NIRF रैंकिंग क्या है? जानिए किस आधार पर किया जाता है इंस्टिट्यूट्स का मूल्यांकन?

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बोर्ड रिजल्ट आने के बाद अब स्टूडेंट्स कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए सोच रहे हैं तो उनके लिए NIRF ने टाॅप काॅलेज और यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग जारी कर दी है। इससे स्टूडेंट्स को सही इंस्टिट्यूट को चुनने में मदद मिलेगी, लेकिन कई बार स्टूडेंट्स के मन में सवाल होते हैं कि NIRF रैंकिंग क्या है और किस तरह काॅलेज और यूनिवर्सिटीज का मूल्यांकन किया जाता है? तो इन सवालों के जवाब इस ब्लाॅग में जानेंगे।

NIRF रैंकिंग क्या है?

देश में हर साल नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (NIRF) सभी टॉप यूनिवर्सिटीज, कॉलेज और अन्य एकेडमिक इंस्टिट्यूट्स को उनकी परफॉरमेंस के आधार पर रैंक देता है। हर साल सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्ट्री की ओर से यह रैंकिंग जारी की जाती है। इस रैकिंग के जरिए कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में एकेडमिक क्वालिटी के साथ अन्‍य पैरामीटर भी देखे जाते हैं। 

NIRF रैंकिंग का इतिहास क्या है?

नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) को MHRD द्वारा अप्रूव्ड किया गया था। 29 सितंबर 2015 को NIRF लॉन्च किया गया था। पहली बार 2016 में NIRF रैंकिंग जारी की गई थी और तब इसमें केवल 4 कैटेगरी के एकेडमिक इंस्टिट्यूट्स को इसमें शामिल किया गया था। भारत सरकार द्वारा इस लिस्ट में लगभग 200 इंजीनियरिंग कॉलेजों को रैंकिंग दी जाती है। 

किस आधार पर तय की जाती है NIRF रैंकिंग?

हर साल नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग जारी करता है, लेकिन किसी भी काॅलेज या यूनिवर्सिटी को रैंक देने के लिए काफी वर्क करना होता और कई पैरामीटर्स सेट करने होते हैं। टीचिंग एंड लर्निंग, रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, आउटरीच एंड इंक्लुसीवीटी, ग्रेजुएशन आउटकम, पर्सेप्शन आदि पैरामीटर्स के आधार पर NIRF रैंकिंग निर्धारित की जाती है।

NIRF रैंकिंग किन कैटेगरी के एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स को दी जाती है?

काॅलेज और यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क की ऑफिशियल वेबसाइट nirfindia.org पर जारी की जाती है। इस रैंकिंग में 13 कैटेगरी के एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स शामिल हैं।

  1. ओवरऑल
  2. बेस्ट कॉलेज
  3. बेस्ट यूनिवर्सिटी
  4. मैनेजमेंट
  5. इंजीनियरिंग
  6. आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग
  7. फार्मेसी
  8. लॉ
  9. इनोवेशन
  10. रिसर्च इंस्टीट्यूशन
  11. मेडिकल
  12. डेंटल
  13. एग्रीकल्चर एंड एलाइड सेक्टर्स। 

2016 की NIRF रैंकिंग में 3,565 इंस्टिट्यूट्स ने लिया था भाग

रैंकिंग से किसी भी इंस्टिट्यूट की एजुकेशन क्वालिटी का आंकलन करना आसान हो जाता है। इसके अलावा स्टूडेंट्स के लिए यूनिवर्सिटी और कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए आसानी रहती है। NIRF रैंकिंग 2023 में 8,686 हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स को शामिल किया गया था। वहीं पहली रैंकिंग 2016 में सिर्फ 3,565 इंस्टिट्यूट्स ने भाग लिया था।

NIRF रैंकिंग के लिए इंस्टिट्यूट्स यहां करते हैं अप्लाई

इंस्टिट्यूट्स खुद NIRF रैंकिंग के लिए एजुकेशन मिनिस्ट्री के पास अप्लाई करते हैं और जो इंस्टिट्यूट्स अप्लाई करते हैं उन्हें एजुकेशन मिनिस्ट्री की टीम द्वारा 5 मुख्य पैरामीटर्स और 16 सब-पैरामीटर्स पर परखा जाता है। अलग-अलग टीम हर इंस्टिट्यूट में विजिट करती है और मानकों के आधार पर उनका मूल्यांकन करती है। इसके बाद इंस्टिट्यूट को स्कोर दिया जाता है और इसी आधार पर उसकी रैंकिंग तय होती है।

FAQs

NIRF की फुल फाॅर्म क्या है?

NIRF की फुल फाॅर्म नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क हैं और इंग्लिश में इसे National Institutional Ranking Framework कहा जाता है।

एनआईआरएफ रैंकिंग के क्या फायदे हैं?

रैंकिंग के जरिए किसी भी इंस्टिट्यूट की एजुकेशन क्वालिटी का आंकलन करना आसान हो जाता है। शिक्षा के मानक के बारे में स्पष्टता दी जाती है।

एनआईआरएफ रैंकिंग में कौन सा कॉलेज नंबर 1 है?

एनआईआरएफ रैंकिंग-2023 में IIT मद्रास ने पहला स्थान हासिल किया है।

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको NIRF रैंकिंग क्या है और किस आधार काॅलेज या यूनिवर्सिटी की रैंकिंग तय की जाती है के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। यदि आपको यह ब्लॉग पसंद आया है तो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें। ऐसे ही अन्य ज्ञानवर्धक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu Hindi Blogs के साथ बने रहें।

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