CBSE vs State Boards in Hindi: CBSE या राज्य बोर्ड में तुलना, अंतर, फायदे और नुकसान

1 minute read
CBSE vs State boards

वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत से बदलाव आए हैं। शिक्षा धीरे-धीरे बहुत ऊपर जा रही है, छात्रों को शिक्षा के साथ जुड़ने के लिए नए विकल्प भी सामने आ रहे हैं। CBSE, ICSE, स्टेट बोर्ड ऐसे कई सारे बोर्ड उपलब्ध हैं, जिनके कारण भारत में बहुत सारे विद्यालय मौजूद है। आज इस ब्लॉग में सीबीएसई बोर्ड और राज्य बोर्ड क्या है? उसके बारे में संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। साथ ही कौन से बोर्ड का चयन आपके लिए सही निर्णय साबित हो सकता है उसके बारे में भी जानकारी दी गई है। चलिए जानते हैं CBSE vs State boards केे बारे में विस्तार से।

CBSE या राज्य बोर्ड में तुलना

CBSE या राज्य बोर्ड में तुलना को निम्नलिखित तालिका द्वारा बड़ी ही सरलता से समझा जा सकता है, जिसकी जानकारी इस प्रकार है –

मानदंडCBSE राज्य बोर्ड
शिक्षा प्रणालीपूरे देश में केंद्रीकृत है।हर राज्य के लिए अलग
मुख्य फोकस
महत्वपूर्ण सोच कौशल और गणित, विज्ञान जैसे विषयों पररटना सीखना और क्षेत्रीय भाषा, विषयों और संस्कृति पर ध्यान केंद्रित करना
भाषा मोडअंग्रेजी और हिंदीअंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा
ग्रेडिंग प्रणालीकेंद्र सरकार के सभी स्कूलों में CCE ग्रेडिंग सिस्टमप्रत्येक राज्य में विभिन्न ग्रेडिंग सिस्टम
सिलेबस अपडेट
लगभग हर सालकभी-कभी
परीक्षाएंकक्षा 10 – All India Secondary School Examination (AISSE)कक्षा 12 -All India Senior School Certificate Examination (AISSCE)कक्षा 10 -Secondary School Certificate (SSC)कक्षा 12 – Secondary School Certificate (HSC)

CBSE बोर्ड क्या है?

CBSE एक केंद्रीय बोर्ड है जो पूरे भारत में केंद्रीय विद्यालयों, निजी स्कूलों, और अन्य स्कूलों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करता है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को एक मानक स्तर की शिक्षा देना है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में समान हो। इसके पाठ्यक्रम का ध्यान राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता पर केंद्रित होता है। CBSE का पाठ्यक्रम खासतौर पर विज्ञान, गणित और अंग्रेजी पर जोर देता है, जो छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे JEE, NEET, और UPSC के लिए तैयार करता है।

राज्य बोर्ड (State Boards) क्या है?

राज्य बोर्ड (State Boards) हर राज्य द्वारा संचालित होते हैं और उनका पाठ्यक्रम राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित किया जाता है। राज्य बोर्ड का पाठ्यक्रम विभिन्न राज्यों के अनुसार बदलता है, जो छात्रों को स्थानीय भाषा और सांस्कृतिक पहलुओं के साथ जोड़ता है। हर राज्य में अलग-अलग राज्य बोर्ड होते हैं, जैसे महाराष्ट्र बोर्ड, यूपी बोर्ड, और तमिलनाडु बोर्ड आदि।

CBSE और राज्य बोर्ड के बीच अंतर

CBSE vs State boards में मुख्य अंतर इस प्रकार हैं:

  • CBSE बोर्ड पूरे भारत में एक सिलेबस के अनुसार कार्य करता है परंतु राज्य बोर्ड सरकार अपने स्टेट के अनुसार बनाए गए सिलेबस पर कार्य करता है।
  • CBSE बोर्ड अपने सिलेबस में बदलाव करते रहते हैं परंतु राज्य बोर्ड बहुत कम अपने सिलेबस में बदलाव करते हैं।
  • CBSE बोर्ड उन माता-पिता के लिए बहुत अच्छा होता है जिनका समय-समय पर अलग-अलग राज्यों में बदलाव होता रहता है क्योंकि सीबीएसई बोर्ड की शिक्षा हर जगह समान होती है परंतु स्टेट बोर्ड के बच्चों को दूसरे राज्य के स्कूल में पढ़ना काफी मुश्किल होता है क्योंकि उनके पाठ्यक्रम उनको समझ नहीं आते।
  • CBSE board के स्कूल अधिकतर अंग्रेजी सिलेबस पर होते हैं परंतु राज्य बोर्ड अंग्रेजी और अपने क्षेत्रीय भाषा के अनुसार अपना सिलेबस बनाता है।
  • राज्य बोर्ड से CBSE बोर्ड अच्छा माना जाता है।
  • राज्य बोर्ड केवल राज्य के लोगों के लिए ही ठीक होता है परंतु CBSE बोर्ड पूरे देश के लिए ठीक होता है।

बोर्ड्स परीक्षाएं और मूल्यांकन का तरीका

बता दें कि CBSE और स्टेट दोनों ही बोर्ड्स का परीक्षाएं आयोजित कराने और मूल्यांकन करने का अपना एक अलग तरीका होता है, जिसके बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए। यह जानकारी दोनों बोर्ड्स के बीच तुलना करने में आपके मदद करती है, जो इस प्रकार है –

CBSE परीक्षा और मूल्यांकन का तरीका

CBSE की परीक्षा में वस्तुनिष्ठ और लिखित प्रश्नों का मिश्रण होता है। इसका उद्देश्य छात्रों की समझ और उनकी सोचने की क्षमता को परखना है। परीक्षा का पैटर्न अक्सर बदलाव के साथ आता रहता है, ताकि छात्र विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं के लिए तैयार हो सकें। CBSE में, छात्रों को परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए ज्यादा प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह उन्हें बेहतर अध्ययन के लिए प्रेरित भी करता है।

State Board परीक्षा और मूल्यांकन का तरीका

State Board की परीक्षा में मुख्य रूप से स्थानीय भाषा और राज्य के पाठ्यक्रम से जुड़े प्रश्न होते हैं। यह परीक्षा प्रणाली आमतौर पर CBSE की तुलना में थोड़ी सरल होती है। हालांकि, राज्य बोर्ड की परीक्षा में भी विभिन्न प्रकार के प्रश्न होते हैं, लेकिन इसका फोकस अधिकतर पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझने पर होता है, बजाय कि सिर्फ रटने पर।

बोर्ड्स का सिलेबस और इन्फ्रास्ट्रक्चर

यहाँ आपके लिए बोर्ड्स का सिलेबस और इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी दी गई है, यह जानकारी आपको सीबीएसई और स्टेट बोर्ड्स के बीच के अंतर को जानने में आपकी मदद करेगी।

सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board)

CBSE में विद्यार्थियों के लिए एक समग्र पाठ्यक्रम होता है जिसमें विज्ञान, गणित, और मानविकी के विषयों का अच्छा मिश्रण होता है। इसका पाठ्यक्रम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार डिज़ाइन किया जाता है, ताकि छात्र विदेशी विश्वविद्यालयों में भी प्रवेश ले सकें। इसके अलावा, CBSE स्कूलों में अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रैक्टिकल लैब, और अन्य सह-शैक्षिक गतिविधियों की भी सुविधा होती है।

स्टेट बोर्ड्स (State Boards)

State Boards में पाठ्यक्रम आमतौर पर अधिक स्थानीयकृत होता है। कुछ राज्य बोर्डों में साहित्य, कला, और संस्कृत को प्राथमिकता दी जाती है। हालांकि, इनके स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर और सह-शैक्षिक सुविधाएं CBSE स्कूलों के मुकाबले कुछ हद तक कम हो सकती हैं, लेकिन यह बोर्ड भी छात्रों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों और स्किल्स पर ध्यान देने का अवसर प्रदान करता है।

कौन-सा बोर्ड रहेगा बेस्ट?

CBSE vs State boards में से कौन सा बेस्ट है, यह नीचे बताया गया है-

फीस

  • स्टेट बोर्ड: स्टेट बोर्ड के अंदर आने वाले स्कूल की फीस फीस अत्यंत कम होती है क्योंकि स्कूल राज्य सरकार के अंतर्गत आती है। यहां सरकार शिक्षा संबंधित दिशा निर्देश लागू किए होते हैं। कुछ स्कूलों में फीस नहीं होती वहां बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान की जाती है।
  • CBSE बोर्ड: CBSE बोर्ड के अंदर आने वाली स्कूल की फीस काफी अधिक होती है।

सिलेबस

  • राज्य बोर्ड: स्टेट बोर्ड के अंदर आने वाली शिक्षा का सिलेबस बहुत ही सरल होता है क्योंकि राज्य की भाषा के अनुसार शिक्षा उपलब्ध होती है। बाकी सारे राज्य के तुलना में बच्चों को सारे विषय की जानकारी कम दी जाती है। सिलेबस में विषय को विस्तार से नहीं बताया जाता सिर्फ बुनियादी जानकारी को शामिल किया जाता है।
  • CBSE: सीबीएसई बोर्ड के अंदर आने वाले सिलेबस राज्य बोर्ड की तुलना में काफी ज्यादा कठिन होते हैं। यह भारत सरकार  के अधीन बोर्ड होता है ,जिसके अंदर आने वाली सभी स्कूल में एक ऐसा सिलेबस होता है। यह बोर्ड के अंदर विज्ञान के दृष्टिकोण से छात्रों को सवालों को सुलझाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है। इसी कारण से छात्रा काफी अच्छी तरह से सवाल जवाब हासिल कर सकते हैं और समझ सकते हैं।

किताबें

  • राज्य बोर्ड: हर राज्य के अंदर शिक्षा बोर्ड का सिलेबस और शिक्षाक्रम करने के लिए समिति गठित हुई होती है। उसी के निर्धारित ही स्टेट बोर्ड के लिए किताबें होती है।
  • CBSE बोर्ड: सीबीएसई बोर्ड की किताबें NCERT द्वारा तय की जाती है, यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं होता कि NCERT द्वारा तय की किताबों के अनुसार छात्रों को पढ़ाई करनी चाहिए।

बोर्ड के फायदे व नुकसान

  • राज्य बोर्ड: राज्य बोर्ड के अंदर आने वाले पाठ्यक्रम में सभी तरह के महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है साथ ही राज्य के संबंधित जुड़ी जानकारी भी इसके अंदर उपलब्ध होती है। साथ ही छात्रों के साथ उनके माता-पिता भी शिक्षा के माध्यम का चयन करने के लिए निर्णय ले सकते हैं। राज्य सरकार द्वारा आयोजित किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता में राज्य बोर्ड के छात्र अच्छे अंक हासिल कर सकते हैं ‌। राज्य बोर्ड के अंदर अंग्रेजी भाषा के साथ अन्य भाषा भी शामिल होता है।
    • हानि: अधिकांश स्टेट बोर्ड में पाठ्यक्रम अच्छा होता है लेकिन शिक्षण विधियां पुरानी हो सकती हैं। कई बार ऐसा होता है कि स्कूल में बच्चों की संख्या ज्यादा होने कारण उनके लिए सीखना और समझना मुश्किल हो जाता है।
  • CBSE बोर्ड: सीबीएसई बोर्ड के अंदर पढ़ने वाले छात्र राज्य स्तर पर आयोजित की गई प्रतियोगिता और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। जैसे : JEE, NEETUPSC, परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। इस बोर्ड के अंदर हिंदी और अंग्रेजी भाषा की शिक्षा प्राप्त होती है तो बच्चे भारत में किसी भी पाठशाला में आसानी से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। CBSE बोर्ड की शिक्षा प्रणाली उच्च स्तर पर होती है इसलिए उज्जवल भविष्य के लिए छात्रों के लिए काफी मदद रूप होती है।
    • हानि: विशेष रूप से कला के क्षेत्र में या एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज में बच्चों के लिए कम विकल्प होते हैं। CBSE के सिलेबस में मुख्य विषयों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। एक्सपेरिमेंटल व प्रैक्टिकल शिक्षा पर कम जोर दिया जाता है।

CBSE बोर्ड के नुकसान

इस बोर्ड के कुछ नुकसान भी हैं जिनका वर्णन नीचे किया गया है:

  • CBSE में छात्रों को प्रैक्टिकल नॉलेज देने पर कम फोकस किया जाता है। इसके अलावा, CBSE सिलेबस मुख्य अंग्रेजी ज्ञान पर ध्यान केंद्रित नहीं करता है जैसा कि अन्य प्रतियोगी करते हैं, और बोर्ड गणित और विज्ञान के विषयों पर अधिक महत्व देता है।
  • CBSE सिलेबस सभी विषयों में केवल सैद्धांतिक तरीके से संबंधित है और विज्ञान के पीछे वास्तविक जीवन की अवधारणाओं पर कोई जोर नहीं दिया गया है। पाठ्यक्रम के अनुप्रयोग उन्मुख होने के बावजूद, यह प्रभावी समझ के लिए जगह प्रदान नहीं करता है।

CBSE वर्सेस राज्य बोर्ड: ग्रेडिंग सिस्टम

राज्य बोर्डों में ग्रेडिंग प्रणाली एक दूसरे से अलग हो सकती है जबकि CBSE के तहत यह एक विशिष्ट संरचना का पालन करता है जिसका पालन सभी स्कूलों को करना चाहिए। इस प्रकार CBSE के तहत ग्रेडिंग प्रणाली राज्य बोर्डों की तुलना में अधिक समान और सुसंगत है। ये है CBSE के लिए ग्रेडिंग सिस्टम-

अंक रेंजग्रेडग्रेड पॉइंट्स
91-100A110.0
81-90A29.0
71-80B18.0
61-70B27.0
51-60C16.0
41-50C25.0
33-40D4.0
21-32E1C
00-20E2C

भारत में मौजूद बोर्ड्स की लिस्ट

CBSE vs State boards in hindi की जानकारी होने के साथ-साथ, के अलावा देश के सारे बोर्ड्स के नामों की लिस्ट के बारे में भी जान लेना चाहिए, जो इस प्रकार है –

  1. CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड)
  2. ICSE (इंडियन सर्टिफिकेट फॉर सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड)
  3. IB (इंटरनेशनल बैकलॉरेट)
  4. स्टेट बोर्ड
  5. IGCSI (इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन)
  6. CIE (कैंब्रिज एसेसमेंट इंटरनेशनल एजुकेशन)
  7. NIOS (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग)

स्टडी अब्रॉड के लिए CBSE या राज्य बोर्ड में से कौन है बेस्ट?

अधिकांश बच्चे विदेशों से उच्च अध्ययन करना चाहते हैं, दोनों बोर्ड के छात्र विदेश में पढ़ाई करने के लिए अपलाई कर सकते हैं। लेकिन CBSE बोर्ड के छात्रों को इसका अधिक लाभ होता है क्योंकि सीबीएसई बोर्ड के छात्र नर्सरी स्तर से अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई कर रहे हैं और अन्य तीसरी भाषाओं को कुछ समय बाद राज्य बोर्डों के साथ तुलना करने पर अंग्रेजी और क्षेत्रीय स्तरों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाता है। हालांकि भविष्य में बच्चों का दायरा उनकी क्षमताओं पर निर्भर करता है, CBSE बोर्ड छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए तैयार करता है।

FAQs

भारत में शीर्ष 3 राज्य बोर्ड कौन से हैं?

आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र राज्य बोर्ड भारत के कुछ सर्वश्रेष्ठ राज्य बोर्ड माने जाते हैं।

भारत में कितने राज्य बोर्ड हैं?

भारत में 50+ से अधिक राज्य बोर्ड हैं।

CBSE या राज्य बोर्ड में से कौन सा आसान है?

यदि हम स्कोरिंग अंकों की तुलना करते हैं तो राज्य बोर्ड आसान है यदि हम विषय और छात्र-अनुकूल संसाधनों को समझने की तुलना करते हैं तो CBSE राज्य बोर्डों की तुलना में कहीं अधिक आसान है।

CBSE और राज्य बोर्ड में क्या अंतर है?

CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) राष्ट्रीय स्तर का बोर्ड है, जबकि राज्य बोर्ड प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। CBSE का पाठ्यक्रम NCERT पर आधारित होता है, जबकि राज्य बोर्ड्स अपने राज्य-विशिष्ट सिलेबस का पालन करते हैं।

CBSE बोर्ड राज्य बोर्ड की तुलना में कठिन क्यों माना जाता है?

CBSE का सिलेबस अधिक अवधारणात्मक (concept-based) होता है और इसमें NCERT किताबों का उपयोग किया जाता है, जो गहरी समझ विकसित करने पर जोर देती हैं। राज्य बोर्ड्स में सिलेबस तुलनात्मक रूप से आसान और अधिक स्मरणात्मक (memorization-based) हो सकता है।

CBSE या राज्य बोर्ड में से कौन सा बोर्ड बेहतर है?

यह इस पर निर्भर करता है कि छात्र की प्राथमिकता क्या है। CBSE बोर्ड का पाठ्यक्रम प्रतियोगी परीक्षाओं (JEE, NEET, UPSC) के लिए अधिक उपयुक्त होता है, जबकि राज्य बोर्ड अपने राज्य की भाषा और स्थानीय विषयों पर अधिक केंद्रित होता है।

क्या CBSE बोर्ड से पढ़ने से प्रतियोगी परीक्षाओं में मदद मिलती है?

हां, CBSE बोर्ड का सिलेबस NEET, JEE, UPSC जैसी परीक्षाओं के अनुरूप होता है, क्योंकि ये परीक्षाएं NCERT पाठ्यक्रम पर आधारित होती हैं।

राज्य बोर्ड के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में क्या चुनौतियां आती हैं?

राज्य बोर्ड के छात्रों को NCERT आधारित राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है, क्योंकि उनका सिलेबस भिन्न हो सकता है। इसके अलावा, कई प्रतियोगी परीक्षाएं अंग्रेजी माध्यम पर केंद्रित होती हैं, जिससे राज्य बोर्ड के हिंदी माध्यम के छात्रों को कठिनाई हो सकती है।

क्या राज्य बोर्ड से पढ़ने वाले छात्र भी अच्छे अंक और अवसर प्राप्त कर सकते हैं?

हां, यदि छात्र मेहनत और सही रणनीति अपनाते हैं, तो राज्य बोर्ड से पढ़कर भी वे अच्छे अंक और करियर के बेहतरीन अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

CBSE और राज्य बोर्ड के परीक्षा पैटर्न में क्या अंतर होता है?

CBSE बोर्ड में प्रश्न पत्र अवधारणात्मक होते हैं और एप्लिकेशन बेस्ड सवाल अधिक होते हैं। राज्य बोर्ड्स में सीधा प्रश्न-उत्तर पैटर्न देखने को मिलता है, जिसमें रटकर याद करने वाले सवाल अधिक हो सकते हैं।

CBSE बोर्ड में ग्रेडिंग सिस्टम कैसा होता है?

CBSE ग्रेडिंग सिस्टम के तहत छात्रों को अंक के बजाय ग्रेड दी जाती है, जिससे परीक्षा का तनाव कम होता है। राज्य बोर्ड्स में अधिकांशतः अंक आधारित मूल्यांकन किया जाता है।

आशा करते हैं कि आपको CBSE vs State boards in Hindi के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। इसी प्रकार के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*

4 comments
    1. कुंकुम जी, बिलकुल कर सकते हैं बाहर से पढ़ाई।

    1. दिग्विजयसिंह जी, आपने जिस भी स्ट्रीम से 12वीं उत्तीर्ण की है उसमें आप आगे ग्रेजुएशन या डिप्लोमा कर सकते हैं।

    1. कुंकुम जी, बिलकुल कर सकते हैं बाहर से पढ़ाई।

    1. दिग्विजयसिंह जी, आपने जिस भी स्ट्रीम से 12वीं उत्तीर्ण की है उसमें आप आगे ग्रेजुएशन या डिप्लोमा कर सकते हैं।