एमफिल (MPhil) कोर्स को बंद करने के यूजीसी के निर्देश पश्चिम बंगाल में नहीं होंगे लागू 

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MPhil course ko band karne ke ugc ke nirdesh pashchim bengal mein nahi honge lagu

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने पिछले दिनों एमफिल (M.Phil) डिग्री की मान्यता रद्द किए जाने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में 2024 – 25 के सत्र के लिए एमफिल प्रोग्राम में एडमिशन न दिए जाने के लिए यूजीसी की ओर से देश की सभी यूनिवर्सिटीज़ के लिए आदेश जारी किए गए थे। लेकिन इसके बावजूद भी पश्चिम बंगाल की सरकार राजकीय विश्वविद्यालयों में एमफिल डिग्री प्रोग्राम बंद नहीं करेगी। इसकी जानकारी स्वयं पश्चिम बंगाल के शिक्षामंत्री ब्रत्य बसु ने दी है। 

राज्य की शिक्षा नीतियों का पालन किया जाएगा 

पश्चिम बंगाल के शिक्षामंत्री ब्रत्य बसु ने एमफिल की मान्यता रद्द किए जाने के प्रश्न पर मीडिया को बताया कि पश्चिम बंगाल की यूनिवर्सिटीज़ यूजीसी के एमफिल डिग्री प्रोग्राम को रद्द किए जाने के आदेश का पालन नहीं करेगी। उन्होंने आगे बताया कि “राज्य विश्वविद्यालयों में एमफिल कोर्स को लेकर राज्य की अपनी नीतियां हैं और उन्हें बदलने की कोई वजह नहीं है।”

उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालय प्रदेश की उच्च शिक्षा विभाग शिक्षाविदों की विशेषज्ञ समिति द्वारा तय किए गए दिशा-निर्देशों का ही पालन करेंगे। 

यूजीसी ने वर्ष 2022 में ही बंद कर दिया था एमफिल कोर्स 

नवंबर 2022 में यूजीसी ने एमफिल कोर्स को समाप्त कर दिया था। यूजीसी ने स्टूडेंट्स को किसी भी एमफिल कोर्स में प्रवेश  न लेने की भी सलाह दी है। इसके अलावा कुछ दिन पहले यूजीसी की ओर से आगामी अकादमिक सत्र 2024 – 25 के लिए विश्वविद्यालयों को छात्रों को एमफिल कोर्स में प्रवेश न दिए जाने के लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं।  

एमफिल कोर्स में दाखिला ले चुके छात्रों का साल नहीं होगा बर्बाद

जिन छात्रों ने पश्चिम बंगाल की स्टेट यूनिवर्सिटीज़ में एमफिल कोर्स में एडमिशन ले लिया है या जो अभी एमफिल कोर्स में पढ़ रहे हैं उनका साल खराब नहीं होगा। वे बिना किसी परेशानी के एमफिल कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं और अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं।

एमफिल कोर्स क्या होता है? 

मास्टर ऑफ़ फिलॉसफी (MPhil) एक पोस्टग्रेजुएट अकादमिक रिसर्च कोर्स है। हयूमैनिटिज़, कॉमर्स, साइंस, लॉ, शिक्षण आदि किसी भी स्ट्रीम के कैंडिडेट्स एमफिल कर सकते हैं। एमफिल कोर्सेज में, कैंडिडेट्स को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल सब्जेक्ट्स की भी पढ़ाई करने की आवश्यकता होती है। वहीं कैंडिडेट्स को रिसर्च करने और अपने रिसर्च खोजें प्रस्तुत करने की भी आवश्यकता होती है।

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