जानिए UNESCO विश्व धरोहर स्थल की लिस्ट में शामिल ताजमहल का इतिहास

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ताजमहल

हमारे देश भारत में 33 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक स्थल और 1 मिश्रित  विश्व धरोहर स्थल है। आपको बता दें कि UNESCO World Heritage Sites में सबसे पहले 1983 में अजंता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, ताजमहल और आगरा के किले को शामिल किया गया था। उसके बाद धीरे धीरे कई स्थल जुड़ते चले गए। इसी कड़ी में आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे ताजमहल के बारे में। तो आईये जानते हैं इसके बारे में:

ताजमहल का संक्षिप्त इतिहास 

दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल का निर्माण मुग़ल शासक शाहजहाँ ने करवाया था। ताजमहल को मुमताज़ का मकबरा” भी कहा जाता है क्योंकि मुग़ल शासक शाहजहाँ ने इसे अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनाया था। इस ऐतिहासिक महल का निर्माण एक जटिल और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया थी जिसे पूरा करने में तकरीबन 20 वर्ष लगे।

मुगल वास्तुकला की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए, ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनाया गया था। इस महान ऐतिहासिक इमारत की सुंदरता और महत्वता के कारण साल 1983 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अब यह दुनिया भर के लोगों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।

शाहजहां की तीसरी पत्‍नी थी मुमताज

ताजमहल केवल एक खूबसूरत स्‍मारक ही नहीं बल्कि यह पति-पत्‍नी के बीच अपार प्रेम का भी प्रतीक है। शाहजहां ने इसे इतना सुंदर बनाया कि इसे देखते ही लोगों को इससे प्‍यार हो जाता है। यही वजह है कि हर साल लाखों लोग इसे देखने आगरा पहुंचते हैं। आप ने अब तक ताजमहल के बारे में बहुत कुछ सुना होगा, लेकिन आज हम आपको इससे जुड़े अन्य तथ्‍यों के बारे में बताएंगे।

मुमताज शाहजहां की तीसरी पत्‍नी थी। अपने चौदहवें बच्‍चे को जन्‍म देने के बाद मुमताज की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद शाहजहां इतने टूट गए थे, कि कुछ ही दिनों में उनके बाल और दाढ़ी सफेद हो गई थी। इसी के बाद ही उन्होंने ताजमहल का निर्माण कराया।

ताजमहल का पूरा नाम क्या है?

ताजमहल का पूरा नाम “दीवान-ई -ख़ास- ई – खुसरो” है। यहाँ मुमताज के मकबरे के साथ साथ शाहजहां का मकबरा भी बना हुआ है।

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