स्कूल के सिलेबस में चंद्रयान 3 से जुड़े चैप्टर जोड़ेगा NCERT 

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school ke syllabus mein chandrayaan 3 ke courses jodega ncert

NCERT लगातार स्टूडेंट्स के बौद्धिक विकास के लिए नए नए प्रयोग करता रहता है। इसी क्रम में NCERT स्कूल के सिलेबस में चंद्रयान 3 से जुड़े कोर्सेज जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। इसके अलावा NCERT नारी सशक्तिकरण, कोरोना प्रबंधन और भारतीय लोकतंत्र से जुड़े कोर्सेज भी शुरू करेगा। NCERT के द्वारा यह फैसला न्यू एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के अंतर्गत लिया गया है। 

भारत की उपलब्धियों से छात्रों को मिलेगी जानकारी 

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार चंद्रयान 3 से जुड़े कोर्सेज को स्कूल सिलेबस में जोड़ने के पीछे का उद्देश्य छात्रों को भारत की गौरवशाली उपलब्धियों के बारे में बताना है। चंद्रयान 3 से जुड़े कोर्सेज को पढ़ने के बाद स्टूडेंट्स भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के संघर्ष और मेहनत के बारे में जान सकेंगे और उनसे प्रेरणा ले सकेंगे। 

10 मॉड्यूल में तैयार किए जाएंगे चंद्रयान 3 चैप्टर 

NCERT के द्वारा चंद्रयान 3 से जुड़े 10 मॉड्यूल तैयार किए गए हैं। इन मॉड्यूल्स में चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग से जुड़े विभिन्न आयामों, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तकनीकी, सांस्कृतिक और सामाजिक पहलुओं को शामिल किया गया है। स्टूडेंट्स चाहे तो NCERT की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर इन मॉड्यूल्स के बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं। इन मॉड्यूल्स को तैयार करते समय ISRO के वर्तमान चेयरमैन की मदद ली गई है। इन 10 मॉड्यूल्स के आधार पर ही चंद्रयान 3 से जुड़े कोर्सेज तैयार किए जाएंगे।  

चंद्रयान 3 चैप्टर से स्टूडेंट्स को होने वाले फायदे 

चंद्रयान 3 चैप्टर निम्नलिखित रूप से स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद साबित होगा-

  • चंद्रयान 3 से जुड़े चैप्टर से स्टूडेंट्स के अंदर वैज्ञानिक विषयों के प्रति रूचि का विकास होगा। 
  • चंद्रयान 3 चैप्टर से स्टूडेंट्स में वैज्ञानिक सोच और तकनीकी समझ का दायरा बढ़ेगा। 
  • जब स्टूडेंट्स छोटी कक्षाओं से ही रॉकेट साइंस जैसी अवधाराणाओं को पढ़ेंगे तो आगे जाकर उन्हें फ़िज़िक्स से जुड़े दूसरे कंसेप्ट्स को समझने में आसानी होगी। 
  • वैज्ञानिकों के संघर्षों और मेहनत के बारे में पढ़कर छात्र भी वैज्ञानिक बनने के लिए प्रेरित होंगे। 
  • स्टूडेंट्स में नए इनोवेटिव आइडियाज़ का विकास होगा। 
  • चंद्रयान 3 से जुड़े चैप्टर छात्रों के अंदर नए वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करने में मददगार साबित होंगे। 

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