Indian Army Day in Hindi 2025 : भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन हमारे देश की रक्षा करने वाले सैनिकों की बहादुरी, बलिदान और समर्पण का सम्मान करता है। यह दिन 1949 के ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाता है जब जनरल के.एम. करिअप्पा (Field Marshal KM Cariappa) भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे। यह हमारे सशस्त्र बलों की निस्वार्थ सेवा को प्रतिबिंबित करने का समय है जो हमारी सीमाओं की रक्षा और शांति बनाए रखने के लिए अथक परिश्रम करते हैं। ये दिवस भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक की याद दिलाता है। आइए (Indian Army Day in Hindi) ब्लाॅग के माध्यम से उनकी देशभक्ति से प्रेरणा लें और अपने देश की प्रगति में योगदान देने का प्रयास करें।
Indian Army Day in Hindi | भारतीय सेना दिवस- मुख्य बिंदु |
तारीख | 15 जनवरी 2025 |
थीम | समर्थ भारत, सक्षम सेना |
समारोह का उद्देश्य | भारतीय सेना के योगदान, बलिदान और समर्पण को सम्मानित करना। |
इतिहास | भारतीय सेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है, क्योंकि 1949 में इसी दिन जनरल के.एम. करिअप्पा ने भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्यभार संभाला। |
विशेष आयोजन | सेना द्वारा आयोजित परेड, ध्वजारोहण, शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना और विभिन्न सैन्य प्रदर्शनी। |
मुख्य अतिथि | भारतीय राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री और प्रमुख सैन्य अधिकारी। |
सैन्य परेड | दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड पर होती है, जिसमें भारतीय सेना की विभिन्न शाखाओं द्वारा प्रदर्शित ताकत और समर्पण को दिखाया जाता है। |
This Blog Includes:
- भारतीय सेना दिवस (Indian Army Day in Hindi)
- भारतीय सेना दिवस का इतिहास क्या है?
- भारतीय सेना दिवस कब मनाया जाता है?
- भारतीय सेना दिवस क्यों मनाया जाता है?
- भारतीय सेना दिवस 2025 की थीम क्या है?
- भारतीय सेना दिवस का महत्व क्या है?
- भारतीय सेना दिवस कैसे मनाया जाता है?
- इंडियन आर्मी की स्थापना किसने की?
- भारतीय सेना दिवस पर 10 लाइन (10 Lines on Indian Army Day in Hindi)
- फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा कौन थे?
- सेना दिवस परेड क्या होती है?
- FAQs
भारतीय सेना दिवस (Indian Army Day in Hindi)
हर साल 15 जनवरी को मनाया जाने वाला भारतीय सेना दिवस हमारे देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के साहस, समर्पण और बलिदान का सम्मान करता है। यह दिन 1949 के ऐतिहासिक क्षण को दर्शाता है जब जनरल के.एम. करिअप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे। इस समारोह में परेड, सैन्य प्रदर्शनियां और शहीद नायकों को श्रद्धांजलि शामिल हैं। यह हमें हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी की याद दिलाता है और हमें अपने देश के विकास और सुरक्षा में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।
भारतीय सेना दिवस का इतिहास क्या है?
भारतीय सेना दिवस 15 जनवरी को भारतीय सेना की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। यह 1949 का वह दिन है जब जनरल के.एम. करिअप्पा अंग्रेजों से पदभार ग्रहण करके भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे। यह ऐतिहासिक घटना भारत की स्वतंत्रता और ब्रिटिश शासन से स्वशासन में परिवर्तन का प्रतीक है। इस दिन सैन्य परेड, शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि और राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति में सेना के योगदान को मान्यता देने के लिए समारोह आयोजित किए जाते हैं।
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भारतीय सेना दिवस कब मनाया जाता है?
भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह भारतीय सैनिकों की बहादुरी, बलिदान और समर्पण का सम्मान करता है। 1949 में इसी दिन जनरल के.एम. करिअप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे।
भारतीय सेना दिवस क्यों मनाया जाता है?
वर्ष 1947 में भारत को पूर्ण स्वराज मिलने के बाद भी भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश भारत के अंतिम कमांडर-इन-चीफ ‘जनरल फ्रांसिस बुचर’ के हाथों में ही थी लेकिन 15 जनवरी 1949 को के एम करिअप्पा पहले ऐसे अधिकारी बने जिन्होंने स्वतंत्र भारत में लेफ्टिनेंट जनरल का पदभार संभाला था। यह दिन ना केवल भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण होता है बल्कि भारतीय इतिहास के स्वर्णिम दिनों में भी अहम माना जाता है।
वह आजाद भारत के पहले भारतीय सैन्य अधिकारी थे और भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में उन्होंने ही भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। बाद में करियप्पा भारत के दूसरे फील्ड मार्शल भी बने। ‘फील्ड मार्शल के एम करियप्पा’ के सम्मान में ही हर वर्ष 15 जनवरी को ‘भारतीय सेना दिवस’ (Indian Army Day in Hindi) मनाया जाता है।
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भारतीय सेना दिवस 2025 की थीम क्या है?
भारतीय सेना दिवस परेड की थीम 2025 में समर्थ भारत, सक्षम सेना निर्धारित गई है। आपको बता दें इस थीम में भारतीय सेना की ताकत और आत्मनिर्भरता तथा बहादुरी के माध्यम से राष्ट्र की रक्षा करने की क्षमता पर जोर दिया गया है। यह उन सैनिकों की प्रतिबद्धता को उजागर करता है जो अटूट समर्पण और वीरता के साथ भारत की सीमाओं की रक्षा करते हैं।
भारतीय सेना दिवस का महत्व क्या है?
भारतीय सेना दिवस का बहुत महत्व है क्योंकि यह देश की रक्षा करने वाले भारतीय सैनिकों की बहादुरी, बलिदान और समर्पण का सम्मान करता है। 15 जनवरी को मनाया जाने वाला यह दिन 1949 का वह दिन है जब जनरल के.एम. करिअप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे। यह दिन हमें शांति, सुरक्षा और देश की संप्रभुता बनाए रखने में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है।
भारतीय सेना दिवस कैसे मनाया जाता है?
भारतीय सेना दिवस (Indian Army Day in Hindi) को सेलिब्रेट करने के तरीके यहां बताए जा रहे हैं-
- गर्व परेड: भारतीय सेना की ताकत का प्रदर्शन करते हुए एक भव्य सैन्य परेड आयोजित की जाती है।
- सैनिकों को श्रद्धांजलि: देश के लिए शहीद हुए सैनिकों को याद किया जाता है और उन्हें सम्मानित किया जाता है।
- ध्वजारोहण: विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
- सैन्य प्रदर्शनियाँ: विभिन्न सैन्य हथियार और उपकरण प्रदर्शित किए जाते हैं।
- पुरस्कार और सम्मान: बहादुर सैनिकों को उनकी सेवा और साहस के लिए पदक से सम्मानित किया जाता है।
- भाषण और समारोह: लोग और नेता सेना की भूमिका की सराहना करने के लिए भाषण देते हैं।
इंडियन आर्मी की स्थापना किसने की?
भारत पर ब्रिटिश हुकूमत का राज होने से पहले यह अनेक रियासतों में बटा हुआ था। इन रियासतों में राजा-महाराजाओं, नवाबों और निजाम का अपना सैन्य दल हुआ करता था। किंतु ब्रिटिश हुकूमत का भारत पर आधिपत्य स्थापित होने के बाद अंग्रेजों ने व्यवस्थित सैन्य दल का गठन किया। इन सैन्य दलों में कालांतर में भारतीय सैनिकों को भी शामिल किया गया। ये वो समय था जब भारतीय सेना ब्रिटिश आर्मी का ही एक हिस्सा हुआ करता था।
इसके बाद ब्रिटिश हुकूमत ने अपनी तत्कालीन राजधानी कोलकाता से व्यवस्थित रूप से भारतीय सेना का गठन 1 अप्रैल, 1895 को किया था। उस समय इस सेना को ब्रिटिश भारतीय सेना के नाम से जाना गया। लेकिन भारत को स्वराज मिलने के बाद यह सेना भारतीय सेना बन गई।
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भारतीय सेना दिवस पर 10 लाइन (10 Lines on Indian Army Day in Hindi)
भारतीय सेना दिवस पर 10 लाइन (10 Lines on Indian Army Day in Hindi) यहां बताई जा रही हैं जिससे आपको इस दिन की महत्वता आसानी से समझ आएगी-
- भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है।
- यह भारतीय सेना के जवानों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करता है।
- यह दिन 1949 में जनरल के.एम. करिअप्पा की नियुक्ति का प्रतीक है, जिन्हें पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में नियुक्त किया गया था।
- सेना दिवस परेड भारत की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित की जाती है।
- विभिन्न सैन्य प्रदर्शनियों और हथियारों के प्रदर्शन का आयोजन किया जाता है।
- देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
- यह दिन देशभक्ति और सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान की प्रेरणा देता है।
- बहादुर सैनिकों को उनकी असाधारण सेवा के लिए पुरस्कार और पदक प्रदान किए जाते हैं।
- इस दिन कई आयोजन राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति के प्रति सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
- यह दिन देश की रक्षा के लिए सैनिकों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है।
फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा कौन थे?
के एम करिअप्पा का पूरा नाम ‘कोडंडेरा एम. करियप्पा’ (Kodandera Madappa Cariappa) है। उनका जन्म 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में हुआ था। फील्ड मार्शल करियप्पा ने महज 20 साल की उम्र में ही ‘ब्रिटिश इंडियन आर्मी’ में नौकरी शुरू कर दी थी। वहीं, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बर्मा (वर्तमान म्यांमार) में जापानी सेना को शिकस्त देने के लिए उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर’ का सम्मान भी मिला था।
करिअप्पा ने वर्ष 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था। बता दें कि लेह को भारत का हिस्सा बनाने में करिअप्पा की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। वहीं भारत-पाकिस्तान के विस्थापन के वक्त उन्हें ही दोनों देशों की सेनाओं के बंटवारे की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
बता दें कि के एम करिअप्पा के नेतृत्व में ही भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को कारगिल व अन्य स्थानों पर करारी शिकस्त दी थी। वर्ष 1953 में भारतीय सेना से सेवानिवृत होने के बाद करियप्पा कुछ वर्ष तक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भारत के उच्चायुक्त भी रहे। वहीं, वर्ष 1993 में 94 वर्ष की आयु में अपने गृह स्थान बेंगलुरु में उनका निधन हो गया।
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सेना दिवस परेड क्या होती है?
सेना दिवस परेड 15 जनवरी को भारतीय सेना के साहस और समर्पण का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक विशेष कार्यक्रम है। इसमें सैनिकों, हथियारों और वाहनों द्वारा मार्च सहित सैन्य शक्ति का भव्य प्रदर्शन होता है। परेड सैनिकों के बलिदान का सम्मान करती है और भारत की रक्षा शक्ति और एकता को प्रदर्शित करती है।
FAQs
हर वर्ष 15 जनवरी को भारतीय सेना के सम्मान में भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है।
भारतीय सेना दिवस भारत के दूसरे फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा के सम्मान में मनाया जाता है।
15 जनवरी 1949 को ही के एम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। इसीलिए ही हर वर्ष 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है।
बता दें कि इस वर्ष भारत अपना 77वां सेना दिवस मनाएगा।
भारतीय सेना दिवस 2025 15 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा।
यह भारतीय सेना के सैनिकों की बहादुरी, बलिदान और समर्पण का सम्मान करता है और 1949 में उस दिन को चिह्नित करता है जब जनरल के.एम. करिअप्पा पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे।
इस दिन भव्य सेना दिवस परेड, सैन्य प्रदर्शनियाँ, शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि और बहादुर कर्मियों को पुरस्कार प्रदान करना शामिल है।
जनरल के.एम. करिअप्पा 15 जनवरी 1949 को कार्यभार संभालने वाले भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ थे।
छात्र स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेकर, परेड देखकर और देश की रक्षा में सेना की भूमिका के बारे में सीखकर भाग ले सकते हैं। वे चर्चा आयोजित करने या निबंध लिखने जैसी गतिविधियों के माध्यम से भी सम्मान दिखा सकते हैं।
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