Shardiya Navratri 2024 : शारदीय नवरात्रि- हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है, जिसका समापन नवमी तिथि पर होता है। इस अवधि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। बता दें कि नवरात्रि साल में दो बार बड़े धूमधाम और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं- एक चैत्र नवरात्रि और दूसरी शारदीय नवरात्रि। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि साल में दो बार क्यों मनाते हैं और इसके पीछे क्या कारण है? अगर नहीं तो इस ब्लाॅग को अंत तक पढ़ें।
शारदीय नवरात्रि के बारे में
शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह नौ दिनों का त्योहार है जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। Shardiya Navratri को देवी दुर्गा के नव रूपों की पूजा के लिए मनाया जाता है। इन नौ रूपों को नवदुर्गा कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देवी दुर्गा की शक्ति और महिमा का जश्न मनाता है। यह त्योहार भक्तों को देवी दुर्गा से आशीर्वाद और शक्ति प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
नवरात्रि साल में दो बार क्यों मनाते हैं?
नवरात्रि के दो बार मनाए जाने के बारे में यहां बताया गया हैः
धार्मिक कारण: हिंदू धर्म में नवरात्रि देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। चैत्र नवरात्रि को नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है, इसलिए इस अवसर पर देवी दुर्गा की पूजा करके भक्त नव वर्ष की शुभकामनाएं मांगते हैं। आश्विन नवरात्रि को भी देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। इस अवसर पर देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे नौ दिनों तक उपवास और व्रत रखते हैं।
ऋतु परिवर्तन: चैत्र नवरात्रि गर्मी के मौसम के आगमन का प्रतीक है, जबकि आश्विन नवरात्रि सर्दी के मौसम के आगमन का प्रतीक है। इन दोनों अवसरों पर प्रकृति में एक नया जीवन आता है, इसलिए इस समय देवी दुर्गा की पूजा करके भक्त प्रकृति की शक्ति और नवीनता का आह्वान करते हैं।
सांस्कृतिक कारण: नवरात्रि भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें गरबा, डांडिया, भजन आदि शामिल हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से भक्त देवी दुर्गा की भक्ति करते हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर आनंद मनाते हैं।
चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में क्या अंतर है?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर राक्षस से युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध किया। इसलिए, नवरात्रि को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि में अंतर देखा जाए तो आपको बता दें कि शारदीय नवरात्रि को शक्ति-उपासना का प्रतीक माना जाता है और चैत्र नवरात्रि सिद्धि प्राप्त करने के लिए विख्यात है।
शारदीय नवरात्रि का संबंध महिषासुर के संहार और राम द्वारा रावण वध से जुड़ा है तो वहीं चैत्र नवरात्रि में देवी की साधना की जाती है। इसके अलावा शारदीय नवरात्रि में दशमी के दिन रावण का पुतला दहन कर दशहरा मनाया जाता है और चैत्र नवरात्रि के नवमी पर राम जी के जन्म दिवस को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है।
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 3 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 4 अक्टूबर को देर रात 2 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri in Hindi) का शुभारंभ 3 अक्टूबर से होगा। बता दें कि इसका समापन 11 अक्टूबर 2024 को होगा और अगले दिन यानि 12 अक्टूबर को दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा।
नवरात्रि का इतिहास और महत्व क्या है?
नवरात्रि का इतिहास प्राचीन काल से ही है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर राक्षस से युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध किया। इसलिए, नवरात्रि को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। यह देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह एक समय है जब लोग एक साथ आते हैं और अच्छाई की शक्ति पर विश्वास करने के लिए प्रेरित होते हैं।
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नवरात्रि कैसे मनाई जाती है?
नवरात्रि के नौ दिनों में, भक्त देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। प्रत्येक दिन एक अलग रूप की पूजा की जाती है। पहला दिन शैलपुत्री को समर्पित है, दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी को, तीसरा दिन चंद्रघंटा को, चौथा दिन कुष्मांडा को, पांचवां दिन स्कंदमाता को, छठा दिन कात्यायनी को, सातवां दिन कालरात्रि को, आठवां दिन महागौरी को और नौवां दिन सिद्धिदात्री को।
नवरात्रि के दौरान, भक्त उपवास, पूजा, भजन और कीर्तन करते हैं। वे अक्सर देवी दुर्गा के मंदिरों में जाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। नवरात्रि के अंत में, भक्त देवी दुर्गा की आरती करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। नवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह देवी दुर्गा की शक्ति और दया का उत्सव है। यह त्योहार लोगों को आध्यात्मिक रूप से जागृत करने और उन्हें देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
नवरात्रि पर 10 लाइन्स
नवरात्रि पर 10 लाइन्स इस प्रकार से है :
- नवरात्रि भारतीय हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्यौहार है।
- यह त्यौहार नौ दिनों तक मनाया जाता है और उन दिनों मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
- नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
- नवरात्रि के पहले तीन दिन मां काली, मां ब्रह्माचारिणी, और मां चंद्रघंटा के रूपों की पूजा की जाती है।
- इस अवसर पर लोग व्रत रखते हैं और धार्मिक गीत और भजन गाते हैं।
- नवरात्रि के बादले छह दिनों में अलग-अलग देवी की पूजा की जाती है।
- नवरात्रि का महत्व हिन्दू संस्कृति में शक्ति की पूजा के रूप में माना जाता है।
- यह त्योहार समाज में एकता और सद्भावना का प्रतीक होता है।
- नवरात्रि के दौरान सजावट, खाने-पीने का आयोजन, और सामाजिक आयोजन भी होते हैं।
- नवरात्रि के दौरान दर्शनीय मंदिरों में भक्तों की भरमार होती है।
FAQs
नवरात्रि एक हिन्दू पर्व है जो आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा के रूप में मनाया जाता है। इसे नौ दिनों तक मनाया जाता है, जिनमें हर दिन किसी देवी की पूजा की जाती है।
नवरात्रि चैत्र और आश्वयुज मास में मनाई जाती है, लेकिन चैत्र नवरात्रि और शरदीय नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण हैं। चैत्र नवरात्रि मार्च-अप्रैल में मनाई जाती है, जबकि शरदीय नवरात्रि सितंबर-अक्टूबर में होती है।
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूप पूजे जाते हैं, जिन्हें नवदुर्गा के रूप में जाना जाता है: शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री।
नवरात्रि के दौरान पूजा, भजन, कीर्तन, आरती, और व्रत आदि किए जाते हैं। लोग रात्रि को जागरण करते हैं और मां दुर्गा का भव्य मंदिर दर्शन करते हैं।
नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाले लोग नौ दिनों तक शाकाहारी खाना खाते हैं और ग्रेन फूड्स, फल, सबुदाना, कट्टू के आटे से बने पकवान, और दूध के अनाज उपयोग करते हैं।
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