक्ति वाहिनी सैनकों को ट्रेनिंग दी। इससे पाकिस्तान के अंदर खलबली मच गई और 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत पर हमला बोल दिया।
इसके बाद भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत-पाकिस्तान के बीच का युद्ध घोषित कर दिया था। इस युद्ध में पाकिस्तान ने 13 दिन में ही अपने घुटने टेक दिए और 16 दिसंबर 1971 को नए राष्ट्र का जन्म हुआ जिसका नाम था बांग्लादेश। भारत की सेना की मदद से मुक्तिवाहिनी ने पूर्वी पाकिस्तान को एक आजाद मुल्क के रूप में खड़ा कर दिया।
यह दिन हमें भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता, बलिदान और दृढ़ संकल्प की याद दिलाता है और शांति और न्याय के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह उत्पीड़ित लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
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विजय दिवस का इतिहास क्या है?
विजय दिवस का इतिहास के बारे में बात करें तो पूर्वी पाकिस्तान के लोगों में पश्चिमी पाकिस्तान में बैठे सत्ताधीश लोगों के बीच कई संघर्ष थे। आम चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान की पार्टी की विजय के बाद भी उनके नेता को जेल में डाल देना और उसके बाद वहां के लोगों का सैनिकों के जरिए पिटवाने के कारण आम जन मानस में पश्चिमी पाकिस्तान के प्रति रोष था। इसके लिए पूर्वी पाकिस्तान के आम लोगों ने मुक्ति वाहिनी सेना बनाई और पाकिस्तान के सैनिकों के साथ गोरिल्ला युद्ध शुरू कर दिया।
भारत ने मुक्तिवाहिनी सैनिकों को ट्रेनिंग दी। इस वजह से पाकिस्तान ने भारत पर 3 दिसंबर 1971 को हमला कर दिया भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तान को 13 दिनों में ही हरा कर आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया। इसके साथ ही पूर्वी पाकिस्तान को एक नया देश भी बना दिया जिसका नाम है बांग्लादेश। इसी जीत के उपलक्ष्य में विजय दिवस माना जाता है।
विजय दिवस कब मनाया जाता है?
16 दिसंबर को भारत में विजय दिवस (Vijay Diwas in Hindi 2024) के रूप में मनाते हैं। इस दिन भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया था। इस दिन ही पाकिस्तान की सेना ने 13 दिन के युद्ध के बाद अपने घुटने टेक दिए थे और भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इसी दिन को यादगार बनाने के लिए भारत में विजय दिवस मनाया जाता है।
विजय दिवस क्यों मनाया जाता है?
16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान को 13 दिनों के बाद युद्ध में हरा दिया था। इसी जीत के जश्न के रूप में हम विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने इस युद्ध में भारत के सामने घुटने टेक दिए थे। इस समय पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने अपने सैनिकों के साथ समर्पण किया था।
विजय दिवस का महत्व क्या है? (Vijay Diwas in Hindi 2024)
विजय दिवस (Vijay Diwas in Hindi 2024) का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है कि भारत ने पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांट कर एक नये राष्ट्र बांग्लादेश का निर्माण किया। भारत में 16 दिसंबर को पाकिस्तान को हरा कर यह उपलब्धि हासिल की। इसके साथ ही पाकिस्तान ने 93 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया। भारत ने पूर्वी पाकिस्तान के मुक्ति वाहिनी सेना के सैनिकों को ट्रेनिंग दी। जिस वजह से पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्ध शुरू कर दिया था।
विजय दिवस 2024 की थीम क्या है?
विजय दिवस 2024 (Vijay Diwas in Hindi 2024) की आधिकारिक थीम अभी तक घोषित नहीं की गई है। इसे आमतौर पर भारतीय सशस्त्र बलों और उनके बलिदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित किया जाता है। जानकारी उपलब्ध होते ही थीम को अपडेट किया जाएगा।
26 जुलाई को होने वाले विजय दिवस से कैसे अलग है?
26 जुलाई को होने वाला विजय दिवस को कारगिल विजय दिवस कहते हैं। 1999 में पाकिस्तान के जवान ने भारतीय क्षेत्र के कारगिल की ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था। भारत के जवानों ने इसका मुकाबला कर के इन्हें पाकिस्तान के कब्जे से छुड़ा लिया था। वहीं दिसंबर माह में होने वाला विजय दिवस 1971 की विजय का प्रतीक है।
विजय दिवस पर 10 लाइन (10 Lines on Vijay Diwas in Hindi)
विजय दिवस पर 10 लाइन (10 Lines on Vijay Diwas in Hindi) इस प्रकार है-
- विजय दिवस 16 दिसंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है, जो 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ़ युद्ध में भारत की जीत की याद में मनाया जाता है।
- यह दिन बताता है कि युद्ध के परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण के बाद एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
- इस दिन 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने अपने हथियार डाले, जो आधुनिक इतिहास में सबसे बड़े आत्मसमर्पणों में से एक था।
- भारतीय सशस्त्र बलों ने मुक्ति वाहिनी के साथ मिलकर पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) को आज़ाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी।
- यह दिन बताता है कि पूर्वी पाकिस्तान में व्यापक अत्याचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के कारण युद्ध छिड़ा था।
- आत्मसमर्पण ढाका के रमना रेस कोर्स में हुआ था और यह आयोजन भारत की सैन्य शक्ति और कूटनीति का प्रतीक है।
- विजय दिवस 13 दिनों के युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान का सम्मान करता है।
- युद्ध स्मारकों पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है और शहीदों और दिग्गजों को याद करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- यह गौरव का दिन है, जो न्याय, स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- विजय दिवस शांति के स्थायी महत्व और इसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक बलिदानों की याद दिलाता है।
Vijay Diwas पर कोट्स
(Vijay Diwas in Hindi पर कोट्स इस प्रकार है-
- मैं हूं भारतीय सेना का वीर जवान, कभी नहीं झुकने दूंगा भारत का मान, तिरंगा है मेरी आन, बान शान, कभी नहीं होने दूंगा भारत का अपमान।
- लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है, उछल रहा है जमाने में नाम-ए-आजादी। विजय दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं।
- दिल में हौसलों का तेज तूफान लिए फिरते हैं, आसमान से ऊंची हम अपनी उड़ान लिए फिरते हैं, वक्त क्या आजमाएगा हमारे जोश और जुनून को, हम तो हथेली पर अपनी जान लिए फिरते हैं।
- सिर्फ जश्न न मनाना, न ही सिर्फ झंडे लहराना, ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को तुम कभी न भुलाना, जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना, खुद के लिए नहीं, ये ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना।
FAQs
विजय दिवस 16 दिसंबर को मनाया जाता है।
कारगिल दिवस 26 जुलाई को मनाया जाता है।
राष्ट्रीय प्रेस डे मनाया जाता है।
पेंशनर दिवस मनाया जाता है।
यह 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी सेना के ऐतिहासिक आत्मसमर्पण का प्रतीक है। यह जीत भारत की सैन्य सफलता और मानवीय मूल्यों को बनाए रखने में उसकी भूमिका का प्रतीक है।
युद्ध 13 दिनों तक चला (3-16 दिसंबर, 1971) और इसका परिणाम पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाकिस्तान की दमनकारी कार्रवाइयों से हुआ। भारत ने मुक्ति आंदोलन का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप किया, जिसके परिणामस्वरूप 93,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया – द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा आत्मसमर्पण।
जनरल सैम मानेकशॉ (बाद में फील्ड मार्शल) सेना प्रमुख थे। युद्ध के दौरान भारत की सफलता में उनके नेतृत्व ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुक्ति वाहिनी (स्वतंत्रता सेनानी) पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली गुरिल्ला प्रतिरोध आंदोलन थे। भारत द्वारा समर्थित, उन्होंने पाकिस्तानी सेना को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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