Koshika kya hai यह सवाल हर साइंस स्टूडेंट के दिमाग में होता है जो साइंस पढ़ना शुरू करता है। मनुष्य तथा अन्य जीवजंतु और पेड़ पौधे का निर्माण भी कोशिका से ही हुआ है। बिना कोशिका से किसी भी जीव का जीवन असंभव है। अमीबा हो या कोई विशाल जानवर सभी जीव में कोशिका पाई जाती है। Koshika kya hai यह समझने के लिए आपको पहले इसके प्रकार तथा कार्यों को समझना होगा। इस ब्लॉग में आप Koshika kya hai जानने के साथ इससे जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में जानेंगें।
This Blog Includes:
- कोशिका क्या है?
- कोशिका की खोज
- मृत कोशिका (डेड सेल्स) क्या है?
- कोशिका झिल्ली
- कोशिका के कार्य
- कोशिकांग किसे कहते हैं?
- कोशिका सिद्धांत क्या है?
- कोशिका की आकृति
- कोशिका का आकार
- कोशिका संख्या
- कोशिका के प्रकार
- प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अन्तर
- प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में समानताएँ
- कोशिका के अंग
- FAQs
कोशिका क्या है?
कोशिका (सेल्स) जीवन की बेसिक स्ट्रक्चरल एवं फंक्शनल यूनिट है। पृथ्वी पर रहने वाले माइक्रोब्स से लेकर विशाल जीव तक सभी कोशिकाओं से मिलकर बने है। कोशिकाओं के भीतर ही वह सारी क्रियाएं होती है जो एक जीव को जीवन प्रदान करने के लिए आवश्यक होते हैं।
कोशिका की खोज
कोशिका की खोज कोशिकाओं की खोज और उनका अध्ययन माइक्रोस्कोप के आविष्कार के बाद ही संभव हो पाया। सर्वप्रथम सन् 1665 में राबर्ट हुक नामक अंग्रेज़ वैज्ञानिक ने कोशिका की खोज की।
- जब वह अपने ही बनाए हुए पुराने किस्म के माइक्रोस्कोप में पौधे के कॉर्क एक पतली क्रॉस सेक्शन की पढ़ाई कर रहे थे तो उन्हें छोटी-छोटी कम्पार्टमेंट्स दिखाई पड़ी जो मधुमक्खी के समान दिखाई पड़ रही थीं।
- राबर्ट हुक ने इन खोखली कोठारिया को सेल का नाम दिया ।
- सन् 1674 में ल्यूवेन हॉक नामक डच वैज्ञानिक ने अपने ही बनाए हुए एडवांस्ड प्रकार के माइक्रोस्कोप में स्वतंत्र कोशिका जैसे बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ, लाल रक्त कणिकाओं (रेड ब्लड सेल्स) एवं शुक्राणु (स्पेर्म्स), का अध्ययन किया।
- रॉबर्ट ब्राउन ने सन् 1831 में पादप कोशिकाओं में केंद्रक को सर्वप्रथम देखा। जे.ई. परकिंजे ने सन् 1939 में कोशिकाद्रव्य का नाम प्रोटोप्लास्ट रखा।
- सन् 1866 में हैकेल ने यह सिद्ध किया कि केंद्रक के भीतर हेरेडिटरी ट्रेट्स का कलेक्शन होता है। आगे चलकर अनेक वैज्ञानिकों ने कोशिका के विभिन्न घटकों की रचना एवं कार्य की जानकारी दी।
मृत कोशिका (डेड सेल्स) क्या है?
साल 1665 ईस्वी में रॉबर्ट हुक नामक एक अंग्रेज वैज्ञानिक ने अपने द्वारा बनाए गए मिरकोस्कोप्स से कार्क की एक पतली काट में कोशिकाओं को खोजा। उन्हें इसमें मधुमक्खी के छत्ते जैसी कोठरियां दिखाई दिया जिन्हें रॉबर्ट हुक ने सेल नाम दिया। इन ही सेल को मृत कोशिकाएं भी कहा गया था।
कोशिका झिल्ली
हर एक कोशिका के चारों ओर एक बहुत पतली, मुलायम व लचीली झिल्ली होती है, जिसे कोशिका झिल्ली कहते हैं। यह झिल्ली जीवित एवं अर्द्ध पारगम्य होती है। क्योंकि इस झिल्ली द्वारा कुछ हीं पदार्थ अंदर तथा बाहर आ-जा सकते हैं, यह लिपिड और प्रोटीन की बनी होती है। इसमें दो परत प्रोटीन तथा एक परत लिपिड की होती है।
कोशिका के कार्य
Koshika kya hai जानने के साथ-साथ इनके कार्य जानने भी आवश्यक हैं, जो इस प्रकार हैं:
- प्लाजमा झिल्ली कोशिका के भीतर सभी भागों को घेरे रखती हैं।
- यह कोशिका को आकृति प्रदान करती हैं (जंतु कोशिकाओं में) उदाहरण लालरूधिर कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल्स) अस्थि कोशिकाओं (बॉन सेल्स) आदि की विशिष्ट आकृति प्लाज्मा झिल्ली के कारणही होती हैं।
- इसमें से हाके र विशिष्ट पदार्थ कोशिका के भीतर या बाहर आ जा सकते हैंलेकिन सभी पदार्थ नहीं। अत: इसे सेलेक्टिव रूप से परमिएबल कहा जाता हैं।
कोशिकांग किसे कहते हैं?
जिस प्रकार शरीर के विभिन्न अंग भिन्न-भिन्न कार्य करते हैं, उसी प्रकार कोशिका के अन्दर स्थित संरचनाएँ विशिष्ट कार्य करती हैं। अतः इन संरचनाओं को कोशिकांग या अंगक (ओर्गानेल) कहते हैं। उदाहरण के लिए, माइटोकांड्रिया या सूत्रकणिका कोशिका का ‘शक्तिगृह’ (पावर हाउस) कहलाता है क्योंकि इसी में कोशिका की अधिकांश रासायनिक ऊर्जा उत्पन्न होती है
कोशिका सिद्धांत क्या है?
एक वनस्पति वैज्ञानिक जैकॉब मैथ्यास श्लाइडन ने सन् 1838 में बताया कि पादपों के शरीर सूक्ष्म कोशिकाओं के बने होते हैं। सन् 1839 में प्राणिविज्ञानी थिओडोर श्वान ने बताया कि जंतु का शरीर भी सूक्ष्म कोशिकाओं का बना होता है। इन दोनों जर्मन वैज्ञानिकों ने एक मत होकर कोशिका सिद्धांत दिया।
कोशिका सिद्धांत के अनुसार “सभी जीवधारी एक या अनेक कोशिकाओं के बने होते हैं, अर्थात् कोशिका जीवधारियों के शरीर की आधारभूत संरचना और क्रियात्मक इकाई है।”
कोशिका की आकृति
पूरी दुनिया में विभिन्न प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं। इन सभी की कोशिकाओं के आकार, आकृति और संख्या में विभिन्नता पाई जाती हैं। कोशिका की आधारीय आकृति गोलाकार होती है किंतु विभिन्न प्रकार के कार्य करने हेतु अलग-अलग जीवों की कोशिका आकृति में विविधता पाई जाती यहाँ तक की एक पौधे या जंतु के शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाएँ अलग-अलग आकार की हो सकती हैं।
कोशिका का आकार
विभिन्न पौधे और जंतु कोशिकाओं के आकार में भी विविधता पाई जाती है। अधिकतर कोशिकाओं का आकार 6.5 से 2.0 माइक्रोमीटर होती है-
- सबसे छोटी कोशिका प्ल्यूरोन्योमोनिया जैसे जीव की है जिसका व्यास केवल 0.1\um होता है,
- जबकि दूसरी ओर शुतुरमुर्ग की अंडकोशिका का आकार 15 सेमी तक हो सकता है।
- मनुष्य के शरीर की सबसे छोटी कोशिका लाल रक्त कणिकाएँ हैं जिनका व्यास 8um होता है
- सबसे बड़ी तंत्रिका कोशिकाएँ होती हैं जो 90 सेमी तक लंबी हो सकती हैं ।
- पौधों में मनिला हेम्प की तंतु कोशिकाएँ (स्कलेरेनकाइमा) की लंबाई 100 सेमी से भी अधिक होती है।
कोशिका संख्या
एककोशिकीय जीव, जैसे बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ आदि, केवल एक ही कोशिका के बने होते हैं, जबकि बहुकोशिकीय जीवों में कोशिकाओं की संख्या बहुत अधिक होती है। मल्टीसेल्लुलर ऑर्गेनिज़्म में कोशिकाओं की संख्या उनके आकार एवं वॉल्यूम के अनुरूप होती है। पैन्डोरिना नामक हरित शैवाल में कोशिकाओं की संख्या केवल 8 से 32 होती है, जबकि एक 80 किलोग्राम वजन के मनुष्य में लगभग 60×10^15 कोशिकाएँ पाई जाती हैं।
कोशिका के प्रकार
कोशिकाएं दो प्रकार की होती हैं, जैसे कि–
प्रोकैरियोटिक कोशिका
इस कोशिका में केन्द्रक मोजूद नहीं होते। न्यूक्लियस ना होने के कारण इसमें न्यूक्लाइड पाया जाता है जो आनुवंशिक सूचनाएँ नियंत्रित रखता है। यह एकल कोशिका वाले सूक्ष्मजीव में पाए जाते है उदहारण के लिए बैक्टीरिया।
- इनका व्यास 0.1 से 0.5 माइक्रोमीटर के बीच होता हैं।
- इनका निर्माण द्विखण्डन (बाइनरी फिशन) से होता है।
- जीवविज्ञान में कोशिका का दो भागों में विभाजित होना और नयी कोशिकाओं का निर्माण करना द्विखण्डन कहलाता है।
यूकैरियोटिक कोशिका
इस कोशिका में केन्द्रक मोजूद होते है जिसमे यह आनुवंशिक सूचनाएँ एकत्रित रखते हैं। यह बहुकोशिकीय वाले सूक्ष्मजीव में पाए जाते है उदहारण के लिए मनुष्य, जानवर आदि-
- इनका व्यास 10 से 100 माइक्रोमीटर के बीच होता है।
- इनका निर्माण लैंगिक तथा अलैंगिक जनन से हो सकता है।
प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अन्तर
Koshika kya hai जानने के साथ-साथ प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अन्तर जानते हैं, जो इस प्रकार हैं:
प्रोकैरियोटिक | यूकैरियोटिक | |
ये छोटी आकार की कोशिका होती है। | ये बड़ी आकार की कोशिका होती है। | |
इनमें केन्द्रक पूर्ण विकसित नहीं होता है। | इनमें पूर्ण विकसित केन्द्रक पाया जाता है। | |
श्वसन क्रिया जीवद्रव्य से होती है। | श्वसन क्रिया माइट्रोकोण्ड्रिया से होती है। | |
माइट्रोकोण्ड्रिया अनुपस्थित रहता है। | माइट्रोकोण्ड्रिया पाया जाता है। | |
गॉल्जीकाय नहीं पाया जाता है। | गॉल्जीकाय पाया जाता है। | |
सेन्ट्रोसोम नहीं पाया जाता है। | सेन्ट्रोसोम पाया जाता है। | |
लाइसोसोम नहीं पाया जाता है। | लाइसोसोम पाया जाता है। |
प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में समानताएँ
Koshika kya hai जानने के साथ-साथ प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में समानताएँ भी जान लेते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- DNA प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों कोशिकाओं में पाया जाता है।
- प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों कोशिकाओं में जीवद्रव्य पाया जाता है।
- प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों कोशिकाओं में होती है।
- प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों कोशिकाओं में कोशिका झिल्ली पाई जाती है।
- कोशिका भित्ति प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों कोशिकाओं में उपस्थित रहती है। प्रोकैरियोटिक कोशिका में कोशिका भित्ति पेप्टीडो ग्लाइकेन और यूकैरियोटिक कोशिका में कोशिका भित्ति सेल्युलोज की बनी होती है।
- प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में 70s राइबोसोम पाया जाता है और यूकैरियोटिक कोशिकाओं में 80s राइबोसोम पाया जाता है।
कोशिका के अंग
कोशिका के अंग निंम्नलिखित हैं-
- सेल मेम्ब्रेन
- सेल वॉल
- माइटोकॉन्ड्रिया
- गॉल्जीकाय
- वकोल
- सेंट्रोसोम
- एन्डोप्लास्मिक रेटिकुलम
- राइबोसोम
- नुक्लिएस
- लाइसोसोम
- प्रोटोप्लाज़्म
- सिलिया एंड फ्लेजिला
- लवक
- क्रोमोज़ोम
FAQs
पूरी दुनिया की सबसे छोटी कोशिका माइकोप्लाज्मा की होती है। जो एककोशिकीय जीव होता है।
पूरी दुनिया की सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग के अण्डे में होती है।
मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका पुरूषों में स्पर्म या शुक्राणु की होती है।
मानव शरीर की सबसे बड़ी कोशिका महिलाओं के अण्डाणु की होती है।
मानव शरीर की सबसे लम्बी कोशिका, तंत्रिका तंत्र अर्थात् न्यूरोन होती है। जिसे मस्तिष्क की कोशिका कहा जाता है।
कोशिका जीवन की आधारभूत संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है। पृथ्वी पर रहने वाले सूक्ष्म जीव से लेकर विशाल जीव तक सभी कोशिकाओं से मिलकर बने है। कोशिकाओं के भीतर ही वह सारी क्रियाएं होती है जो एक जीव को जीवन प्रदान करने के लिए आवश्यक होते हैं।
कोशिका के जनक रॉबर्ट हूक हैं।
कोशिका के तीन मुख्य भाग हैं- (i) कोशिका झिल्ली, (ii) कोशिका द्रव्य जिसमें छोटी-छोटी संरचनाएँ पाई जाती हैं एवं (iii) केन्द्रक।
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ऋषि जी आपका शुक्रिया, ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर रहें।
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आपका धन्यवाद, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।
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4 comments
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