शिक्षा पर सभी बच्चों का समान अधिकार होता है। फिर चाहे वे स्वस्थ बच्चे हों या किसी प्रकार की शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण स्थिति से गुज़र रहे बच्चे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए गुजरात की राजधानी गांधीनगर में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए एक खास स्कूल डिज़ाइन किया गया है। इस स्कूल में ऐसी व्यवस्था की गई है कि दृष्टिबाधित छात्र छूकर या सुनकर इस स्कूल के कैम्पस में आराम से विचरण कर सकेंगे।
दृष्टिबाधित छात्रों के लिए शिक्षा में बड़ा कदम साबित होगा स्कूल
गुजरात की राजधानी गांधीनगर का यह स्कूल दृष्टिबाधित छात्रों के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा। इस स्कूल में दृष्टिबाधित छात्र अन्य छात्रों की तरह ही बिना किसी परेशानी के इधर से उधर घूम सकेंगे। इसके अलावा इस सुविधा से दृष्टिहीन छात्रों को पढ़ने में आसानी होगी और वे भी बिना किसी असुविधा के अन्य बच्चों की तरह ही शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
छूने, सूंघने और सुनने की विशेष सुविधाओं के साथ डिज़ाइन किया गया है स्कूल
गुजरात के इस ख़ास स्कूल में दृष्टिहीनों के लिए कुछ विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं। जैसे स्कूल की दीवारों पर एक विशेष प्रकार का प्लास्टर और पेंट किया गया है ताकि छात्र उन्हें छूकर स्थानों को चिन्हित कर सकें। इसी प्रकार से प्लास्टर पर किए गए पेंट में ऐसा पर्दार्थ डाला गया है, जिसकी गंध से छात्र स्थानों को चिन्हित कर सकते हैं और आसानी से विचरण कर सकते हैं। इसी प्रकार गुजरात के इस स्कूल में जगह जगह पर स्पीकर्स इंस्टॉल किए गए हैं जिनसे आवाज़ गूंजती रहती है जिसकी मदद से छात्र स्थानों का पता आसानी से लगा सकते हैं।
अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बनेगा स्कूल
गुजरात की राजधानी गांधीनगर में बना दृष्टिबाधितों का यह स्कूल भारत के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा का काम करेगा और अन्य राज्य भी दिव्यांग छात्रों के लिए इसी प्रकार के बेहतर स्कूल बनाने के लिए कार्य करेंगे।
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