किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना एक ऐसी योजना है, जो भारतीय किसानों को खेती के लिए आसान तरीके से कर्ज देने का काम करती है। इस योजना के तहत, किसानों को बैंक से क्रेडिट कार्ड मिलता है, जिससे वे बीज, उर्वरक, सिंचाई, और अन्य कृषि कामों के लिए पैसों की व्यवस्था कर सकते हैं। यह कर्ज उन्हें कम ब्याज दर पर मिलता है, जिससे उनकी खेती में आने वाली वित्तीय समस्याएं आसान हो जाती हैं। यूपीएससी की परीक्षा में इस योजना के बारे में जानना आवश्यक है, क्योंकि यह सरकार की योजनाओं और कृषि सुधारों के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है। इसलिए इस ब्लॉग में किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card Scheme UPSC in Hindi) के बारे में जानकारी दी गई है, ताकि छात्र इस विषय को गहराई से समझ सकें और अपनी परीक्षा की तैयारी को और बेहतर बना सकें।
This Blog Includes:
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है?
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना चर्चा में क्यों है ?
- किसान क्रेडिट कार्ड की विशेषताएं और लाभ
- भारत में किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने वाले शीर्ष बैंक
- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए योग्यता
- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें?
- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- किसान क्रेडिट कार्ड कैसे काम करता है?
- किसान क्रेडिट कार्ड की उपलब्धियांँ
- किसान क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग
- Kisan Credit Card Scheme UPSC in Hindi : महत्वपूर्ण प्रश्न
- FAQs
किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है?
किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card Scheme UPSC in Hindi) योजना एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को कृषि कार्यों के लिए सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत किसान अपने कृषि कार्यों, जैसे कि बीज, खाद, सिंचाई, और फसल उत्पादन के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना 1998 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय सरकार द्वारा शुरू की गई थी।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना चर्चा में क्यों है ?
किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card Scheme UPSC in Hindi) योजना इन दिनों चर्चा में है क्योंकि यह भारतीय किसानों को खेती के लिए सस्ता और आसान ऋण देती है। कोविड-19 महामारी के बाद, किसानों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा, और इस समय KCC योजना ने उन्हें जल्दी से ऋण दिलवाने में मदद की। इसके अलावा, सरकार ने इस योजना का विस्तार किया है ताकि और अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। कई राज्य सरकारें किसानों को ऋण माफी और अन्य सुविधाएं देने की घोषणा कर रही हैं, जिससे यह योजना और भी चर्चा में आई है। सरकार इस योजना को और भी बेहतर बनाने के लिए इसके नियमों में बदलाव करने की कोशिश कर रही है।
किसान क्रेडिट कार्ड की विशेषताएं और लाभ
किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) की विशेषताएं और लाभ हैं –
- किसानों को जो कर्ज मिलता है, उस पर ब्याज बहुत कम होता है, जैसे 2% तक।
- 1.60 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी सिक्योरिटी के मिलता है।
- फसल बीमा योजना भी किसानों को दी जाती है, जिससे उन्हें बीमा कवरेज मिलता है : स्थायी विकलांगता और मृत्यु पर 50,000 रुपये तक मिलते हैं और अन्य जोखिमों के लिए 25,000 रुपये तक की मदद मिलती है।
- लोन का भुगतान फसल की कटाई और व्यापार की अवधि के आधार पर करना होता है।
- इस योजना के तहत किसान 3 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं।
- किसान अपने अकाउंट में जमा पैसे पर अच्छी ब्याज दर पा सकते हैं।
- जब किसान समय पर कर्ज चुकता करते हैं, तो उन्हें कम ब्याज लगता है। लेकिन अगर वे देर से भुगतान करते हैं, तो ज्यादा ब्याज लगता है।
भारत में किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने वाले शीर्ष बैंक
किसान क्रेडिट कार्ड योजना को NABARD (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) ने शुरू किया था, और इसे भारत के सभी बड़े बैंकों द्वारा लागू किया गया है। इस योजना को देने वाले प्रमुख बैंकों में शामिल हैं –
बैंक | क्रेडिट लिमिट | ब्याज दर |
भारतीय स्टेट बैंक | किसान की जरूरत और क्रॉप प्रोडक्शन पैटर्न के अनुसार | ₹3 लाख तक के लिए-7%₹3 लाख से अधिक के लिए- बैंक के मुताबिक लागू ब्याज दरें |
एक्सिस बैंक | जिस भूमि पर खेती होगी, क्रॉप पैटर्न और फाइनेंश स्केल के अनुसार | प्रोडक्शन क्रेडिट- 10.70%निवेश क्रेडिट- 13.30% |
एचडीएफसी बैंक | जिस भूमि पर खेती होगी, क्रॉप पैटर्न और फाइनेंश स्केल के अनुसार | औसत एपीआर 10.08% |
बैंक ऑफ इंडिया | जिस भूमि पर खेती होगी, क्रॉप पैटर्न और फाइनेंश स्केल के अनुसार | बैंक के मुताबिक लागू ब्याज दरें |
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए योग्यता
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए योग्यता निम्नलिखित हैं –
- केवल वे किसान जो कृषि और संबंधित गतिविधियों में लगे हैं, वे ही KCC के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- किसान के पास कृषि भूमि (खेत) होना चाहिए। जिनके पास कृषि भूमि नहीं है, वे इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।
- किसान की उम्र 18 से 75 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- किसान को पहले से किसी भी बैंक से ऋण न होने चाहिए या वह अपने ऋण का नियमित भुगतान करता हो।
- आवेदक को पहचान के रूप में आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी आदि और स्थायी पता प्रमाण पत्र (जैसे, बिजली बिल, राशन कार्ड आदि) जमा करना आवश्यक होता है।
- किसानों को यह सिद्ध करना होता है कि वे कृषि कार्य में लगे हुए हैं, जैसे कि कृषि क्षेत्र में काम करने का प्रमाण पत्र।
- किसान को आवेदन करते समय यह सुनिश्चित करना होता है कि वे वर्तमान वित्तीय वर्ष में कृषि कार्य में लगे हुए हैं और आगामी ऋण का उपयोग भी कृषि कार्य में ही करेंगे।
- किसानों को बैंक के क्षेत्र का निवासी होना चाहिए
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें?
अगर कोई किसान केसीसी ऑनलाइन का लाभ उठाना चाहता है, तो वह निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं :
- अपने पसंदीदा बैंक की वेबसाइट पर जाएं और वहां किसान क्रेडिट कार्ड सेक्शन में जाएं।
- आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें और उसे प्रिंट करें।
- फॉर्म को अच्छे से भरें।
- भरा हुआ फॉर्म और जरूरी दस्तावेज़ बैंक की निकटतम शाखा में जमा करें।
- बैंक के लोन अधिकारी आवेदक से जरूरी जानकारी लेंगे।
- लोन की मंजूरी मिलने पर कार्ड भेज दिया जाएगा।
- केसीसी प्राप्त करने के बाद किसान इसे उपयोग करना शुरू कर सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेज़
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के लिए आवेदन करते समय, किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज़ जमा करने होंगे:
- पहचान प्रमाण: पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या इनसे मिलते-जुलते दस्तावेज़।
- पता प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस या कोई अन्य सरकारी स्वीकृत पहचान पत्र।
- फोटो: आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो।
- आवेदन फॉर्म: पूरी तरह से भरा हुआ और साइन किया हुआ आवेदन फॉर्म।
किसान क्रेडिट कार्ड कैसे काम करता है?
किसान क्रेडिट कार्ड इस तरह काम करता है :
- किसान को पहले बैंक जाकर किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना होता है।
- बैंक का लोन अधिकारी यह तय करता है कि किसान को कितनी राशि दी जाएगी, जो कि 3 लाख रुपये तक हो सकती है।
- एक बार लोन की राशि मंजूर हो जाने पर, बैंक किसान को क्रेडिट कार्ड जारी करता है।
- कार्डधारक इस कार्ड की क्रेडिट सीमा तक वस्तुएं खरीद सकते हैं।
- ब्याज केवल उस लोन राशि पर लगेगा जो किसान ने निकाली है।
- सअगर किसान समय पर लोन चुकता करता है, तो उसे न्यूनतम ब्याज दर ही लगेगी।
- KCC कार्डधारक अपनी जरूरत के हिसाब से क्रेडिट सीमा तक लोन निकाल सकते हैं, इससे उन्हें बड़ी रकम पर ज्यादा ब्याज नहीं देना पड़ता।
किसान क्रेडिट कार्ड की उपलब्धियांँ
किसान क्रेडिट कार्ड की उपलब्धियांँ निम्नलिखित है :
- जून 2020 तक, मत्स्य पालन के लिए लगभग 25 लाख किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) आवेदन स्वीकृत किए गए।
- आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में, सरकार ने 2.5 करोड़ किसानों को KCC योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये का ऋण देने की घोषणा की।
- मिलजुल कर किए गए प्रयासों की वजह से, 1.35 लाख करोड़ रुपये के लोन के साथ 1.5 करोड़ से ज्यादा किसानों को कवर किया गया।
किसान क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग
किसान क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग तब होता है जब :
- ऋण का गलत उपयोग: कृषि कार्यों के बजाय निजी उद्देश्यों में ऋण का उपयोग करना।
- जमीन के दस्तावेज़ में गड़बड़ी: नकली या गलत दस्तावेज़ों का उपयोग करना।
- ऋण चुकाने में चूक: समय पर ऋण का भुगतान न करना।
- मिडलमैन और बिचौलियों का दुरुपयोग: बिचौलियों द्वारा किसानों के नाम पर ऋण प्राप्त करना।
- फर्जी किसानों का आवेदन: फर्जी किसान बनकर ऋण प्राप्त करना।
Kisan Credit Card Scheme UPSC in Hindi : महत्वपूर्ण प्रश्न
किसान क्रेडिट कार्ड योजना पर महत्वपूर्ण प्रश्न इस प्रकार से :
प्रश्न 1: किसान क्रेडिट कार्ड योजना का उद्देश्य निम्नलिखित में से किस आवश्यकता के लिए किसानों को समय पर ऋण प्रवाह सुनिश्चित करना है?
- उपज का विपणन।
- अंतर्देशीय मत्स्य पालन।
- उपभोग व्यय।
क. केवल 1
ख. केवल 1 और 3
ग. उपरोक्त सभी
घ. केवल 2
उत्तर: ग. उपरोक्त सभी
प्रश्न 2: किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- इसका क्रियान्वयन केवल सहकारी बैंकों द्वारा किया जाता है।
- इसके घटक हैं सावधि ऋण और उपभोग ऋण।
- यह बिचौलियों के प्रति किसानों की संवेदनशीलता को कम करता है।
क. केवल 1 और 2
ख. केवल 2 और 3
ग. केवल 1 और 3
घ. केवल 2
उत्तर: ख. केवल 2 और 3
प्रश्न 3: किसानों को अल्पकालिक ऋण और नकद वितरण की सुविधा प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड शुरू किया गया था। निम्नलिखित में से कौन सी एजेंसी किसान क्रेडिट कार्ड के संचालन में शामिल नहीं है?
- राष्ट्रीयकृत बैंक
- सहकारी बैंक
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
- निजी बैंक
उत्तर: निजी बैंक
प्रश्न 4: किसान क्रेडिट कार्ड योजना 1998-99 में _____________ के लिए शुरू की गई थी।
उत्तर: किसानों को फसल उत्पादन, विपणन, कृषि उपकरण, उपभोग व्यय, और मत्स्य पालन जैसी जरूरतों के लिए ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से।
प्रश्न 5: किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- इसका उद्देश्य किसानों को एकल खिड़की के तहत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त और समय पर ऋण सहायता प्रदान करना है।
- इसे केवल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा लागू किया जाता है।
- किरायेदार किसान इस योजना के तहत पात्र नहीं हैं।
क. केवल 1
ख. केवल 1 और 2
ग. केवल 1 और 3
घ. केवल 3
उत्तर: क. केवल 1
प्रश्न 6: किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में निम्नलिखित सिद्धांतों पर विचार करें:
- यह केवल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा लागू किया जाता है।
- सावधि ऋण और उपभोक्ता ऋण इसके घटक हैं।
- यह किसानों के प्रति बिचौलियों की भेद्यता को कम करता है।
क. केवल 1 और 2
ख. केवल 2 और 3
ग. केवल 1 और 3
घ. केवल 2
उत्तर: ख. केवल 2 और 3
FAQs
भारत में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की शुरुआत 1998 में हुई थी। इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा शुरू किया गया था।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना एक सरकारी पहल है जो किसानों को सस्ती दरों पर कर्ज देने के लिए बनाई गई है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को अपनी कृषि गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे आसानी से बीज, सिंचाई, और अन्य कृषि कार्यों के लिए पैसे जुटा सकें।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर ब्याज दर 1 साल बाद सामान्यत: 7% के आसपास होती है, जो सरकार द्वारा तय की जाती है।
यदि कोई किसान KCC धारक है और उसकी मृत्यु या स्थायी विकलांगता होती है, तो उसके परिवार को 50,000 रुपये तक का बीमा कवर मिलता है। इसके अलावा, दुर्घटना या बीमारी के कारण किसानों को 25,000 रुपये तक का बीमा कवर भी मिलता है।
केसीसी योजना का मॉडल नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) द्वारा तैयार किया गया था।
किसान की जरूरत और क्रेडिट लिमिट के आधार पर, ऋण राशि तय की जाती है। यह राशि ₹50,000 से लेकर ₹3 लाख तक हो सकती है।
किसान अपने नजदीकी बैंक, सहकारी बैंक, या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में जाकर आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन भी कई बैंकों की वेबसाइट्स पर उपलब्ध है।
किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ फसल उत्पादन, कृषि उपकरण की खरीद, पशुपालन, मछली पालन, फसल काटने के बाद का खर्च आदि के लिए लिया जा सकता है।
KCC योजना के तहत पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड), निवास प्रमाण पत्र, खेती से जुड़े दस्तावेज, पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेज जरूरी होते हैं।
समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को ब्याज में छूट मिलती है, जिससे उन्हें कर्ज कम ब्याज दर पर चुकाना पड़ता है।
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