नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) प्राइवेट मेडिकल काॅलेज में MBBS में स्टूडेंट्स के एडमिशन को वेरिफाई करेगा। इस दौरान कैंडिडेट को केंद्रीय और राज्य परामर्श प्रक्रिया के बिना प्रवेश दिया गया तो एडमिशन कैंसल कर दिया जाएगा। NMC की ओर से यह वेरिफिकेशन इसलिए किया जा रहा है जिससे MBBS में अवैध प्रवेश (illegal entries) या भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेडिकल में प्रवेश को पारदर्शी बनाने के लिए NMC ने जुलाई 2023 में एक पत्र के माध्यम से अधिकारियों से निजी मेडिकल कॉलेजों में एकेडमिक से लेकर सभी राउंड के लिए ऑनलाइन मोड में काउंसलिंग (UG और PG) आयोजित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिए कहा था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 2023-24 सत्र के लिए कुछ कॉलेजों में अनधिकृत प्रवेश (illegal entries) हुए हैं और प्रवेश प्रक्रिया के दौरान स्टूडेंट्स को परेशानी भी हुई है तो ऐसे में NMC द्वारा वेरिफिकेशन के बाद जालसाजी और धोखाधड़ी के माध्यम से हासिल की गई सीटों पर एडमिशन रद कर दिया जाएगा।
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फेयर एडमिशन वाले काॅलेजों पर नहीं होगी कार्रवाई
अधिकारी ने आगे बताया कि यदि काॅलेजों ने धोखाधड़ी और जालसाजी की है तो उन्हें बुक किया जाएगा क्योंकि प्रवेश रद होने क बाद सीटें खाली रह जाएंगी। जिन छात्रों ने एडमिशन फेयर रखे हैं, उन्हें इस कार्रवाई के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
बता दें कि पहले भी मेडिकल शिक्षा नियामक प्राधिकारी प्रवेश रद कर चुके हैं। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने 2016 में NEET परीक्षा में शामिल नहीं होने पर 500 से अधिक छात्रों का प्रवेश रद कर दिया था।
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NMC के बारे में
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) का गठन संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया है, जिसे राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के रूप में जाना जाता है। नेशनल मेडिकल कमीशन का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण और किफायती चिकित्सा शिक्षा तक पहुंच में सुधार करना शामिल है।
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