भारत के इतिहास पर सही रूप से प्रकाश डाला जाए, तो आप पाएंगे कि भारतीय इतिहास ऐसे राजवंशों के वर्चस्व से उल्लेखित है, जिनकी उपलब्धियों ने प्रजाहितों को सर्वोपरि रखा। विद्यार्थी जीवन में आपको इतिहास की पुस्तकों में आमेर के राजा सवाई जयसिंह के जीवन परिचय के बारे में पढ़ने को मिल ही जाता है। इस पोस्ट के माध्यम से विद्यार्थियों को आमेर के शासक सवाई जयसिंह की मृत्यु कब हुई पता चलेंगी। इसके बारे में पढ़ने के लिए, आपको इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना चाहिए।
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सवाई जयसिंह का जीवन परिचय
अठारहवीं सदी में भारत में राजस्थान के आमेर राज्य के सूर्यवंशी कछवाहा राजवंश के सर्वाधिक प्रतापी शासक सवाई जयसिंह का जन्म 3 नवम्बर, 1688 ई में आमेर में हुआ था। सवाई जयसिंह की बचपन से ही खगोल विज्ञान में काफी रूचि थी, जिसका अध्ययन उन्होंने बचपन से करना शुरू कर दिया था। अपने पिता की मृत्यु के बाद मात्र 11 वर्ष की आयु में आमेर की गद्दी को संभालने वाले सवाई जयसिंह ने खगोलशास्त्र, वास्तुकला, नगर-नियोजन, कला और साहित्य के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सवाई जयसिंह का वह आमेर के वीर और बहुत ही कूटनीतिज्ञ राजा थे, जिन्होंने बचपन में ही अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय देकर औरंगज़ेब जैसे बादशाह को भी प्रभावित कर दिया था। उस समय औरंगज़ेब ने भी अनुभव कर लिया था कि मुग़ल साम्राज्य की सत्ता बनाये रखने के लिए, जयसिंह का सहयोग प्राप्त करना अति आवश्यक है।
आमेर के शासक सवाई जयसिंह की मृत्यु कब हुई
21 सितम्बर 1743 में, आमेर के शासक सवाई जयसिंह द्वितीय की मृत्यु हुई थी। उनका अंतिम संस्कार आमेर में हुआ था। आमेर पर 36 वर्षों तक निरंतर शासन करने वाले जयसिंह ने आमेर को एक समृद्ध और विकसित राज्य में बदला। उन्होंने कई भव्य इमारतें बनवाईं, जिनमें जयपुर शहर, जलमहल, और आमेर का किला शामिल हैं। उन्होंने खगोल विज्ञान और गणित में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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FAQs
सवाई जयसिंह ने लगभग चार मुगल शासकों की सेवा की।
जयसिंह आमेर के शासक थे, उन्होंने जयपुर शहर और जंतर मंतर के नाम से प्रसिद्ध वेधशालाओं की स्थापना की।
जय सिंह द्वितीय को सवाई की उपाधि औरंगज़ेब ने दी थी।
आशा है कि सवाई जयसिंह की मृत्यु कब हुई, के बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी। इतिहास से संबंधित ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए जुड़े रहिये Leverage Edu के साथ।