क्या आप सोच रहे हैं Satyasatya Mein Kaun Sa Samas Hai? तो आपको बता दें कि सत्यासत्य में द्वंद्व समास होता है। यह जानने से पहले कि द्वंद्व समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है। सत्यासत्य में कौन सा समास है तो आप जान गए हैं, अब इस ब्लॉग में जानेंगे सत्यासत्य का समास विग्रह, द्वंद्व समास क्या होता है और साथ ही द्वंद्व समास के कुछ अन्य उदाहरण।
Satyasatya Mein Kaun Sa Samas Hai?
सत्यासत्य में द्वंद्व समास होता है और इसका अर्थ सत्य और असत्य होता है।
द्वंद्व समास क्या होता है?
द्वंद्व समास, समास का वह रूप जिसमें प्रथम और द्वितीय दोनों पद प्रधान होते हैं उसे द्वंद्व समास कहते हैं। जैसे- अच्छा-बुरा (अच्छा या बुरा), आजकल (आज और कल)। ‘द्वंद्व समास’ के उदाहरण इस प्रकार हैं:
- शस्त्रास्त्र = शस्त्र और अस्त्र
- शीतातप = शीत या आतप
- अन्न-जल = अन्न और जल
- यशापयश = यश या अपयश
- शीतोष्ण = शीत या उष्ण
- दाल-रोटी = दाल और रोटी
- धर्माधर्म = धर्म या अधर्म
- जलवायु = जल और वायु
- सुरासुर = सुर या असुर।
सत्यासत्य का समास विग्रह
सत्यासत्य द्वंद्व समास का उदाहरण है और यह दो शब्दों का जोड़ है। सत्यासत्य शब्द का समास विग्रह होता है- सत्य और असत्य।
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उम्मीद है कि Satyasatya Mein Kaun Sa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बने रहें।