नवरात्रि साल में दो बार मनाए जाते हैं, एक चैत्र में और दूसरा आश्विन में। इन दोनों नवरात्रिओं को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि या शाक्त नवरात्रि कहा जाता है, जबकि आश्विन नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि या दुर्गा पूजा कहा जाता है। आईये विस्तार से जानें नवरात्रि साल में दो बार क्यों मनाते हैं?
नवरात्रि साल में दो बार क्यों मनाते हैं?
नवरात्रि के दो बार मनाए जाने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
धार्मिक कारण: हिंदू धर्म में नवरात्रि देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। चैत्र नवरात्रि को नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है, इसलिए इस अवसर पर देवी दुर्गा की पूजा करके भक्त नव वर्ष की शुभकामनाएं मांगते हैं। आश्विन नवरात्रि को भी देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। इस अवसर पर देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे नौ दिनों तक उपवास और व्रत रखते हैं।
ऋतु परिवर्तन: चैत्र नवरात्रि गर्मी के मौसम के आगमन का प्रतीक है, जबकि आश्विन नवरात्रि सर्दी के मौसम के आगमन का प्रतीक है। इन दोनों अवसरों पर प्रकृति में एक नया जीवन आता है, इसलिए इस समय देवी दुर्गा की पूजा करके भक्त प्रकृति की शक्ति और नवीनता का आह्वान करते हैं।
सांस्कृतिक कारण: नवरात्रि भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें गरबा, डांडिया, भजन आदि शामिल हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से भक्त देवी दुर्गा की भक्ति करते हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर आनंद मनाते हैं।
नवरात्र का महत्व
नवरात्र के महत्व निम्नलिखित हैं :
- नवरात्र के 9 दिनों तक माँ दुर्गा के लिए व्रत रखने और पूजा करने से भक्तों को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- ये नौ दिन माँ दुर्गा की आराधना करने से भक्तों को माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में देवी नौ अलग अलग रूपों में प्रकट होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
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FAQs
नवरात्रि एक हिन्दू पर्व है जो आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा के रूप में मनाया जाता है। इसे नौ दिनों तक मनाया जाता है, जिनमें हर दिन किसी देवी की पूजा की जाती है।
नवरात्रि चैत्र और आश्वयुज मास में मनाई जाती है, लेकिन चैत्र नवरात्रि और शरदीय नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण हैं। चैत्र नवरात्रि मार्च-अप्रैल में मनाई जाती है, जबकि शरदीय नवरात्रि सितंबर-अक्टूबर में होती है।
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूप पूजे जाते हैं, जिन्हें नवदुर्गा के रूप में जाना जाता है: शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री।
नवरात्रि के दौरान पूजा, भजन, कीर्तन, आरती, और व्रत आदि किए जाते हैं। लोग रात्रि को जागरण करते हैं और मां दुर्गा का भव्य मंदिर दर्शन करते हैं।
नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाले लोग नौ दिनों तक शाकाहारी खाना खाते हैं और ग्रेन फूड्स, फल, सबुदाना, कट्टू के आटे से बने पकवान, और दूध के अनाज उपयोग करते हैं।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको नवरात्रि साल में दो बार क्यों मनाते हैं? के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।