डीटीयू में कई अंतरराष्ट्रीय छात्र ग्रेजुएशन होने के बाद भी कई वर्षों तक वहां रहना और काम करना जारी रखते हैं। यह DTU के लिए किए गए एक हालिया अध्ययन के प्रमुख निष्कर्षों में से एक है।
डेटा से पता चला है कि विदेशों में पढ़ाई के 50% इच्छुक छात्र ग्रेजुएशन होने के छह साल बाद देश में रहते हैं। उनमें से केवल एक छोटा प्रतिशत ही ऐसा करता है। ग्रेजुएशन होने के 13 साल बाद भी 40% से अधिक ग्रेजुएट्स डेनमार्क में रह रहे हैं।
859 अंतरराष्ट्रीय डीटीयू ग्रेजुएट्स के रिसर्च से पता चला है कि 13 वर्षों के दौरान, उनमें से प्रत्येक ने DKK 3.2 मिलियन का औसत आर्थिक योगदान दिया। औसत में वे दोनों व्यक्ति शामिल हैं जो डेनमार्क में रह चुके हैं और रोजगार प्राप्त कर चुके हैं और साथ ही वे जो पूरे समय के लिए एमिग्रेशन कर चुके हैं।
सर्वे के अनुसार, ग्रेजुएशन होने के एक वर्ष से 12 वर्ष तक, डेनमार्क में रहने वाले 90% अंतरराष्ट्रीय डीटीयू ग्रेजुएट्स किसी भी समय फुल टाइम एम्प्लॉयड हैं।
रोजगार की उच्च दर एक मूलभूत कारण है कि छात्र विदेश में अपने स्टडी के लिए डेनमार्क को क्यों चुनते हैं।