रक्षा बंधन, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और मनमोहक त्योहार है, जो भाई-बहन के रिश्ते की ताकत और सुंदरता को सम्मानित करता है। यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो भारतीय पंचांग के अनुसार अगस्त के आस-पास आता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र (राखी) बांधती हैं, जो न केवल उनके प्रेम और सुरक्षा के लिए होती है, बल्कि एक मजबूत और अटूट रिश्ते की भावना को भी दर्शाती है। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं। इसलिए इस ब्लॉग में रक्षा बंधन (Raksha Bandhan in Hindi) का महत्व और इसकी शुरुआत कैसे हुई के बारे में बताया गया है।
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रक्षा बंधन क्या है?
एक विशेष हिंदू त्योहार है जो भाई और बहन के बीच प्यार के प्रतीक के रूप में भारत और नेपाल जैसे देशों में मनाया जाता है। यह त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त में आता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र (राखी) बांधती हैं, जो उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उन्हें सुरक्षा का आश्वासन देते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का अवसर होता है और परिवार के बीच प्यार और स्नेह को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, रक्षा बंधन पर विशेष पकवान भी बनाए जाते हैं और लोग पारंपरिक तरीके से त्योहार को मनाते हैं।
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रक्षाबंधन का इतिहास क्या है?
रक्षा बंधन के इतिहास को दर्शाती हुई कुछ पौराणिक कहानियाँ : (History of Raksha Bandhan in Hindi) यहाँ बताई गई हैं :
- द्रौपदी और कृष्ण की कहानी : महाभारत में एक समय ऐसा था जब युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ का आयोजन किया था और उसमें सभी राजा महाराजा उपस्थित थे। इस दौरान वहां श्रीकृष्ण के भांजे शिशुपाल भी भी थे। जब शिशुपाल ने श्रीकृष्ण का अपमान किया, तो श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल को मार दिया। चक्र के लौटते समय कृष्णजी की छोटी उंगली सुदर्शन चक्र से घायल हो गई और रक्त बहने लगा। इसके बाद द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की उंगली पर अपनी साड़ी का पल्लू लगा दिया था, फिर श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि वह इस रक्षा सूत्र की मर्यादा रखेंगे। काफी समय बाद महाभारत में जब द्रौपदी का कौरवों ने चीरहरण किया, तो श्रीकृष्ण ने चीर बढ़ाकर द्रौपदी की लाज बचाई। मान्यता है कि श्रावण पूर्णिमा का दिन था जब द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की उंगली पर साड़ी का पल्लू बांधा था।
- यमराज और यमुना की कथा : पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमुना मृत्यु के देवता यमराज को अपना भाई मानती थी। एक बार यमुना ने अपने छोटे भाई यमराज को लंबी उम्र देने के लिए रक्षासूत्र बांधा था, जिसके बदले में यमराज ने यमुना को अमर होने का वरदान दे दिया था, जिसके बाद से यह परंपरा हर श्रावण पूर्णिमा को निभाई जाती है। कहा जाता है कि जो भाई रक्षा बंधन के दिन अपनी बहन से राखी बंधवाते हैं, यमराज भी उनकी रक्षा करते हैं।
रक्षाबंधन का महत्व क्या है?
रक्षाबंधन का महत्व (Importance of Raksha Bandhan in Hindi) यहाँ बताया गया है :
- रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और मजबूती को दर्शाता है। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते में स्नेह, प्यार और विश्वास को बढ़ावा देता है।
- इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि भाई अपनी बहन की सुरक्षा और समर्थन की जिम्मेदारी लेते हैं।
- रक्षाबंधन पर परिवार के सभी सदस्य एकत्र होते हैं, जिससे परिवार में एकता और सामंजस्य बढ़ता है। यह त्योहार परिवार की पारंपरिक और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का भी एक तरीका है।
- यह त्योहार हिंदू धर्म के विभिन्न पौराणिक कथाओं और इतिहास से जुड़ा हुआ है, जो इसे भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।
- रक्षाबंधन समाज में भाई-बहन के रिश्ते की सुंदरता और महत्वपूर्णता को दर्शाता है और समाज को रिश्तों में प्यार और समझ बढ़ाने का संदेश देता है।
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रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?
रक्षाबंधन, एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जो हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते की विशेषता और अहमियत को मान्यता देता है। इस त्यौहार को मनाने के मुख्य कारण यहाँ दिए गए हैं :
- रक्षाबंधन का प्रमुख उद्देश्य भाई-बहन के रिश्ते की रक्षा और प्रेम को संजोना है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है।
- भारतीय पौराणिक कथाओं में इस त्योहार के मनाने की कई धार्मिक कहानियाँ हैं। एक प्रमुख कथा के अनुसार, रक्षाबंधन का प्रारंभ देवताओं और राक्षसों के बीच हुए युद्ध के संदर्भ में माना जाता है, जिसमें दैवीय शक्ति ने राक्षसों के खिलाफ रक्षा के लिए इस दिन को महत्वपूर्ण बताया गया।
- यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करता है और पारिवारिक प्रेम और एकता को बढ़ावा देता है और समाज में भाईचारे की भावना को प्रोत्साहित करता है।
साल 2024 में कब मनाया जाएगा रक्षा बंधन
साल 2024 में सावन माह की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उससे रक्षा का वचन लेती हैं। भाई इस दिन बहन को अपने प्रेम के रूप में उपहार देते हैं।
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रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है?
रक्षाबंधन को मनाने के बारे में यहाँ बताया गया है :
- इस दिन घर को सजाया जाता है और विशेष पकवान तैयार किए जाते हैं। बहन अपने भाई के लिए एक राखी और मिठाइयाँ खरीदती है।
- बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। राखी बांधने से पहले, वह भाई की आरती करती है और उन्हें तिलक करके उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है।
- भाई राखी बांधने के बदले में अपनी बहन को उपहार देते हैं।
- इस अवसर पर मिठाइयाँ खाई जाती हैं और परिवार के लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं और आशीर्वाद देते हैं।
- कई जगह पर इस त्योहार को पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है, जिसमें पारिवारिक मिलन और विशेष पूजा शामिल होती है।
रक्षाबंधन से जुड़े रोचक तथ्य
रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार रक्षाबंधन से जुड़े तथ्य (Facts About Raksha Bandhan in Hindi) यहाँ दिए गए हैं :
- रक्षाबंधन शब्द “रक्षा” और “बंधन” शब्दों से मिलकर बना है। “रक्षा” का अर्थ है “सुरक्षा” और “बंधन” का अर्थ है “बंधन”।इस प्रकार, रक्षाबंधन का अर्थ है “सुरक्षा का बंधन”।
- रक्षाबंधन के दौरान बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं। वहीं, भाई अपनी बहनों को सुरक्षा और सहायता प्रदान करने का वचन देते हैं।
- हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान इंद्र राक्षसों से लड़ने जा रहे थे, तो उनकी पत्नी इंद्राणी ने उनकी कलाई पर एक धागा बांधा था। साथ ही रिश्ते की अहमियत भी बदल गई और अब यह भाई बहनों का त्यौहार बन गया।
- रक्षा बंधन को देशभर में “राखी पूर्णिमा”, या “राखी”, या “राखरी” के नाम से भी जाना जाता है।
- नेपाल के पहाड़ी इलाकों में, रक्षाबंधन के दौरान अपने गुरु के हाथ में राखी बांधने की परंपरा हैं।
- मराठी समुदाय में, रक्षाबंधन का त्यौहार कुछ अनोखी परंपराओं के साथ मनाया जाता है, जिनमें जनेऊ बदलना और समुद्र की पूजा करना शामिल हैं।
- रक्षा बंधन, सावन का आखिरी दिन होता है, इसी कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहा जाता है।
- महाराष्ट्र राज्य में रक्षा बंधन को नारियल पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
- केवल भारत में ही नहीं बल्कि रक्षा बंधन का त्यौहार नेपाल और मॉरिशस में भी मनाया जाता है।
- राखी हमेशा दाहिने हाथ की कलाई पर बाँधी जाती है। इसके पीछे कई धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं।
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FAQs
रक्षा बंधन का त्योहार इस साल 19 अगस्त 2024 को सुबह 3:04 बजे से शुरू होकर रात 11:55 बजे तक रहेगा।
रक्षा बंधन भाई बहनों के बीच निःस्वार्थ प्रेम का त्योहार है। रक्षाबंधन एक परंपरागत भारतीय त्योहार है जिसमें बहन अपने भाई के कलाई पर रक्षा बंधती है और उनकी लम्बी आयु और सुरक्षा की कामना करती है।
रक्षा बंधन की शुरुआत लगभग 6 हजार वर्ष पहले होने का अनुमान लगाया जाता है।
रक्षा बंधन श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार आता है (जुलाई या अगस्त महीने में)।
रक्षाबंधन में बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है, जो एक परिप्रेक्ष्य में आभूषण होता है। इसके बाद, वे एक दूसरे को मिठाइयों और उपहारों के साथ बधाई देते हैं।
रक्षाबंधन का महत्व बहन और भाई के प्यार और सख्त बंधन को साझा करने में होता है। यह एक परिवारिक त्योहार है जो परिवार के सदस्यों को एक साथ लाता है और उनके आपसी संबंधों को मजबूती देता है।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Raksha Bandhan in Hindi से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।