Generation of Computer in Hindi: कंप्यूटर की पीढ़ी

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Generation of Computer in Hindi

Generation of Computer in Hindi: पीढ़ी दर पीढ़ी कंप्यूटर का विकास एक लम्बी और रोचक यात्रा रही है। कंप्यूटर के विकास को हम कंप्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations of Computer) के रूप में जानते हैं। हर पीढ़ी में नई तकनीकें आईं, जिससे कंप्यूटर और भी तेज़, स्मार्ट और शक्तिशाली बनते गए। शुरूआती समय में जहां कंप्यूटर बहुत बड़े और धीमे होते थे, वहीं आज के आधुनिक कंप्यूटर बेहद छोटे, हल्के और कई गुना तेज हो गए हैं। कंप्यूटर की यह यात्रा पहली पीढ़ी वर्ष 1940 से शुरू हुई थी, जिसमें वैक्यूम ट्यूब का उपयोग होता था। इसके बाद ट्रांजिस्टर, IC, माइक्रोप्रोसेसर, और अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों ने कंप्यूटर की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया। कंप्यूटर की पीढ़ी (Generation of Computer in Hindi), कंप्यूटर की जनरेशन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। इस बारे में अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

कंप्यूटर की पीढ़ियां 

जनरेशन ऑफ कंप्यूटर (Generation of Computer in Hindi) के बारे में यहां विस्तार से जानकारी दी गई है: 

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होते थे, इतने बड़े कि इन्हें रखने के लिए एक पूरा कमरा चाहिए था। इन कंप्यूटरों का उपयोग 1940 से 1956 तक हुआ। इस समय के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल होता था, जो कांच से बने होते थे। इन वैक्यूम ट्यूबों की संख्या बहुत ज्यादा होती थी, जिससे कंप्यूटर का आकार भी बहुत बड़ा हो जाता था।

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर इतने उन्नत और आधुनिक नहीं होते थे। इनकी कुछ कमियां थीं, जैसे ये जल्दी गर्म हो जाते थे और ज्यादा भरोसेमंद नहीं होते थे। इनका मुख्य उपयोग गणनाओं, डेटा स्टोर करने, और वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाता था। इन कंप्यूटरों में मुख्य रूप से बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता था, और इन पर प्रोग्रामिंग करना बहुत कठिन था। इसके अलावा, ये कंप्यूटर बहुत ज्यादा बिजली का इस्तेमाल करते थे।

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण

  • ENIAC
  • EDVAC
  • UNIVAC
  • IBM-701
  • EDSAC
  • IBM 650

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे

  • ये कंप्यूटर गणनाएं बहुत तेजी से कर सकते थे, मिलिसेकंड्स में।
  • उस समय वैक्यूम ट्यूब आसानी से मिलते थे।
  • वैक्यूम ट्यूब की तकनीक महंगी नहीं थी।
  • इन कंप्यूटरों का उपयोग वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जा सकता था।
  • ये डेटा को स्टोर करने की क्षमता रखते थे।

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान

  • इन कंप्यूटरों का आकार बहुत बड़ा होता था।
  • ये काम करते समय जल्दी गर्म हो जाते थे।
  • इन्हें ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशनर की जरूरत होती थी।
  • बड़े आकार के कारण ये बहुत ज्यादा बिजली का इस्तेमाल करते थे।
  • इन कंप्यूटरों को मेंटेन करना मुश्किल था।
  • ये केवल मशीन लैंग्वेज का इस्तेमाल करते थे, और इन पर प्रोग्रामिंग करना बहुत कठिन था।

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दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत 1956 में हुई और यह 1963 में समाप्त हुई थी। इस पीढ़ी में वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा था। ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब से छोटे, सस्ते और ज्यादा विश्वसनीय थे। ट्रांजिस्टर के इस्तेमाल से कंप्यूटर का आकार भी छोटा हो गया और काम करने की गति में काफी सुधार हुआ था। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में असेंबली लैंग्वेज और हाई-लेवल लैंग्वेज का उपयोग किया जाता था। बैच प्रोसेसिंग और मल्टी-प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का भी इस्तेमाल किया गया था।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण

  • UNIVAC 1108
  • CDC 1604
  • Honeywell 400
  • CDC 3600
  • IBM 7094

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे

  • पहली पीढ़ी के मुकाबले इस पीढ़ी के कंप्यूटर छोटे आकार में होते थे।
  • ये कंप्यूटर ज्यादा गर्म नहीं होते थे।
  • कम आकार के कारण इन कंप्यूटरों में कम बिजली का उपयोग होता था।
  • कंप्यूटर की गति भी बढ़ी थी, और ये माइक्रोसेकंड्स में डेटा को प्रोसेस कर सकते थे।
  • पहली पीढ़ी की तुलना में इन्हें मेंटेन करना आसान था।
  • ये सस्ते थे और ज्यादा विश्वसनीय थे।
  • इनकी सटीकता भी बेहतर थी।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान

  • ये कंप्यूटर ज्यादा गर्म नहीं होते थे, फिर भी इन्हें ठंडा रखने के लिए एसी की आवश्यकता होती थी।
  • इन्हें लगातार मेंटेनेंस की जरूरत होती थी।
  • ये केवल कुछ खास कार्यों को ही पूरा कर सकते थे।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर भी पांच कार्ड्स का उपयोग करते थे, जैसे पहली पीढ़ी में होता था।

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तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत 1964 में हुई और यह 1971 में समाप्त हुई थी। इस पीढ़ी में कंप्यूटर में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए थे। अब कंप्यूटर और भी अधिक आधुनिक और प्रभावी हो गए थे। इस पीढ़ी में, ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का उपयोग किया जाने लगा था। IC एक चिप होती है जो सिलिकॉन से बनी होती है और इसे सिलिकॉन चिप भी कहा जाता है। IC के आने से कंप्यूटर का आकार छोटा हो गया और इसकी मेमोरी की क्षमता भी बढ़ गई थी। तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर विश्वसनीय और तेज़ थे, और इनकी कार्य क्षमता पहले की तुलना में बेहतर थी। इसमें टाइम शेरिंग और मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता था। इस पीढ़ी में COBOL, Pascal जैसी हाई-लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का भी इस्तेमाल हुआ था।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण

  • IBM 370
  • PDP-11
  • UNIVAC 1108
  • Honeywell-6000
  • DEC Series
  • ICL 2900

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार पिछली पीढ़ियों के मुकाबले काफी छोटा था।
  • ये कंप्यूटर कम बिजली का इस्तेमाल करते थे।
  • पहले की पीढ़ियों की तुलना में ये कम गर्मी पैदा करते थे।
  • इनकी गणना की गति भी काफी तेज़ थी।
  • इन कंप्यूटरों को मेंटेन करना बहुत आसान था।
  • स्टोरेज क्षमता भी बढ़ी थी और ये हाई-लेवल लैंग्वेज को सपोर्ट करते थे।
  • प्रोग्रामिंग करना पहले के मुकाबले बहुत आसान हो गया था।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान

  • इन्हें ठंडा रखने के लिए एसी की जरूरत पड़ती थी, भले ही ये कम गर्मी उत्पन्न करते थे।
  • IC चिप्स को बनाने में कठिनाइयाँ आती थीं।
  • ये कंप्यूटर महंगे थे।
  • IC चिप्स को रिपेयर करना उस समय मुश्किल था।
  • इन चिप्स के साथ काम करने के लिए विशेषज्ञ कर्मचारियों की जरूरत होती थी।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत 1970 में हुई और ये 1985 में समाप्त हुए थे। इस पीढ़ी में कंप्यूटर और भी अधिक आधुनिक और कुशल हो गए थे। चौथी पीढ़ी में IC की जगह माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाने लगा। माइक्रोप्रोसेसर में बहुत सारे LSI सर्किट (Large Scale Integration) होते हैं। इससे कंप्यूटर की स्पीड और कंप्यूटिंग क्षमता दोनों में तेजी से वृद्धि हुई थी। इस पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार भी छोटा हो गया, लेकिन इसके बावजूद इन कंप्यूटरों में सभी आवश्यक फीचर्स शामिल थे। इस पीढ़ी में रियल टाइम, टाइम-शेयरिंग, और डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था। इसके साथ ही, C और C++ जैसी हाई-लेवल लैंग्वेज का समर्थन भी किया गया था। पर्सनल कंप्यूटर (PC) का उपयोग इस पीढ़ी के दौरान काफी बढ़ गया था और कंप्यूटर अब घरों और दफ्तरों में आम हो गए थे।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण

  • Micral
  • IBM 5100
  • Altair 8800

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर की स्पीड पिछली पीढ़ियों के मुकाबले बहुत बेहतर थी।
  • कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा हो गया था।
  • इन कंप्यूटरों को मेंटेन करना आसान था और इनकी देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती थी।
  • ये कंप्यूटर सस्ते और आसानी से उपलब्ध होते थे।
  • इन कंप्यूटरों को ठंडा रखने के लिए कम एसी की जरूरत होती थी क्योंकि ये बहुत कम गर्मी पैदा करते थे।
  • चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर विश्वसनीय होते थे और हाई-लेवल लैंग्वेज को सपोर्ट करते थे।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान

  • माइक्रोप्रोसेसर को बनाना एक जटिल कार्य था।
  • माइक्रोप्रोसेसर बनाने के लिए बहुत उन्नत तकनीकी की जरूरत होती थी।

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पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर

पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर अब तक की सभी पीढ़ियों से सबसे बेहतर और आधुनिक हैं। ये कंप्यूटर अब इंसान की तरह काम करने में सक्षम हैं। इस पीढ़ी में AI (Artificial Intelligence) का उपयोग किया जाता है, जो कंप्यूटर को मानव जैसे विचार और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।

आजकल, पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और यही कंप्यूटर की अंतिम पीढ़ी मानी जाती है। इस पीढ़ी में C, C++, Java, .Net जैसी उच्च-स्तरीय भाषाओं का उपयोग किया जाता है। इन कंप्यूटरों का उपयोग स्वास्थ्य, मनोरंजन, रोबोटिक्स और गेमिंग के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। इनके पास सबसे तेज़ स्पीड होती है और उनकी कंप्यूटिंग क्षमता भी बहुत उच्च होती है। पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर लगातार अधिक उन्नत हो रहे हैं, और वैज्ञानिक इस तकनीक को और भी बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण

  • परम सुपर कंप्यूटर
  • लैपटॉप
  • डेस्कटॉप
  • वर्क स्टेशन
  • नोटबुक

पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे

  • इन कंप्यूटरों की स्पीड पिछली सभी पीढ़ियों के कंप्यूटर से कहीं ज्यादा है।
  • इन कंप्यूटरों की मरम्मत करना काफी आसान होता है।
  • इनका आकार पिछले कंप्यूटरों से बहुत छोटा होता है।
  • अपने छोटे आकार के कारण ये कंप्यूटर हल्के होते हैं और इन्हें कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है।
  • पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर को मेंटेन करना भी बहुत आसान होता है।

पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान

  • इस कंप्यूटर का उपयोग करते समय कई समस्याएं आ सकती हैं।
  • इनमें AI (Artificial Intelligence) का उपयोग किया जाता है, लेकिन अभी तक इसे पूरी तरह से विकसित नहीं किया जा सका है।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर बनाने के लिए जटिल उपकरणों की आवश्यकता होती है, जो आसानी से उपलब्ध नहीं होते।

कंप्यूटर की जनरेशन से जुड़े सामान्य ज्ञान प्रश्न (GK Quiz on Generation of Computer in Hindi)

कंप्यूटर की जनरेशन से जुड़े सामान्य ज्ञान प्रश्न (GK Quiz on Generation of Computer in Hindi) इस प्रकार हैं:

1. कंप्यूटर की पहली पीढ़ी में किस तकनीक का उपयोग किया गया था?
A. ट्रांजिस्टर
B. माइक्रोप्रोसेसर
C. वैक्यूम ट्यूब
D. IC चिप
उत्तर: C. वैक्यूम ट्यूब

2. दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर कब शुरू हुए थे?
A. 1940
B. 1956
C. 1964
D. 1971
उत्तर: B. 1956

3. तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में किस तकनीक का प्रयोग किया गया था?
A. वैक्यूम ट्यूब
B. ट्रांजिस्टर
C. IC चिप
D. माइक्रोप्रोसेसर
उत्तर: C. IC चिप

4. चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर किस पर आधारित थे?
A. ट्रांजिस्टर
B. वैक्यूम ट्यूब
C. माइक्रोप्रोसेसर
D. पावर प्रोसेसर
उत्तर: C. माइक्रोप्रोसेसर

5. पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर में किस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है?
A. IC
B. Artificial Intelligence
C. ट्रांजिस्टर
D. वैक्यूम ट्यूब
उत्तर: B. Artificial Intelligence

6. पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों में किस भाषा का उपयोग होता था?
A. Assembly Language
B. Machine Language
C. High Level Language
D. BASIC
उत्तर: B. Machine Language

7. दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर किस तकनीक पर आधारित थे?
A. वैक्यूम ट्यूब
B. माइक्रोप्रोसेसर
C. ट्रांजिस्टर
D. सुपरचिप
उत्तर: C. ट्रांजिस्टर

8. किस पीढ़ी में Personal Computer (PC) का उपयोग बढ़ा?
A. पहली
B. दूसरी
C. तीसरी
D. चौथी
उत्तर: D. चौथी

9. तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में कौन-सी भाषा अधिक उपयोगी थी?
A. COBOL और PASCAL
B. BASIC और FORTRAN
C. JAVA और Python
D. Assembly
उत्तर: A. COBOL और PASCAL

10. वर्तमान में कौन-सी पीढ़ी के कंप्यूटर उपयोग में हैं?
A. पहली
B. तीसरी
C. चौथी
D. पांचवीं
उत्तर: D. पांचवीं

FAQs

कंप्यूटर की 1 से 5 पीढ़ी (Generation of Computer in Hindi) क्या है?

कंप्यूटर की पीढ़ियों को आम तौर पर पाँच अलग-अलग चरणों में विभाजित किया जाता है: पहली पीढ़ी (1940-1956): वैक्यूम ट्यूब। दूसरी पीढ़ी (1956-1963): ट्रांजिस्टर। तीसरी पीढ़ी (1964-1971): एकीकृत सर्किट। चौथी पीढ़ी (1971-वर्तमान): माइक्रोप्रोसेसर, पांचवीं पीढ़ी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस।

कंप्यूटर को कितनी पीडिया में बांटा गया है?

कंप्यूटर की पाँच पीढ़ियों को कंप्यूटर आर्किटेक्चर में तकनीकी प्रगति, सॉफ़्टवेयर सिस्टम में विकास और मशीनों में जोड़े गए नए फ़ीचर के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है जो उन्हें बेहतर काम करने में सक्षम बनाते हैं। कंप्यूटर की पाँच पीढ़ियाँ पहली पीढ़ी, दूसरी पीढ़ी, तीसरी पीढ़ी, चौथी पीढ़ी और पाँचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर हैं।

कंप्यूटर की वर्तमान पीढ़ी कौन सी है?

यह पीढ़ी 1981 के आसपास शुरू हुई और यह कंप्यूटर की वर्तमान पीढ़ी है। इनपुट के तरीकों में आधुनिक उच्च-स्तरीय भाषाएँ जैसे कि पायथन, आर, सी#, जावा आदि शामिल हैं। ये बेहद विश्वसनीय हैं और ULSI या अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन तकनीक का उपयोग करते हैं।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम क्या था?

ENIAC पहला सामान्य प्रयोजन वाला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था

कंप्यूटर जनरेशन क्या है?

कंप्यूटर शब्दावली में जनरेशन का मतलब है किसी कंप्यूटर की तकनीक में बदलाव (जिस पर कंप्यूटर सिस्टम डिज़ाइन किया गया है) जिसका इस्तेमाल किया जा रहा है/किया जा रहा था। “जनरेशन” शब्द का इस्तेमाल विभिन्न हार्डवेयर तकनीकों के बीच अंतर करने के लिए किया जाता था।

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