Pongal in Hindi : जानिए क्या है चार दिवसीय पोंगल पर्व का इतिहास और महत्व

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Pongal in Hindi

विविध परंपराओं, संस्कृतियों और धर्मों से भरा देश भारत, त्योहारों की भूमि है। यहाँ सभी जाती और धर्म के लोग मिल जुलकर रहते है जिसके कारण यहाँ साल भर बहुत सारे त्योहार मनाए जाते हैं। कुछ प्रमुख त्योहारों में दिवाली, होली, ईद, क्रिसमस, नवरात्रि आदि शामिल हैं। इन्ही में से एक है पोंगल का त्यौहार जो बड़ी ही श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह दक्षिण भारत का एक प्रमुख त्योहार है जिसके बारे में कई बार विद्यालयों में भी पूछा जाता है। इस ब्लॉग में हम Pongal in Hindi के बारे में पढ़ेंगे। इसके साथ ही इस ब्लॉग के माध्यम से आपको पोंगल पर्व के इतिहास और महत्व के बारे में भी बताया जायेगा। आईये जानते हैं Pongal in Hindi के बारे में विस्तार से।

पोंगल क्या है?

पोंगल, दक्षिण भारत का एक प्रमुख त्यौहार है जो मुख्य रूप से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल राज्य में धूमधाम से मनाया जाता है। आपको बता दें कि जिस समय उत्तर भारत में मकर संक्रांति और लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है, ठीक उसी समय दक्षिण भारत में पोंगल का पर्व मनाया जाता है। दक्षिण भारत में इस पर्व को नए साल के रूप में मनाते हैं। यह त्योहार प्रतिवर्ष जनवरी के मध्य में ही मनाया जाता है। पारम्परिक रूप से ये पर्व चार दिनों तक चलता है। 

आपको बता दें कि तमिल में पोंगल का अर्थ होता है उबालना। ऐसे में इस दिन गुड़ और चावल को उबालकर सूर्य देव को चढ़ाया जाता है और इसी प्रसाद को ही पोंगल कहा जाता है। इस पर्व के दौरान वर्षा, धूप और कृषि से संबंधित चीजों की भी पूजा अर्चना की जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस पर्व का इतिहास क्या है?

पोंगल का इतिहास और महत्व 

कुछ इतिहासकारों के मुताबिक, इस पर्व का इतिहास लगभग 1,000 साल पुराना है। इस पर्व से जुडी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित है। एक प्रचलित कथा के अनुसार इस पर्व का इतिहास भगवान शिव व श्रीकृष्ण से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि एक बार भगवान शिव ने अपने बैल नंदी को हर दिन तेल मालिश करने और महीने में एक बार स्नान और भोजन करने के लिए पृथ्वी पर भेजा था। लेकिन नंदी ने घोषणा की कि वह  पृथ्वी पर पहुँचने के बाद प्रतिदिन भोजन करेगा और महीने में एक बार तेल से स्नान करेगा। यह सुनके भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने नंदी को हमेशा पृथ्वी पर रहने का श्राप दे दिया और कहा कि नंदी को खेतों में हल चलाना होगा और लोगों को भोजन पैदा करने में मदद करनी होगी। इसलिए फसल कटाई के बाद लोग फसलों और मवेशियों के साथ इस त्योहार को मनाते हैं। 

पोंगल 2024 में कब है?

भगवान सूर्य और नए फसल को समर्पित पोंगल पर्व की शुरुआत इस साल 15 जनवरी से हो रही है। वहीं इसका समापन 18 जनवरी को होगा। बता दें कि दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों में पोंगल का त्योहार 4 दिन तक मनाया जाता है। इसमें पहले दिन यानी 15 जनवरी को भोगी पांडिगई, दूसरे दिन थाई पोंगल, तीसरे दिन मट्टू पोंगल और 18 जनवरी यानी चौथे दिन को कन्या पोंगल मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पोंगल के दिन से ही तमिल नववर्ष की शुरुआत होती है। 

पोंगल क्यों मनाया जाता है?

सुख-समृद्धि का प्रतीक पोंगल का त्योहार मूल रूप से एक फसल कटाई का त्योहार है। इस पर्व को ‘धन्यवाद त्योहार’ भी माना जा सकता है क्योंकि इस समय लोग सूर्य देव और भगवान इंद्र को बेहतर उपज देने वाली फसल देने के लिए धन्यवाद करते हैं। लोग उनके सम्मान में घर के बाहर रंगोली बनाते हैं और खेत में उगी चीजों से सूर्यदेव को भोग लगाते है। साथ ही इस दौरान, लोग पुरानी चीजों को अस्वीकार कर नई चीजों का स्वागत करते हैं।

कैसे मनाया जाता है पोंगल का त्योहार? 

पोंगल का त्योहार बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। बता दें कि मुख्य रूप से दक्षिण भारत में मनाये जाने वाले इस पर्व को पूरे चार दिनों तक मनाया जाता है। इस दिन लोग सूर्य भगवान की पूजा करते हैं और नए बर्तन में दूध, चावल, काजू और गुड़ से पोंगल नाम का भोजन बनाते हैं और उस भोजन को सबसे पहले सूर्य भगवान को अर्पित करते हैं। इसी प्रसाद को ही पोंगल कहा जाता है। वहीं पूजा के बाद लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन लोग बुरी आदतों का भी त्याग करते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाये देते हैं। वहीं ऐसी भी मान्यता है कि पोंगल के त्योहार पर घर में मौजूद खराब वस्तुओं और चीजों को भी जलाया जाता है और नई वस्तुओं को घर लाया जाता है। वहीं इस दिन ही बैलों की लड़ाई होती है जो तमिलनाडु में काफी प्रसिद्ध है।

पोंगल के विश मैसेज

Pongal in Hindi के शुभ मौके पर अपने प्रियजनों के साथ खुशियाँ साझा करना न भूलें। यहां दिए गए सुंदर और विचारशील शुभकामनाओं, संदेशों को आप अपने प्रियजनों को भेज सकते हैं-

  • “आइए इस शुभ दिन को अपने जीवन के सबसे उज्ज्वल दिनों के रूप में मनाएं। आप सभी को पोंगल की शुभकामनाएँ!” 
  • “इस खूबसूरत दिन पर, मैं कामना करता/करती हूं कि आप भगवान का उपहार हमेशा प्राप्त कर सकें और वह हर छोटी चीज प्राप्त कर सकें जो आपने जीवन में चाहा है। मैं आपको समृद्ध और खुशहाल पोंगल की शुभकामनाएं देता हूं।” 
  • “मैं कामना करता हूं कि यह पोंगल आपके जीवन को प्यार, खुशी, समृद्धि, स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता से भर दे। आपको पोंगल की हार्दिक शुभकामनाएं।” 
  • “इस दिन को खुशी और उत्साह से भरे दिल के साथ मनाएं। इस पोंगल पर मैं आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं भेज रहा हूं।” 
  • “यह फसल उत्सव आपके जीवन को खुशी और समृद्धि से भर दे। आपको और आपके परिवार को पोंगल की शुभकामनाएँ।” 
  • “उभरते दूध और गन्ने की मिठास आपके जीवन को खुशियों और समृद्धि से भर दे। आपको पोंगल की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।”
  • “एक नई शुरुआत जीवन के शाश्वत रहस्यों में से एक है। आपको पोंगल की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।” 
  • “शुभ अग्नि आपके लिए खुशियाँ और खुशियाँ लाए और आपके दुख के सभी क्षणों को जला दे। आपको पोंगल की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।”
  • सबके चेहरे खिले हुए हैं मस्त, पोंगल के पावन पर्व पर, दुख हुआ है पस्त!
  • आपको पोंगल की हार्दिक बधाई, पोंगल के मटके में चावल के जैसे भगवान आपके दिल में भर दें प्यार, मुबारक हो आपक पोंगल का त्यौहार! हैप्पी पोंगल 2024!

FAQs

Pongal in Hindi के त्यौहार के दौरान क्या किया जाता है?

पोंगल के त्यौहार के दौरान, लोग पारंपरिक तमिल व्यंजन, जैसे पोंगल, सांभर, और पूरम, बनाते हैं और खाते हैं। वे पारंपरिक संगीत और नृत्य का भी आनंद लेते हैं।

पोंगल में किसकी पूजा की जाती है?

पोंगल में सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। इस के अलावा खेतिहर मवेशियों, इंद्रदेव, कृषि से संबंधी वस्तुओं की पूजा की जाती है। 

पोंगल का अर्थ क्या है?

तमिल में पोंगल का अर्थ होता है उबालना, इस दिन सुख-समृद्धि की कामना से चावल और गुड़ को उबालकर प्रसाद बनाया जाता है और फिर इसे सूर्यदेव को अर्पित किया जाता है, इसे ही पोंगल कहते हैं। 

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको Pongal in Hindi के बारे में विस्तृत जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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