देश हो या परिवार, किसी भी काम या योजना की नई शुरुआत के लिए बजट तैयार किया जाता है। देखा जाए तो किसी भी कार्य को आर्थिक रूप से सफल बनाने में बजट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी प्रकार देश की आर्थिक दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज सरकार प्रस्तुत करती है, जिसे ‘बजट’ कहा जाता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार केंद्र सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बजट संसद के पटल पर पेश करती है। इस लेख में छात्रों के लिए बजट से संबंधित आवश्यक जानकारी दी गई है।
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बजट किसे कहते हैं?
बजट एक वित्तीय योजना है जो बताता है कि अगले एक वर्ष तक सरकार किस प्रकार से पैसे कमाएगी और कहां-कहां इसका खर्च करेगी। यह योजना न केवल वर्तमान आर्थिक स्थिति को उजागर करती है, बल्कि आने वाले समय में भी आर्थिक विकास की दिशा को सुनिश्चित करती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, केंद्र सरकार हर वर्ष लोकसभा में वार्षिक वित्तीय विवरण (एनुअल फाइनेंसियल स्टेटमेंट) प्रस्तुत करती है, जिसे आमतौर पर ‘बजट’ कहा जाता है।
बजट का इतिहास
बजट’ शब्द फ्रेंच शब्द ‘बुल्गा’ से निकला है, जिसका अर्थ चमड़े का थैला है। बाद में यह अंग्रेज़ी में ‘बोगेट’ बना और फिर ‘बजट’ शब्द प्रचलित हुआ। पहले बजट को संसद में इसी तरह के चमड़े के थैले में पेश किया जाता था। भारतीय बजट राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित तिथि पर संसद में प्रस्तुत किया जाता है। वित्त मंत्री के बजट भाषण में आम तौर पर दो भाग होते हैं। भाग ए देश के सामान्य आर्थिक सर्वेक्षण से संबंधित है जबकि भाग बी कराधान प्रस्तावों से संबंधित है।
भारत में पहला बजट 7 अप्रैल, 1860 को ब्रिटिश अर्थशास्त्री ‘जेम्स विल्सन’ ने पेश किया था, जबकि स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को वित्त मंत्री ‘सर रामासामी चेट्टी कंदासामी शनमुखम चेट्टी’ ने पेश किया था। हालांकि इसमें केवल देश की अर्थव्यवस्था की समीक्षा की गई थी।
बजट कितने प्रकार के होते हैं?
यूनियन बजट को मुख्य रूप से दो प्रकार से समझा जा सकता है –
- पूंजीगत बजट
- राजस्व बजट
पूंजीगत बजट किसे कहते हैं?
पूंजीगत बजट में सरकार के भुगतान शामिल होते हैं। सरकार, विदेशी सरकारों और आरबीआई से मिले ऋण सरकार की पूंजी प्राप्तियों का एक बड़ा हिस्सा है। पूंजीगत व्यय को मशीनरी, उपकरण, भवन, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा आदि के विकास पर खर्च के रूप में परिभाषित किया गया है। जब सरकार का पूरा व्यय उसके कुल राजस्व से अधिक हो जाता है तो राजकोषीय घाटा पैदा होता है।
राजस्व बजट किसे कहते है?
राजस्व बजट में वे वस्तुएं शामिल होती हैं जो सरकार की संपत्तियों को प्रभावित नहीं करती हैं। राजस्व बजट सरकार के राजस्व और खर्च का विवरण देता है। कर आय और गैर-कर राजस्व दो प्रकार की राजस्व प्राप्तियां हैं। जब राजस्व व्यय राजस्व संग्रह से अधिक हो जाता है तो सरकार को राजस्व घाटा होता है।
अंतरिम बजट की परिभाषा क्या है?
अंतरिम बजट एक अल्पकालिक व्यवस्था है, जो वित्तीय वर्ष के शुरुआती महीनों के लिए सरकार की आय-व्यय का प्रबंधन सुनिश्चित करती है। यह नई सरकार के गठन तक आवश्यक खर्चों को चलाने की अनुमति देता है। भारत में वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त होता है, इसलिए चुनावी वर्ष में अंतरिम बजट वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बजट सत्र आमतौर पर 31 जनवरी के आसपास शुरू होता है।
बजट बनाने की प्रक्रिया क्या होती है?
बजट तैयार करने की प्रक्रिया वित्त मंत्रालय द्वारा लगभग 6 महीने पहले शुरू की जाती है। बजट को बड़ी ही सावधानी के साथ ध्यानपूर्वक बनाया जाता है। इसके लिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से प्रस्ताव लिए जाते हैं, फिर बजट विभाग, नीति आयोग और अन्य आर्थिक निकायों की सलाह से अंतिम रूप दिया जाता है। परिणामस्वरूप वित्त मंत्री संसद में बजट भाषण प्रस्तुत करते हैं और फिर संसद की मंजूरी से इसे लागू किया जाता है।
बजट का महत्व
बजट के महत्व को समझने हेतु निम्नलिखित बिंदु पढ़ें:-
- एक बजट वित्तीय स्थिरता बनाने में मदद करता है।
- खर्चों पर नजर रखने और योजनाओं का पालन करने के लिए बजट महत्वपूर्ण है।
- बजट व्यक्ति को दिन-प्रतिदिन और लंबी अवधि दोनों के लिए मजबूत वित्तीय स्थिति में रखता है।
- देश में संसाधनों को सही से आवंटित करना।
- बेरोजगारी और गरीबी को कम करना।
- पैसे की असमानताओं को संबोधित करना।
- कीमतों को नियंत्रित करना और कर संरचना को आकार देना।
- केंद्रीय बजट प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में बदलाव के लिए निर्देश देता है और इनमें आयकर दरों और कर ब्रैकेट में बदलाव भी शामिल किए गए हैं।
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बजट की विशेषताएं
यहां बजट की विशेषताएं निम्नलिखित बिंदुओं में दी गई हैं:-
- बजट एक वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित आय और व्यय का विस्तृत विवरण होता है, जिसे वित्त मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत किया जाता है।
- वित्तीय प्रबंधन को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से भारतीय बजट को मुख्यतः दो भागों (राजस्व बजट और पूंजीगत बजट) में बांटा जाता है।
- भारत का बजट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अंतर्गत तैयार और प्रस्तुत किया जाता है।
- बजट में सरकार सामाजिक योजनाओं (जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण) पर अधिक निवेश करती है, जिससे समाज के हर वर्ग तक विकास पहुंचे।
- बजट में आयकर स्लैब में बदलाव, जीएसटी नीतियों और अप्रत्यक्ष करों में सुधार जैसी घोषणाएं भी शामिल होती हैं।
- जनभागीदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए बजट तैयार करने से पहले विभिन्न मंत्रालयों, राज्यों, विशेषज्ञों और आम जनता के सुझावों को शामिल किया जाता है।
FAQs
बजट वह वार्षिक वित्तीय योजना है जिसमें सरकार की आय और व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाता है।
बजट सरकार बनाती है और इसे वित्त मंत्री संसद में प्रस्तुत करते हैं।
बजट का मुख्य उद्देश्य सरकार की आय और व्यय का प्रबंधन करना और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है।
आशा है कि इस लेख में आपको भारतीय बजट की जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC से संबंधित अन्य लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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