क्रिया विशेषण: परिभाषा, भेद, और उदाहरण

1 minute read
क्रिया विशेषण

क्रिया विशेषण हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो वाक्य में क्रिया, विशेषण या अन्य क्रिया विशेषण की विशेषता को बताता है। क्रिया विशेषण के माध्यम से हम यह जान पाते हैं कि कोई कार्य कैसे, कब, कहां या कितनी मात्रा में हुआ। क्रिया विशेषण के बारे में स्कूल और कई प्रतियोगी परीक्षा में पूछा जाता है। इस लेख में आपके लिए क्रिया विशेषण की जानकारी दी गई है।

क्रिया विशेषण की परिभाषा

हिंदी व्याकरण के अनुसार क्रिया विशेषण वह शब्द होते हैं जो हमें क्रिया, विशेषण या अन्य क्रिया विशेषण की विशेषता बताते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई वाक्य है – “वह तेज़ दौड़ता है”, तो इसमें ‘तेज़’ शब्द क्रिया विशेषण है, जो यह बताता है कि दौड़ने की क्रिया किस प्रकार की है। क्रिया विशेषण का उपयोग वाक्य में किसी क्रिया के बारे में अधिक जानकारी देने के लिए किया जाता है। यह वाक्य को स्पष्ट और प्रभावी बनाता है।

क्रिया-विशेषण के भेद

क्रिया-विशेषण के भेद को मूल रूप से निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है –

अर्थ के आधार पर

क्रिया-विशेषण हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसके अंतर्गत जब हम ‘अर्थ के आधार पर’ क्रिया-विशेषणों का अध्ययन करते हैं, तो इस प्रकार के क्रिया-विशेषण के भेद को अर्थ के आधार पर बांटा जाता है।

प्रयोग के आधार पर

जब हम ‘प्रयोग के आधार पर’ क्रिया-विशेषणों का अध्ययन करते हैं, तो इस प्रकार के क्रिया-विशेषण के भेद को प्रयोग के आधार पर बांटा जाता है।

रूप के आधार पर

जब हम ‘रूप के आधार पर’ क्रिया-विशेषणों का अध्ययन करते हैं, तो इस प्रकार के क्रिया-विशेषण के भेद को रूप के आधार पर बांटा जाता है।

यह भी पढ़ें – संज्ञा की परिभाषा, भेद, उदाहरण और उपयोग

अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण के भेद

जब हम ‘अर्थ के आधार पर’ क्रिया-विशेषणों का अध्ययन करते हैं, तो इन्हें मुख्यतः चार श्रेणियों में बांटा जाता है:

  • कालवाचक क्रिया-विशेषण
  • स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
  • रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
  • परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण

स्थानवाचक क्रिया-विशेषण

ऐसे अविकारी शब्द जो हमें क्रियाओं के होने के स्थान का बोध कराते हैं, वे शब्द स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। आसान भाषा में समझें तो यह विशेषण क्रिया के साथ जुड़कर हमें यह बताता है कि कोई कार्य कहां हुआ, कहाँ हो रहा है या कहाँ होगा। जैसे:

  • तुम अन्दर जाकर बैठो।
  • मैं बाहर खेलता हूँ।
  • हम छत पर सोते हैं।
  • जयंत उदयराज फील्ड में खेल रहा है।
  • तुम रामनगर चले जाओ।

कालवाचक क्रिया-विशेषण

वो क्रिया विशेषण शब्द जो क्रिया के होने के समय के बारे में बताते हैं, कालवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। यह विशेषण क्रिया के साथ जुड़कर हमें यह बताता है कि कोई कार्य कब हुआ, कब हो रहा है या कब होगा। जैसे:

  • श्यामू कल मेरे घर आया था।
  • परसों बरसात होगी।
  • मैंने सुबह खाना खाया था।
  • मैं शाम को खेलता हूँ।

रीतिवाचक क्रिया-विशेषण

ऐसे क्रिया विशेषण शब्द जो किसी क्रिया के होने की विधि या तरीके के बारे में बताते हैं, वह शब्द रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। यह बताता है कि कोई कार्य किस प्रकार किया गया है, जैसे ‘धीरे’, ‘तेज़’, ‘साफ़’, ‘खुश होकर’ आदि। इनका उपयोग वाक्य में क्रिया की विशेषता को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। जैसे:

  • हिमांशु ध्यान से चलता है।
  • उसने ध्यानपूर्वक काम किया।
  • उर्मिला हमेशा सच बोलती है।
  • जॉयदीप अच्छी तरह काम करता है।
  • पुनीत ध्यान पूर्वक पढ़ाई करता है।

परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण

ऐसे क्रियाविशेषण शब्द जिनसे हमें क्रिया के परिमाण, संख्या या मात्रा का पता चलता है, वे शब्द परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। यह शब्द हमें यह बताते हैं कि कोई कार्य कितनी तीव्रता से हो रहा है या किसी विशेषण की विशेषता कितनी अधिक या कम है। जैसे:

  • तुम थोड़ा अधिक खाओ।
  • जितेश बहुत ज़्यादा दौड़ता है।
  • समद अधिक खाना खाता है।
  • लविश उसके दोस्त से ज़्यादा पढता है।
  • अभी तक तुमने पर्याप्त नींद नहीं ली।

यह भी पढ़ें – अलंकार की परिभाषा, भेद, उपभेद और उदाहरण

प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण के भेद

जब हम ‘प्रयोग के आधार पर’ क्रिया-विशेषणों का अध्ययन करते हैं, तो इन्हें मुख्यतः तीन श्रेणियों में बांटा जाता है:-

  • साधारण क्रिया विशेषण
  • सयोंजक क्रिया विशेषण 
  • अनुबद्ध क्रिया विशेषण

साधारण क्रिया-विशेषण

ऐसे क्रिया विशेषण शब्द जिनका प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र होता है, वे शब्द साधारण क्रिया विशेषण कहलाते हैं। यह वाक्य में क्रिया के समय, स्थान, कारण, अवस्था, या मात्रा को स्पष्ट करता है, जिससे वाक्य का अर्थ और भी स्पष्ट होता है। जैसे: 

  • अरे! तुम कब आए?
  • हाय! यह क्या हो गया।
  • अरे! वह लड़का कहाँ चला गया?
  • बेटा जल्दी आओ।

संयोजक क्रिया-विशेषण

जिन क्रिया विशेषणों का उपयोग किसी उपवाक्य या वाक्य को जोड़ने के लिए किया जाता है, उन्हें सयोंजक क्रिया विशेषण कहा जाता है। यह दो वाक्यों या उपवाक्यों को जोड़ने का कार्य करता है। यह वाक्य में समय, कारण, शर्त, उद्देश्य या परिणाम आदि का बोध कराता है। संयोजक क्रिया-विशेषण जैसे :

  • जहाँ तुम अभी खड़े हो, वहां घर हुआ करता था।
  • जहां तुम जाओगे, वहीँ मैं जाऊँगा।
  • यहाँ हम चल रहे हैं, वहां वो दौड़ रहे हैं।

अनुबद्ध क्रिया-विशेषण

ऐसे शब्द जो निश्चय के लिए कहीं भी प्रयोग कर लिए जाते हैं वे शब्द अनुबद्ध क्रियाविशेषण कहलाते हैं। यह वाक्य के अर्थ को स्पष्ट और विस्तृत बनाता है, जिससे संवाद में स्पष्टता आती है। जैसे:

  • यह काम तो गलत ही हुआ है।
  • आपके आने भर की देर है।
  • उनका सफल होना ही सही था।

रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण के भेद

जब हम ‘रूप के आधार पर’ क्रिया-विशेषणों का अध्ययन करते हैं, तो इन्हें मुख्यतः तीन श्रेणियों में बांटा जाता है:

  1. मूल क्रिया विशेषण
  2. स्थानीय क्रिया विशेषण
  3. योगिक क्रिया विशेषण

मूल क्रिया-विशेषण

ऐसे शब्द जो दूसरे शब्दों के मेल से नहीं बनते यानी जो दूसरे शब्दों में प्रत्यय लगे बिना बन जाते हैं, वे शब्द मूल क्रियाविशेषण कहलाते हैं। यह शब्द वाक्य में क्रिया के तरीके, समय, स्थान, मात्रा या स्थिति को स्पष्ट करता है। जैसे: – 

  • पास
  • दूर
  • ऊपर  
  • आज  
  • सदा
  • अचानक 
  • फिर
  • नहीं
  • ठीक

यौगिक क्रिया-विशेषण

ऐसे क्रियाविशेषण जो किसी दूसरे शब्दों में प्रत्यय या पद आदि लगाने से बनते हैं, ऐसे क्रियाविशेषण यौगिक क्रिया विशेषणों की श्रेणी में आते हैं। यह शब्दों के संयोजन से बना एक ऐसा विशेषण है, जो क्रिया, विशेषण या अन्य यौगिक शब्दों की विशेषता बताता है।

संज्ञा से यौगिक क्रिया विशेषण :-
जैसे :- सवेरे, सायं, आजन्म, क्रमशः, प्रेमपूर्वक, रातभर, मन से आदि।

सर्वनाम से यौगिक क्रिया विशेषण :-
जैसे : यहाँ, वहाँ, अब, कब, इतना, उतना, जहाँ, जिससे आदि।

विशेषण से क्रिया विशेषण :-
जैसे :- चुपके, पहले, दूसरे, धीरे आदि।

क्रिया से क्रिया विशेषण :-
जैसे :- खाकर, पीकर, सोकर, उठकर, बैठकर, जागकर आदि।

स्थानीय क्रिया-विशेषण

ऐसे अन्य शब्द-भेद जो बिना अपने रूप में बदलाव किए किसी विशेष स्थान पर आते हैं, वे स्थानीय क्रिया विशेषण कहलाते हैं। ये शब्द वाक्य में क्रिया के साथ मिलकर यह बताते हैं कि कोई कार्य कहां हुआ या हो रहा है। जैसे: 

  • वह वहां अपना पाठ पढे़गा।
  • तुम ऊपर जाओ।

यह भी पढ़ें – सर्वनाम की परिभाषा, भेद, उदाहरण और नियम

क्रिया-विशेषण के उदाहरण

क्रिया-विशेषण के उदाहरण को निम्नलिखित वाक्यों के माध्यम से सरलता से समझा जा सकता है:

  • चीता तेज़ दौड़ता है।
  • शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
  • मयंक धीरे चलता है।
  • मैं वहां नहीं आऊंगा।
  • हमे यहां से आगे जाना है।
  • रवि प्रतिदिन पूजा करता है।
  • रेखा रोज़ अपने घर की सफाई करता है।
  • वैभव और पंकज प्रतिदिन घूमने जाते हैं।
  • अंकिता का आज एग्जाम था।
  • मुकुल ने कल एक गाड़ी खरीदी।
  • आज मेरे पास बिलकुल समय नहीं है।
  • मैं रोज़ शिव चालीसा का पाठ करता हूँ।
  • मन लगा के पढ़ने से परीक्षाओं में अच्छे अंक आते हैं।

FAQs

क्रिया विशेषण क्या होता है?

क्रिया विशेषण वह शब्द है जो किसी क्रिया, विशेषण या दूसरे क्रिया विशेषण की स्थिति, समय, कारण, स्थान आदि के बारे में जानकारी देता है। जैसे – वह जल्दी दौड़ता है। यहाँ ‘जल्दी’ क्रिया विशेषण है।

क्रिया विशेषण के कितने प्रकार होते हैं?

क्रिया विशेषण के प्रकार को अर्थ के आधार पर, प्रयोग के आधार पर और रूप के आधार पर निर्धारित किया जाता है।

क्रिया विशेषण और विशेषण में क्या अंतर है?

विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है जबकि क्रिया विशेषण किसी क्रिया, विशेषण या अन्य क्रिया विशेषण की जानकारी देता है। जैसे – सुंदर लड़की (विशेषण), वह बहुत जल्दी आया (क्रिया विशेषण)।

आशा है कि इस लेख में आप क्रिया विशेषण के बारे में जान पाए होंगे, साथ ही इससे संबंधित जानकारी आपको पसंद आई होगी। इसी प्रकार के स्कूली एजुकेशन से संबंधित पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*

6 comments
    1. रेखा जी, धन्यवाद! यह जानकर खुशी हुई कि आपको यह उपयोगी और बेहतरीन लगा। ऐसे ही जुड़े रहें और हमारे नए कंटेंट का आनंद लें!हिंदी व्याकरण से जुड़े अन्य ब्लॉग्स आप इस लिंक (https://leverageedu.com/blog/hi/category/hindi-grammar/) के द्वारा पढ़ सकते हैं।