दिल्ली का अपना अलग इतिहास रहा है। यूँ तो दिल्ली आज भारत की राजधानी है, पर क्या आप जानते हैं कि दिल्ली का नाम दिल्ली किसने रखा या दिल्ली के कितने प्राचीन नाम है? आज आपको इसी का जवाब मिलेगा।
महाभारत काल में धर्मराज युधिष्ठिर ने इस नगर को बसाया, जिसको इंद्रप्रस्थ नाम से जाना गया। आगे चलकर यही इंद्रप्रस्थ दिली के नाम से जाना गया। जिसके पीछे अलग-अलग कहानियााँ है जो निम्नलिखित हैं-
- मौर्य वंश के एक राजा धिल्लु थे, उन्हें दिलु भी कहा जाता था। इतिहास का एक मत यही है कि यहीं से इसका नाम दिल्ली पड़ गया।
- इतिहास का एक मत यह भी है कि तोमर राजवंश के राजा धव ने इसका नाम ढीली रखा था, यही बाद में दिल्ली हो गया।
- सम्राट पृथ्वी राज चौहान के दरबारी कवि चंदरबरदाई की हिंदी रचना पृथ्वीराज रासो में तोमर राजा अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है। इतिहास का एक मत यह भी है कि उन्होंने ही ‘लाल-कोट’ का निर्माण करवाया था।
- 1170 इसवीं में दिल्ली’ या ‘दिल्लिका’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम उदयपुर में प्राप्त शिलालेखों पर देखा गया। महाराज पृथ्वीराज चौहान को दिल्ली का अंतिम हिंदु सम्राट माना जाता है।
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