लाॅ स्कूलों ने कहा- विदेशी लॉ फर्मों को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति देना सही दिशा में कदम

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Law schools ne kaha ki videshi law firms ko india me practice ki permission dena sahi kadam

लॉ स्कूलों ने कहा है कि विदेशी वकीलों और कानूनी फर्मों को विदेशी कानून, अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दों और मध्यस्थता मामलों में प्रैक्टिस करने की अनुमति देना सही दिशा में एक कदम है। सभी नए रूल्स की सराहना कर रहे हैं।

नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटीज के प्रमुखों और पूर्व कुलपतियों ने कहा कि यह कानूनी शिक्षा के लिए अच्छा विकास है। Bar Council of India Rules for Registration and Regulation of Foreign Lawyers and Foreign Law Firms in India, 2022 के अंतर्गत विदेशी लाॅ फर्मों को भारत में लाॅ की प्रैक्टिस करने की अनुमति होगी। 

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने विदेशी वकीलों और विदेशी कानून के रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों का नोटिफिकेशन जारी किया है। 

‘कानूनी प्रोफेशन का होगा विस्तार’

नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी, दिल्ली के प्रोफेसर जीएस बाजपेयी ने कहा कि यह कदम कानूनी पेशे के विस्तार की वैश्विक मांग के जवाब में है। पहले से ही विदेशी वकील भारतीयों के साथ काम कर रहे हैं। अब कानूनी ढांचे के साथ यह कानूनी प्रोफेशन के विस्तार और अंतरराष्ट्रीयकरण को लाभान्वित करेगा, क्योंकि विदेशी वकील भारतीय समकक्षों के परामर्श और सहयोग से काम करेंगे।

‘भारतीय वकीलों को होगा लाभ’

नालसर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद और एनएलयू, दिल्ली के संस्थापक प्रोफेसर रणबीर सिंह ने कहा कि बीसीआई का वर्तमान कदम सही दिशा में है। विदेशी कंपनियां भारतीय वकीलों को नियुक्त करेंगी, क्योंकि उनके वकीलों को लाना और अच्छी सैलरी देना संभव नहीं होगा, इससे भारतीय वकीलों को लाभ होगा।

भारत में कानून अभ्यास को प्रभावित नहीं करेगा यह कदम

इस नए रूल्स से देश में कानून को बढ़ावा देने की बात कही जा रही है। देश के बड़े वकीलों ने कहा है कि यह कदम भारत में कानून अभ्यास को प्रभावित नहीं करेगा। हालांकि, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) शुरू में विदेशी वकीलों और विदेशी कानून फर्मों के भारत में प्रवेश का विरोध कर रहा था, लेकिन अब इसे मंजूरी दे दी गई।

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