मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) का तीसरा ऑफशोर कैंपस श्रीलंका के कैंडी शहर में स्थापित होने की संभावना है। श्रीलंका में एक IIT के प्रस्ताव की घोषणा बीते नवंबर में 2024 के बजट में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने की थी, जो वित्त मंत्री के रूप में भी कार्यरत हैं। श्रीलंका सरकार इस अहम प्रोजेक्ट के लिए IIT मद्रास के संपर्क में है।
IIT ने पिछले साल तंजानिया के ज़ांज़ीबार में एक ऑफशोर कैंपस की स्थापना की घोषणा की थी, जिसमें प्रोफेसर प्रीति अघलायम को इन-चार्ज डायरेक्टर अपॉइंट किया गया था, जो पहली भारतीय महिला IIT डायरेक्टर भी बनीं। भारत और तंजानिया के बीच पिछले जुलाई में हस्ताक्षरित एक MoU अंतिम प्रक्रियात्मक कदम था जिसने कैंपस के उद्घाटन का मार्ग प्रशस्त किया।
ऑफर किए गए ये कोर्सेज
IIT ने पिछले वर्ष नवंबर में एक टेम्पररी कैंपस से ऑपरेशंस शुरू किए थे और फ़िलहाल यह दो फुलटाइम अकादमिक प्रोग्राम ऑफर कर रहा है – डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में चार साल का बैचलर ऑफ साइंस और डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में दो साल का मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी।
वहीं IIT दिल्ली ने लीग का अनुसरण किया और अबू धाबी में एक कैंपस स्थापित करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सरकार के साथ एक फॉर्मल एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। IIT दिल्ली-अबू धाबी कैंपस में इनिशियल मास्टर कोर्स एनर्जी ट्रांजिशन और सस्टेनेबिलिटी पर केंद्रित होगा।
ब्रिटेन भी है IIT ऑफशोर कैंपस को अपने यहां स्थापित करने के लिए इच्छुक
ब्रिटेन भी देश में एक ऑफशोर कैंपस स्थापित करने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IITs) का स्वागत करने का इच्छुक है और ब्रिटेन की कुछ यूनिवर्सिटीज पहले से ही IITs के साथ बातचीत कर रहे हैं। कई IITs को मिडिल ईस्ट और साउथ एशियाई देशों से अपने कैंपस स्थापित करने के लिए अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं।
केंद्र सरकार ने विदेशी स्थानों पर IIT कैंपस खोलने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए 17 मेंबर कमिटी बनाई थी जहां विभिन्न देशों के छात्र टेक्निकल एजुकेशन के बारे में पढ़ सकते हैं। IIT काउंसिल की स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली समिति ने 2022 में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थीं।
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