क्रिया विशेषण वह शब्द होता है, जो किसी क्रिया (verb), विशेषण (adjective) या अन्य क्रिया विशेषण (adverb) की विशेषता बताता है। यह हमें यह बताता है कि कोई काम कैसे, कब, कहां, कितना या क्यों हुआ। उदाहरण के तौर पर, “वह जल्दी दौड़ा” में “जल्दी” क्रिया विशेषण है, क्योंकि यह बताता है कि दौड़ने की क्रिया कैसे हुई। इस ब्लॉग में हम क्रिया विशेषण (Kriya Visheshan) की परिभाषा, इसके भेद और कुछ आसान उदाहरणों के बारे में जानेंगे।
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शब्द के प्रकार
क्रिया विशेषण (kriya visheshan) के बारे में जानने से पहले शब्दों के प्रकार पता होने चाहिए, जो नीचे दिए हैं:
- विकारी शब्द: जिन शब्दों में लिंग, वचन और कारक के कारण विकार पैदा हो जाता है, उसे विकारी शब्द कहते हैं।
- अविकारी शब्द: जिन शब्दों में लिंग, वचन और कारक के कारण विकार पैदा न हो, उसे अविकारी शब्द कहते हैं। क्रिया-विशेषण अविकारी शब्द का एक भेद होता है क्योंकि क्रिया-विशेषण शब्द किसी भी स्थिति में नहीं बदलते हैं।
क्रिया विशेषण (Kriya Visheshan) की परिभाषा क्या है?
वह शब्द जो हमें क्रिया की विशेषता के बारे में बताते हैं, वे शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
जैसे: हिरण तेज़ भागता है। इस वाक्य में भागना क्रिया है। तेज़ शब्द हमें क्रिया कि विशेषता बता रहा है कि वह कितनी तेज़ भाग रहा है। तेज़ शब्द क्रिया विशेषण है।
क्रिया विशेषण उदाहरण क्या हैं?
क्रिया विशेषण (kriya visheshan) के उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं:
- वह धीरे-धीरे चलता है।
- चीता तेज़ दौड़ता है।
- शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
- मयंक धीरे चलता है।
- मैं वहां नहीं आऊंगा।
- हमे यहां से आगे जाना है।
- कल मेरा पेपर है।
- वह प्रतिदिन पूजा करता है।
- वह रोज़ अपने घर की सफाई करता है।
- हम रोज़ सैर करते हैं।
- कल मुझे वर्मांट जाना है।
- वह परसो मिशिगन से आ गया।
- अंकिता का आज एग्जाम था।
- मुकुल ने कल एक गाड़ी खरीदी।
- कल वह कुछ नाराज़ था।
- आज मेरे पास बिलकुल समय नहीं है।
- कल तूने वह काम नहीं किया।
- आज क्या होगा यह नहीं पता।
- मैं रोज़ शिव चालीसा का पाठ करता हूँ।
- मन लगा के पढ़ने से परीक्षाओं में अच्छे अंक आते हैं।
धीरे-धीरे, तेज़ आदि शब्द चलना, दौड़ना, बढ़ना आदि क्रियाओं की विशेषता बताने का काम कर रहे है। यह शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
क्रिया विशेषण के भेद
क्रिया विशेषण के चार भेद होते है। इन्हे नीचे विस्तारपूर्वक समझाया गया है-
अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के भेद
अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के चार भेद होते हैं:
- कालवाचक क्रिया विशेषण
- रीतिवाचक क्रिया विशेषण
- स्थानवाचक क्रिया विशेषण
- परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
1. काल वाचक क्रिया विशेषण
वो क्रिया विशेषण शब्द जो क्रिया के होने के समय के बारे में बताते हैं, कालवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- श्यामू कल मेरे घर आया था।
- परसों बरसात होगी।
- मैंने सुबह खाना खाया था।
- मैं शाम को खेलता हूँ।
हमें निश्चित ही क्रिया के होने के समय के बारे में पता चल रहा है ऐसे शब्द कालवाचक क्रिया विशेषण के अंतर्गत आते हैं।
- मैं सुबह जल्दी उठता हूँ।
- मैं दोपहर में स्कूल से लौटता हूँ।
- हम अक्सर शाम को खेलने जाते हैं।
क्रिया शब्द जैसे आना, खाना, होना, उठना, लौटना आदि के होने के समय के बारे में कल, सुबह, शाम, दोपहर आदि शब्द बता रहे हैं। यह शब्द कालवाचक क्रिया विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।
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2. रीतिवाचक क्रिया विशेषण
ऐसे क्रिया विशेषण शब्द जो किसी क्रिया के होने की विधि या तरीके के बारे में बताते हैं, वह शब्द रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- हिमांशु ध्यान से चलता है।
- वह फटाफट बोलता है।
- सानिध्य गलत चाल चलता है।
- उर्मिलेश हमेशा सच बोलता है।
- जॉयदीप अच्छी तरह काम करता है।
- पुनीत ध्यान पूर्वक पढ़ाई करता है।
- शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
ध्यान से, फटाफट, ग़लत, हमेशा, सच, अच्छी तरह, ध्यान पूर्वक, धीरे-धीरे आदि शब्द खाना, चलना, बोलना आदि क्रियाओं की विशेषता बता रहे हैं। यह शब्द रीतिवाचक क्रिया विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।
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3. स्थानवाचक क्रिया विशेषण
ऐसे अविकारी शब्द जो हमें क्रियाओं के होने के स्थान का बोध कराते हैं, वे शब्द स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- तुम अन्दर जाकर बैठो।
- मैं बाहर खेलता हूँ।
- हम छत पर सोते हैं।
- मैं पेड़ पर बैठा हूँ।
- शाम्यता मुझसे बहुत दूर बैठी है।
- जयंत मैदान में खेल रहा है।
- तुम अपने दाहिने ओर गिर जाओ।
अन्दर, बाहर, छत पर, पेड़ पर, दूर, मैदान में, दाहिने आदि शब्द हमें बैठना, खेलना, सोना, गिरना आदि क्रियाओं के होने के स्थान का बोध करा रहे हैं। जब कोई शब्द हमें किसी क्रिया के होने के स्थान का बोध कराते हैं, ऐसे शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आते हैं।
4. परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
ऐसे क्रियाविशेषण शब्द जिनसे हमें क्रिया के परिमाण, संख्या या मात्र का पता चलता है, वे शब्द परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- तुम थोड़ा अधिक खाओ।
- जितेश बहुत ज़्यादा दौड़ता है।
- समद अधिक खाना खाता है।
- लविश उसके दोस्त से ज़्यादा पढता है।
- अभी तक तुमने पर्याप्त नींद नहीं ली।
अधिक, ज़्यादा, पर्याप्त आदि शब्द खाना, दौड़ना, सोना, पढ़ना आदि क्रियाओं के परिमाप या मात्र का बोध कराते हैं। परिभाषा से हमें यह जान पड़ता है की ऐसे शब्द जो हमें क्रिया के होने की मात्रा एवं संख्या के बोध कराते हैं ऐसे शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आते हैं।
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प्रयोग के आधार पर क्रिया विशेषण के भेद क्या हैं?
प्रयोग के आधार पर क्रियाविशेषण के 3 भेद होते हैं :
- साधारण क्रिया विशेषण ,
- सयोंजक क्रिया विशेषण
- अनुबद्ध क्रिया विशेषण
1. साधारण क्रिया विशेषण
ऐसे क्रिया विशेषण शब्द जिनका प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र होता है, वे शब्द साधारण क्रिया विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- अरे! तुम कब आए?
- हाय! यह क्या हो गया।
- अरे! वह लड़का कहाँ चला गया?
- बेटा जल्दी आओ।
कुछ शब्दों का प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र होता है। यह शब्द साधारण क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
2. सयोंजक क्रिया विशेषण
जिन क्रिया विशेषणों का सम्बन्ध किसी उपवाक्य से होता है, वह शब्द सयोंजक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। जैसे :
- जहाँ तुम अभी खड़े हो, वहां घर हुआ करता था।
- जहां तुम जाओगे, वहीँ मैं जाऊँगा।
- यहाँ हम चल रहे हैं, वहां वो दौड़ रहे हैं।
क्रिया विशेषणों का सम्बन्ध किसी उपवाक्य से है, यह क्रिया विशेषण शब्द सयोंजक क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
3. अनुबद्ध क्रियाविशेषण
ऐसे शब्द जो निश्चय के लिए कहीं भी प्रयोग कर लिए जाते हैं वे शब्द अनुबद्ध क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- यह काम तो गलत ही हुआ है।
- आपके आने भर की देर है।
जैसे शब्दों का निश्चय के लिए कहीं भी प्रयोग हो जाता है। अतः यह शब्द अनुबद्ध क्रिया विशेषण के अंतर्गत आते हैं।
रूप के आधार पर क्रिया विशेषण के भेद
रूप के आधार पर क्रिया विशेषण के तीन भेद होते हैं :
- मूल क्रिया विशेषण
- स्थानीय क्रिया विशेषण
- योगिक क्रिया विशेषण
1. मूल क्रिया विशेषण
ऐसे शब्द जो दुसरे शब्दों के मेल से नहीं बनते यानी जो दुसरे शब्दों में प्रत्यय लगे बिना बन जाते हैं, वे शब्द मूल क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे: –
- पास
- दूर
- ऊपर
- आज
- सदा
- अचानक
- फिर
- नहीं
- ठीक
2. स्थानीय क्रिया विशेषण
ऐसे अन्य शब्द-भेद जो बिना अपने रूप में बदलाव किए किसी विशेष स्थान पर आते हैं, वे स्थानीय क्रिया विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- वह अपना पाठ पढे़गा।
- तुम दौड़कर चलते हो।
सिर, चलते आदि शब्दों के रूप में बिना बदलाव हुए ही वे विशेष स्थान पर प्रयोग किए गए है, अतः यह स्थानीय क्रिया विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।
3. यौगिक क्रिया विशेषण
ऐसे क्रियाविशेषण जो किसी दुसरे शब्दों में प्रत्यय या पद आदि लगाने से बनते हैं, ऐसे क्रियाविशेषण यौगिक क्रिया विशेषणों की श्रेणी में आते हैं।
संज्ञा से यौगिक क्रिया विशेषण :-
जैसे :- सवेरे, सायं, आजन्म, क्रमशः, प्रेमपूर्वक, रातभर, मन से आदि।
सर्वनाम से यौगिक क्रिया विशेषण :-
जैसे : यहाँ, वहाँ, अब, कब, इतना, उतना, जहाँ, जिससे आदि।
विशेषण से क्रिया विशेषण :-
जैसे :- चुपके, पहले, दूसरे, धीरे आदि।
क्रिया से क्रिया विशेषण :-
जैसे :- खाते, पीते, सोते, उठते, बैठते, जागते आदि।
विशेषण और क्रिया विशेषण में क्या अंतर है?
नीचे विशेषण और kriya visheshan में अंतर दिया गया है।
विशेषण | क्रिया विशेषण |
जो शब्द संज्ञा या फिर सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं। | जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं उन्हें क्रिया-विशेषण कहते हैं। |
उदाहरण: वह अच्छा खिलाड़ी है। वह अच्छा गायक है। | उदाहरण: वह अच्छा खेलता है। वह अच्छा गाता है। |
क्रिया विशेषण (Adverb in Hindi) के प्रश्न उत्तर
क्रिया विशेषण (Adverb in Hindi) के प्रश्न उत्तर इस प्रकार से है :
(i) संज्ञा
(ii) सर्वनाम
(iii) क्रिया
(iv) काल
उत्तर: (iii) क्रिया
(i) तीन
(ii) चार
(iii) पाँच
(iv) आठ
उत्तर: (ii) चार
(i) संबंधबोधक
(ii) क्रिया
(iii) क्रियाविशेषण
(iv) सर्वनाम
उत्तर: (i) संबंधबोधक
(i) दो शब्दों या वाक्यों को पृथक करना,
(ii) दो शब्दों या वाक्यों को जोड़ना
(iii) दो शब्दों या वाक्यों में समानता बताना
(iv) इनमें कोई नहीं
उत्तर: (ii) दो शब्दों या वाक्यों को जोड़ना
(i) के पास, से दूर
(ii) और, क्योंकि
(iii) में, पर
(iv) सुबह, रात
उत्तर: (ii) और, क्योंकि
(i) स्वीकृतिबोधक।
(ii) भयबोधक
(iii) संबंधबोधक
(iv) घृणाबोधक
उत्तर: (iii) संबंधबोधक
(i) हर्षबोधक
(ii) घृणाबोधक
(iii) शोकबोधक
(iv) आर्शीवादबोधक
उत्तर: (iv) आर्शीवादबोधक
(i) मैं
(ii) ही
(iii) तुम
(iv) चलो
उत्तर: (ii) ही
अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के 4 भेद होते हैं:
1. कालवाचक क्रिया विशेषण
2. रीतिवाचक क्रिया विशेषण
3. स्थानवाचक क्रिया विशेषण
4. परिमाणवाचक क्रिया विशेषण।
प्रयोग के आधार पर क्रिया विशेषण के 3 भेद होते हैं :
1. साधारण क्रिया विशेषण ,
2. सयोंजक क्रिया विशेषण
3. अनुबद्ध क्रिया विशेषण।
रूप के आधार पर क्रिया विशेषण के 3 भेद होते हैं
1. मूल क्रिया विशेषण
2. स्थानीय क्रिया विशेषण
3. योगिक क्रिया विशेषण।
वह शब्द जो हमें क्रियाओं की विशेषता का बोध कराते हैं वे शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं। दुसरे शब्दों में कहें तो जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चलता है, उन शब्दों को हम क्रिया विशेषण कहते हैं।
1) निश्चयवाचक क्रिया विशेषण
2) अनिश्चयवाचक क्रिया विशेषण
3) कारणात्मक क्रिया विशेषण
4) आक्स्मिकतात्म्क क्रिया विशेषण
5) स्वीकारात्मक क्रिया विशेषण
6) निषेधात्मक क्रिया विशेषण
7) आवृत्यात्मक क्रिया विशेषण
8) अवधारक क्रिया विशेषण
9) निष्कर्ष क्रिया विशेषण।
क्रिया
ऐसे क्रिया विशेषण शब्द जिनसे हमें क्रिया के परिमाण, संख्या या मात्र का पता चलता है, वे शब्द परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
जैसे: तुम थोड़ा अधिक खाओ।
अमृत बहुत ज्यादा दौड़ता है।
PPT
यह भी पढ़ें:
- Kal Vachak Kriya Visheshan: कालवाचक क्रिया विशेषण की परिभाषा, उदाहरण
- Riti Vachak Kriya Visheshan: रीतिवाचक क्रिया विशेषण की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
- Sthan Vachak Kriya Visheshan: स्थानवाचक क्रिया विशेषण की परिभाषा एवं उदाहरण
- Pariman Vachak Kriya Visheshan: परिमाणवाचक क्रियाविशेषण की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
FAQs
जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के होने का समय बतलाते हैं, उन्हें कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। परसों, पहले, पीछे, कभी, अब तक, अभी-अभी, बार-बार।
यौगिक क्रियाविशेषण :- जो दूसरे शब्दों में प्रत्यय या पद आदि लगाने से बनते हैं उन्हें यौगिक क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे : – कभी -कभी , खाते, पीते आजन्म आदि।
जो अविकारी शब्द किसी क्रिया की दिशा का बोध कराते हैं, उन्हें दिशावाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे- दायें-बायें, इधर-उधर, किधर, एक ओर, चारों तरफ़ आदि। अतः इधर-उधर में दिशा वाचक क्रिया विशेषण है।
क्रिया के भेद –
सहायक क्रिया (helping Verb)
पूर्वकालिक क्रिया (Absolutive Verb)
नामबोधक क्रिया (Nominal Verb)
द्विकर्मक क्रिया (Double Transitive Verb)
सयुंक्त क्रिया (Compound Verb)
क्रियार्थक संज्ञा (Verbal Noun)
किसी काम के करने या होने को क्रिया कहते हैं । क्रिया दो प्रकार की होती है -अकर्मक और सकरमक। जैसे खाना – वाना । इसमे खाना सकरमक और वाना अकर्मक क्रिया कहलाएगी ।
कालवाचक क्रिया विशेषण वह शब्द होते हैं जो हमें क्रिया के होने वाले समय से परिचित करवाते हैं।
उम्मीद है कि Kriya Visheshan का यह ब्लॉग आपको अच्छा लगा होगा। हिंदी ग्रामर से जुड़े ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।
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