भीष्म साहनी एक ऐसे कथाकार और लेखक थे, जिन्हें मुंशी प्रेमचंद के बाद महत्वपूर्ण कथाकारों में एक माना जाता है। भीष्म साहनी भारतीय साहित्य के महत्वपूर्ण लेखक, नाटककार होने के साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। उनकी रचनाओं ने समाज में व्याप्त उस समय की हर समस्या और उनकी गंभीरता को एक अनोखे अंदाज में उजागर किया। भीष्म साहनी की प्रमुख रचनाएं मुख्य रूप से मानवता, समाज और राजनीतिक मुद्दों पर आधारित हैं। भीष्म साहनी की रचनांए गहरी संवेदनशीलता, मानवीय दृष्टिकोण और सामाजिक मुद्दों पर एक गहरी समझ रखती हैं, जो दृष्टिकोण को व्यापकता देने में अपनी मुख्य भूमिका निभा सकती हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आप भीष्म साहनी की प्रमुख रचनाएं पढ़कर अपने जीवन को नई दिशा प्रदान कर पाएंगे।
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भीष्म साहनी के बारे में
हिन्दी साहित्य की अनमोल मणियों में से एक बहुमूल्य मणि भीष्म साहनी थे, जिन्हें आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में से एक कहना अनुचित न होगा। भीष्म साहनी के जीवन परिचय की बात करें तो वे एक कथाकार, नाटककार, निबंधकार, पटकथा लेखक और अनुवादक भी थे। भीष्म साहनी का जन्म 8 अगस्त, 1915 को पाकिस्तान के रावलपिंडी में हुआ था।
भीष्म साहनी के प्रभावशाली लेखन ने सामाजिक मुद्दों को प्रमुखता से उठाया, जिसमें उन्होंने दलितों, महिलाओं और गरीबों के शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ बड़ी ही प्रखरता से आवाज उठाई। भीष्म साहनी के उपन्यास “तमस” में भारत के विभाजन के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों का एक सशक्त चित्रण और उससे जन्मी पीड़ा देखने को मिल जाती है।
भीष्म साहनी जी की महान रचनाओं में “तमस, बसन्ती, मायादास की माडी, कुन्तो नीलू निलीमा निलोफर” आदि आती हैं। भीष्म साहनी को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें पद्म भूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी शामिल हैं। 11 जुलाई, 2003 को भीष्म साहनी का दिल्ली में निधन हुआ था।
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भीष्म साहनी की प्रमुख रचनाएं
भीष्म साहनी की प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित सूची में प्रकाशन वर्ष के साथ दी गई हैं –
भीष्म साहनी की प्रमुख रचनाएं | प्रकाशन का समय |
तमस | वर्ष 1974 |
बसंती | वर्ष 1980 |
माधवी | वर्ष 1982 |
हानूश | वर्ष 1977 |
कबीरा खड़ा बाजार में | वर्ष 1985 |
मुआवजे | वर्ष 1993 |
अमृतसर आ गया है | वर्ष 1979 |
झरोखे | वर्ष 1967 |
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भीष्म साहनी के लोकप्रिय उपन्यास
भीष्म साहनी की प्रमुख रचनाएं, उनके द्वारा लिखित लोकप्रिय उपन्यासों का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। भीष्म साहनी के लोकप्रिय उपन्यास कुछ इस प्रकार हैं;
- तमस
- झरोखे
- मय्यादास की माड़ी
- बसंती
- कुंतो
- नीलू निलिमा नीलोफर
- कड़ियाँ इत्यादि।
भीष्म साहनी की प्रसिद्ध कहानियां
भीष्म साहनी की प्रसिद्ध कहानियां पढ़कर आप साहित्य के सौंदर्य से परिचित हो पाएंगे। भीष्म साहनी की प्रसिद्ध कहानियां कुछ इस प्रकार हैं;
- भाग्य रेखा
- पहला पाठ
- भटकती राख
- पटरियाँ
- वांङ चू
- शोभायात्रा
- निशाचर
- मेरी प्रिय कहानियाँ
- अहं ब्रह्मास्मि
- अमृतसर आ गया
- चीफ़ की दावत
- पाली
- डायन
- गुलेल का खेल (बालोपयोगी कहानियाँ)
- वापसी इत्यादि।
भीष्म साहनी के लोकप्रिय नाटक
भीष्म साहनी के लोकप्रिय नाटक समाज का दर्पण बनने के साथ-साथ, समाज की गंभीर से गंभीर समस्याओं पर प्रखरता से समाज को जागरूक करते हैं। भीष्म साहनी की प्रसिद्ध कहानियां कुछ इस प्रकार हैं;
- हानूस
- कबिरा खड़ा बाज़ार में
- माधवी
- मुआवज़े इत्यादि।
भीष्म साहनी की आत्मकथा
भीष्म साहनी की आत्मकथा शीर्षक “आज के अतीत” है, इस आत्मकथा में उन्होंने अपने बचपन, परिवार, शिक्षा, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भागीदारी, विभाजन के समय के अनुभव, और साहित्यिक जीवन का विस्तार से वर्णन किया है। भीष्म साहनी की आत्मकथा न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की कहानी है, बल्कि इसमें उन्होंने उस समय के सामाजिक और राजनीतिक माहौल का भी बखूबी चित्रण किया है।
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FAQs
भीष्म साहनी की आत्मकथा का नाम “आज के अतीत” है।
वर्ष 1975 में भीष्म साहनी को अपने लोकप्रिय उपन्यास “तमस” के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
भीष्म साहनी के बड़े भाई का नाम बलराज साहनी है।
भीष्म साहनी को वर्ष 1998 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
तमस पुस्तक के लेखक का नाम “भीष्म साहनी” है, ये पुस्तक वर्ष 1974 में प्रकाशित की गई थी।
आशा है कि भीष्म साहनी की प्रमुख रचनाएं और उनके जीवन की आपको सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी, साथ ही यह पोस्ट आपको इंफॉर्मेटिव और इंट्रस्टिंग लगी होगी। इसी प्रकार की अन्य जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।