गांधी जयंती, जो हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है, महात्मा गांधी के जन्मदिन का खास दिन है। इस दिन हम उनके विचारों और सिद्धांतों को याद करते हैं। स्कूलों में छात्र भाषण देकर गांधी जी के बारे में अपने विचार साझा करते हैं। अगर आप भी इस दिन एक अच्छा प्रेरणादायक भाषण देना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए मददगार होगा। इस ब्लॉग के जरिए आप एक छोटा और प्रभावशाली भाषण तैयार कर पाएंगें। आइए जानते हैं कैसे हम गांधी जी के विचारों और गांधीजी के बारे में 10 लाइन में (Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines) में व्यक्त कर सकते हैं।
गाँधी जंयती पर 10 लाइन में भाषण – Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines
इस गाँधी जयंती आप स्कूल में एक आकर्षक और प्रेरक भाषण दे सकते हैं जो इस प्रकार है –
सम्मानित मुख्य अतिथि, प्रिय शिक्षकों और मेरे प्यारे साथियों,
आज हम सभी महात्मा गांधी की जयंती पर एकत्र हुए हैं। गांधीजी ने हमें सिखाया कि सत्य और अहिंसा का मार्ग ही सच्चा मार्ग है। उनका जीवन संघर्ष और धैर्य की अद्भुत कहानी है।
गांधीजी ने अपने सिद्धांतों के माध्यम से हमें यह दिखाया कि बिना हिंसा के भी परिवर्तन लाया जा सकता है। उनका अहिंसात्मक प्रतिरोध आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।
हमें गांधीजी की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। इस अवसर पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम समाज में बदलाव लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
गांधीजी का सपना एक ऐसे भारत का था जहाँ सभी लोग मिलजुल कर रहें। आइए, हम उनकी विचारधारा को अपने कार्यों में उतारें और एक बेहतर समाज की दिशा में कदम बढ़ाएं।
धन्यवाद!
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गाँधी जंयती पर छोटा सा भाषण
गाँधी जंयती पर छोटा सा भाषण इस प्रकार दे सकते हैं –
सम्मानित मुख्य अतिथि, प्रिय शिक्षकों और मेरे प्यारे साथियों,
आज हम सभी यहां गाँधी जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। इस अवसर पर, हमें महात्मा गांधी के जीवन और उनके विचारों को याद करना चाहिए। मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर गांव में हुआ था। उनके पिता, करमचंद गांधी, कठियावाड़ के एक छोटे से रियासत के दीवान थे, जबकि उनकी माता का नाम पुतलीबाई था।
महात्मा गांधी का विवाह मात्र 13 वर्ष की आयु में कस्तूरबा गांधी से हुआ था, और उन्होंने लंदन से वकालत की पढ़ाई पूरी की। गांधी जी हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चलते थे। यही कारण है कि उन्होंने 1930 में दांडी यात्रा करके नमक सत्याग्रह किया, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
भारत की जनता उन्हें प्यार से “बापू” कहकर बुलाती थी, और बापू ने हमेशा साधारण जीवन जीने का संदेश दिया। महात्मा गांधी केवल एक नेता नहीं थे, बल्कि उन्होंने हमें सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उनके विचारों ने हमें यह सिखाया कि हम अपने अधिकारों के लिए अहिंसक तरीके से संघर्ष कर सकते हैं।
इसलिए, आज हमें उनके विचारों को याद करने और अपने जीवन में लागू करने की आवश्यकता है। उनके आदर्शों को अपनाते हुए, हम अपने देश और समाज के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
धन्यवाद!
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Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines
गांधी जी के विचार और गांधी जयंती की महत्ता को बताते वाली ये स्पीच (Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines) आप स्कूल में दे सकते हैं जो इस प्रकार है –
सम्मानित मुख्य अतिथि, प्रिय शिक्षकों और मेरे प्यारे साथियों,
आज हम सब यहां एकत्रित हुए हैं, गाँधी जयंती के इस विशेष अवसर पर। 2 अक्टूबर को हम महात्मा गांधी का जन्मदिन मनाते हैं, जो केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता ही नहीं, बल्कि अहिंसा के पुजारी भी थे। यह दिन हमें उनकी शिक्षाओं और विचारों को याद करने का अवसर प्रदान करता है।
महात्मा गांधी का जीवन हमें सिखाता है कि अहिंसा और सत्य का मार्ग हमेशा सही होता है। उन्होंने हमें यह भी बताया कि स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत का निर्माण केवल हमारे संकल्प से संभव है। उनकी चिंताएं आज भी प्रासंगिक हैं, और हमें उनके आदर्शों का पालन करना चाहिए।
गांधी जी का व्यक्तित्व सरलता, सत्य और करुणा से भरा हुआ था। उनके जन्मदिन पर हम अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाते हैं, जो हमें सांस्कृतिक शांति बनाए रखने का संदेश देता है। उनकी गरीबों, पीड़ितों और निचली जाति के लोगों के प्रति सहानुभूति हमें प्रेरित करती है कि हम समाज में समानता के लिए प्रयासरत रहें।
महात्मा गांधी के नैतिक मूल्य, नैतिकता और मुक्त शिक्षा के विचार हमारे लिए मार्गदर्शन करते हैं। उनके संघर्षों की कहानी, विशेष रूप से ब्रिटिश सरकार के खिलाफ, हमें यह सिखाती है कि हम अपने अधिकारों के लिए खड़े हो सकते हैं।
गांधी जी की दक्षिण अफ्रीका यात्रा ने उन्हें भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। 1930 में उन्होंने असहयोग आंदोलन चलाया और 1942 में अंग्रेजों से भारत छोड़ने का आह्वान किया। इन आंदोलनों के दौरान, उन्होंने जेल भी बिताई, जो उनकी निस्वार्थता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
महात्मा गांधी 30 जनवरी 1948 को शहीद हो गए, लेकिन उन्होंने जो भारत की परिकल्पना देखी थी, वह आज भी हमारे दिलों में जीवित है। उनके विचारों को आत्मसात कर हम आगे बढ़ सकते हैं और एक सशक्त समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
धन्यवाद!
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