जिस प्रकार से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिन्दुओं और कृष्ण भक्तों के लिए और राम नवमी श्रीराम भक्तों के लिए बड़ा पर्व है उसी प्रकार महाशिवरात्रि भी शिव भक्तों का और हिन्दुओं का बड़ा पर्व है। जहाँ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और राम नवमी भगवान कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाए जाते हैं वहीँ महाशिवरात्री भगवान शिव के जन्म का उत्सव न होकर उनके और माता पार्वती के विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यहाँ महाशिवरात्रि कब है? (Mahashivratri Kab Hai) इस बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
महाशिवरात्रि कब है? (Mahashivratri Kab Hai)
महशिवरात्रि हिन्दुओं का बड़ा त्यौहार है। यह हिन्दू पांचांग के अनुसार वर्ष में 2 बार मनाया जाता है। पहली बार शिवरात्रि फाल्गुन के माह में कृष्ण चतुर्थी को मनाई जाती है। दूसरी महाशिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। फाल्गुन महीने में मनाई जाने वाली शिवरात्रि माता पार्वती और महादेव के विवाह के उत्सव के रूप में मनाई जाती है। इसे रोमन कैलेण्डर के अनुसार फरवरी या मार्च के महीने में मनाया जाता है। इस बार वर्ष 2024 में फल्गुन महीने की महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को रात 9 बजकर 57 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 9 मार्च 2024 तक शाम 6 बजकर 17 मिनट तक चलेगी।
महाशिवरात्रि पूजा का समय 2024
मशिवरात्रि की पूजा चार पहरों में की जाती है :
- पहले पहर की पूजा का समय : पहले पहर की पूजा 8 मार्च 2024 को शाम 6 बजे 25 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 28 मिनट तक की जा सकेगी।
- दूसरे पहर की पूजा का समय : 8 मार्च रात 9 बजकर 28 मिनट से लेकर रात 12.30 तक।
- तीसरे पहर की पूजा का समय : 9 मार्च सुबह 12.30 से लेकर रात 3 बजकर 34 मिनट तक।
- चौथे पहर की पूजा का समय : 9 मार्च रात्रि 3 बजकर 34 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
महाशिवरात्रि का महत्व
माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। कठोर तप के बाद उनकी भगवान शिव से शादी हुई थी। इस दिन सुहागिन औरतें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि का व्रत रखती हैं।
नोट : यह जानकारी विभिन्न न्यूज़ वेबसाइट्स पर दी गई जानकारी के आधार पर प्रदान की जा रही है। किसी भी बात का पालन करने से पहले अपने स्तर पर जाँच पड़ताल कर लें। किसी भी बात के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं होगा।
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