दुनियाभर में नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस हर साल 14 मार्च के दिन मनाया जाता है। यह नदियों में बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने, नदियों की रक्षा के उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने और नदियों के लिए बनाई गईं नीतियों में सुधार लाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
नदियाँ सिर्फ़ इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि पेड़- पौधों और पशु- पक्षियों के अस्तित्व के लिए भी उतनी ही ज़रूरी हैं। बिना पानी के जीवन संभव नहीं। वातावरण में फैलता प्रदूषण और नदियों में फेंक देने वाली गंदगी खतरनाक से भी खतरनाक साबित हो रहे हैं। इसलिए नदियों के बचाव के लिए जल्द से जल्द कुछ कदम नहीं उठाए गए तो स्थति और ख़राब और खतरनाक होती जाएगी।
भारत में 400 से ज़्यादा नदियां हैं। इन सभी नदियों के महत्व को समझाने के लिए नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को हर साल एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल इस दिवस की थीम “नदियों का अधिकार” है। नदियों का अधिकार में उनकी सुरक्षा और स्वच्छता शामिल है।
नदियों के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्य दिवस की शुरुआत
1997 में नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्य दिवस की शुरुआत की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय बैठक में शामिल हुए प्रतिभागियों द्वारा इसे 14 मार्च के दिन मनाने का फैसला लिया गया। कूर्टिबा ब्राजील में बांधों से प्रभावित लोगों की 14 मार्च 1997 की पहली अंतर्राष्ट्रीय बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में शामिल प्रतिभागियों द्वारा बांधों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए और नदियों की सुरक्षा के लिए इस दिवस की शुरुआत की गई थी। इस बैठक में 20 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस दौरान यह शपथ ली गई कि दुनिया में जितने भी बड़े बांध हैं उनकी देख-रेख और सुरक्षा पर खासतौर से ध्यान दिया जाएगा। आज इससे 100 से ज़्यादा देश इससे जुड़े हुए हैं।