अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश को एक दशक की लम्बी प्रतीक्षा के बाद अब अपनी नई राजधानी मिलने जा रही हैI आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अब अमरावती होगीI इस बात की घोषणा स्वयं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने की हैI चंद्रबाबू नायडू के अनुसार अमरावती भारत के बेहतरीन नगरों में से एक होगाI
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना : पिछले 10 वर्षों की कहानी
पिछले 10 सालों में आंध्र प्रदेश के विभाजन और तेलंगाना के नए राज्य के रूप में स्थापित हो जाने के बाद हैदराबाद को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, दोनों ही राज्यों की संयुक्त राजधानी हैदराबाद नगर को बनाया गया थाI यह समझौता केवल दस वर्षों के लिए ही थाI अब इस समझौते की समय सीमा समाप्त हो चुकी हैI इसलिए अब अमरावती को तेलंगाना की नई राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगाI
क्यों अलग राज्य बना तेलंगाना?
तेलंगाना 18वीं सदी में हैदराबाद रियासत का एक भाग हुआ करता थाI हैदराबाद रियासत पर उस समय निज़ाम का शासन थाI तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों ही उस समय तटीय राज्य मद्रास का हिस्सा थेI आज़ादी के बाद आंध्र प्रदेश तमिलनाडु से हटकर एक नया राज्य बन गया और इसके साथ ही तेलंगाना भी आंध्र प्रदेश का ही एक भाग बन गयाI
वर्ष 1965 की एक घटना तेलंगाना राज्य के अलग होने की नींव पड़ीI 1965 में आंध्र प्रदेश राज्य में बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों की भर्तियां निकाली गईं I इन भर्तियों में मद्रास के तटीय इलाकों के लोगों ने भी आवेदन दियाI इस इलाके का विकास अंग्रेजों ने काफी अच्छा किया थाI यहाँ कई बड़े स्कूल और कॉलेज थेI जबकि तेलंगाना क्षेत्र का विकास निज़ाम के शासन में ज्यादा नहीं हो पाया थाI अत: वे लोग नौकरियों में पिछड़ने लगेI इस बात से नाराज़ होकर तेलंगाना के लोग अपने लिए एक अलग राज्य की मांग करने लगेI तेलंगाना के नेताओं ने राज्य पुनर्गठन आयोग से तेलंगाना को अलग राज्य बनाने की मांग की और 1956 में आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपीI इस रिपोर्ट में हैदराबाद को तीन हिस्सों में बांटने के सिफ़ारिश की गई थीI
एक लंबी लड़ाई के बाद वर्ष 2009 में कांग्रेस की केंद्र सरकार ने नए राज्य तेलंगाना के गठन को लेकर बिल सदन में पेश करने का वादा कियाI इसके बाद आंदोलन एक बार फिर शुरू हुआI 17 छात्रों ने ओसमानिया यूनिवर्सिटी के आगे आमरण अनशन शुरू कर दियाI फ़रवरी 2010 में जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में सरकार ने एक कमिटी का गठन किया ताकि वह तेलंगाना के मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट पेश कर सकेI श्रीकृष्णा कमिटी ने 23 ज़िलों का दौरा कर अपनी फ़ाइनल रिपोर्ट पेश कीI दिसंबर 2013 में केंद्र सरकार ने सदन में एक बिल पेश किया जिसमें आंध्र प्रदेश के 10 ज़िलों को मिलाकर तेलंगाना राज्य बनाने की बात कही गई थीI
एक लंबे संघर्ष के बाद फरवरी 2014 में संसद के दोनों सदनों से तेलंगाना को एक अलग राज्य बनाने का बिल पास किया गयाI 2 जून 2014 को तेलंगाना राज्य को आंध्र प्रदेश से अलग करके नया राज्य बनाए जाने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई और इस प्रकार से तेलंगाना भारत का 29वां राज्य बनाI के चंद्रशेखर राव ने राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप शपथ लीI हैदराबाद को अगले 10 सालों के लिए दोनों राज्यों यानी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाए जाने का समझौता किया गयाI
आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के बारे में खास बातें
- 22 अक्टूबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमरावती की आधारशिला रखी थी, जो आंध्र प्रदेश के लिए “भविष्य की राजधानी” के रूप में परिकल्पित की शुरुआत थी।
- अमरावती कृष्णा नदी के किनारे स्थित हैI
- अमरावती बौद्ध धर्म का भी एक प्राचीन केंद्र रहा हैI
- अमरावती को एक प्रमुख शिक्षा, व्यापार और आईटी हब के रूप में विकसित किया जाएगाI
केंद्र सरकार के द्वारा हाल ही में गठित किए गए नए राज्य
- जम्मू कश्मीर : भारतीय संसद ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटा दी और जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दियाI
- लद्दाख: लद्दाख के लोग लंबे समय से अपने लिए एक अलग राज्य की मांग कर रहे थेI 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटाने के साथ ही संसद की ओर से लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग करके एक केंद्र शासित प्रदेश बने जाने की घोषणा कर दी गईI
इसी और अन्य प्रकार के Leverage Edu न्यूज़ अपडेट्स के साथ बने रहिए।