परीक्षा चाहे कोई भी और किसी भी स्तर की क्यों न हो, परीक्षा के परिणामों की चिंता परीक्षा में बैठने वाले कैंडिडेट्स को होती ही है। UPSC एक ऐसा एग्जाम है जिसको दुनिया के कठिनतम एग्जाम की श्रेणी में स्थान दिया गया है, इस परीक्षा में सफलता पाने के प्रयास से हर वर्ष लाखों युवा अपनी उपस्तिथि दर्ज कराते हैं।
आगामी UPSC परीक्षा के लिए दिन-रात कड़ा संघर्ष और कठिन अध्ययन कर रहे उम्मीदवारों को UPSC के उत्तीर्ण प्रतिशत को देखकर निराश नहीं होना चाहिए। सेलेक्शन पर्सेंटेज को एक लक्ष्य के रूप में लेकर यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा यानि कि UPSC प्री के लिए अपने प्रदर्शन स्तर को बढ़ाना चाहिए।
गौरतलब है कि इस वर्ष UPSC सिविल सर्विसेस की प्री परीक्षा 28 मई 2023 को होने वाली है। बीते वर्ष 2022 में, UPSC 2022 के लिए आवेदन करने वाले 11.52 लाख उम्मीदवारों में से केवल 13090 उम्मीदवारों ने ही प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की थी। 06 दिसंबर 2022 को जारी UPSC के परिणाम के अनुसार मुख्य परीक्षा यानि कि UPSC मेंस में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों की संख्या 2529 थी।
बीते वर्ष के परिणामों के उपरोक्त आंकड़ों के माध्यम से यह समझा जा सकता है, कि केवल 19.3% उम्मीदवार ही साक्षात्कार यानि कि इंटरव्यू के लिए योग्य घोषित अथवा चयनित किए गए। परिणामों के प्रतिशत आंकड़ों से विचलित होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि UPSC एक ऐसा महासमर है, जिसमें उम्मीदवारों को बिना विचलित हुए साकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना होता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, एक उम्मीदवार की UPSC में सेलेक्शन पर्सेंटेज की संभावनाएं लगभग 0.2% होती है। इसी को ध्यान में रखकर आगामी परीक्षा की तैयारी के लिए उम्मीदवारों को अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए। सेलेक्शन पर्सेंटेज से जुड़ी उपरोक्त जानकारियां रणनीति बनाने में आपकी सहायता करेंगी।
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