बजट किसे कहते हैं? जानें इतिहास, प्रकार, महत्व और विशेषताएं

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बजट किसे कहते हैं

देश हो या परिवार, किसी भी काम या योजना की नई शुरुआत के लिए बजट तैयार किया जाता है। देखा जाए तो किसी भी कार्य को आर्थिक रूप से सफल बनाने में बजट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी प्रकार देश की आर्थिक दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज सरकार प्रस्तुत करती है, जिसे ‘बजट’ कहा जाता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार केंद्र सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बजट संसद के पटल पर पेश करती है। इस लेख में आपके लिए बजट की परिभाषा, इतिहास, प्रकार और महत्व आदि से संबंधित आवश्यक जानकारी दी गई है।

बजट किसे कहते हैं?

बजट वह आधिकारिक दस्तावेज़ है जिसमें सरकार एक वित्तीय वर्ष के लिए अपनी अनुमानित आय और व्यय का लेखा-जोखा देती है। यह दस्तावेज न केवल वर्तमान आर्थिक स्थिति को उजागर करती है, बल्कि आने वाले समय में भी आर्थिक विकास की दिशा को सुनिश्चित करती है। संविधान में इसे “वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement)” कहा गया है और यह राष्ट्रपति द्वारा संसद के समक्ष पेश कराई जाती है।

यह न सिर्फ आर्थिक दिशा तय करता है बल्कि नीति, कर-निर्धारण और सरकारी प्राथमिकताओं की रूपरेखा भी देता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, केंद्र सरकार हर वर्ष लोकसभा में वार्षिक वित्तीय विवरण (एनुअल फाइनेंसियल स्टेटमेंट) प्रस्तुत करती है, जिसे आमतौर पर ‘बजट’ कहा जाता है।

बजट का इतिहास

“बजट” शब्द फ्रेंच शब्द bougette से आया है, जिसका अर्थ छोटा चमड़े का बैग या पाउच है। पहले राजाओं और अफसरों के अकाउंट और पैसे ऐसे पाउच में रखे जाते थे, इसलिए यह शब्द बाद में वित्तीय योजना के अर्थ में इस्तेमाल होने लगा।

भारतीय बजट राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित तिथि पर संसद में प्रस्तुत किया जाता है। वित्त मंत्री के बजट भाषण में आम तौर पर दो भाग होते हैं। भाग ए देश के सामान्य आर्थिक सर्वेक्षण से संबंधित है जबकि भाग बी कराधान प्रस्तावों से संबंधित है।

भारत में पहला बजट 7 अप्रैल, 1860 को ब्रिटिश अर्थशास्त्री ‘जेम्स विल्सन’ ने पेश किया था, जबकि स्वतंत्र भारत का स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवम्बर 1947 को प्रस्तुत किया गया था। आधिकारिक बजट स्पीच सरकारी आर्काइव (India Budget) के अनुसार इसे श्री आर. के. शनमुखम चेट्टी द्वारा प्रस्तुत किया था।

बजट कितने प्रकार के होते हैं?

यूनियन बजट को मुख्य रूप से दो प्रकार से समझा जा सकता है –

  • पूंजीगत बजट
  • राजस्व बजट

पूंजीगत बजट किसे कहते हैं?

पूंजीगत बजट में सरकार के भुगतान शामिल होते हैं। सरकार, विदेशी सरकारों और आरबीआई से मिले ऋण सरकार की पूंजी प्राप्तियों का एक बड़ा हिस्सा है। पूंजीगत व्यय को मशीनरी, उपकरण, भवन, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा आदि के विकास पर खर्च के रूप में परिभाषित किया गया है। जब सरकार का पूरा व्यय उसके कुल राजस्व से अधिक हो जाता है तो राजकोषीय घाटा पैदा होता है। 

राजस्व बजट किसे कहते है?

राजस्व बजट में वे वस्तुएं शामिल होती हैं जो सरकार की संपत्तियों को प्रभावित नहीं करती हैं। राजस्व बजट सरकार के राजस्व और खर्च का विवरण देता है। कर आय और गैर-कर राजस्व दो प्रकार की राजस्व प्राप्तियां हैं। जब राजस्व व्यय राजस्व संग्रह से अधिक हो जाता है तो सरकार को राजस्व घाटा होता है।

अंतरिम बजट की परिभाषा क्या है?

अंतरिम बजट एक अल्पकालिक व्यवस्था है, जो वित्तीय वर्ष के शुरुआती महीनों के लिए सरकार की आय-व्यय का प्रबंधन सुनिश्चित करती है। यह नई सरकार के गठन तक आवश्यक खर्चों को चलाने की अनुमति देता है। भारत में वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त होता है, इसलिए चुनावी वर्ष में अंतरिम बजट वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बजट सत्र आमतौर पर 31 जनवरी के आसपास शुरू होता है।

बजट के मुख्य घटक

यहाँ बजट के मुख्य घटक दिए गए हैं, जिनके माध्यम से आप इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और बजट में प्रयोग होने वाले घटकों के बारे में जान सकते हैं –

राजस्व प्राप्तियाँ

बजट में सरकार की नियमित आय को राजस्व प्राप्तियाँ (Revenue Receipts) कहा जाता है। इसमें कर राजस्व (Tax Revenue) और गैर-कर राजस्व (Non-Tax Revenue) शामिल होते हैं। कर राजस्व में आयकर, कॉर्पोरेट कर, वस्तु एवं सेवा कर (GST), उत्पाद शुल्क, और सीमा शुल्क से प्राप्त धन आते हैं। साथ ही गैर-कर राजस्व में सरकारी सेवाओं के लिए शुल्क, जुर्माना, ब्याज की प्राप्तियाँ, और सरकारी कंपनियों से लाभांश शामिल होते हैं।

राजस्व व्यय

सरकार के ऐसे नियमित खर्च, जो कोई नई संपत्ति (Asset) नहीं बनाते उन्हें राजस्व व्यय (Revenue Expenditure) कहा जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारियों का वेतन और पेंशन, विभिन्न सरकारी योजनाओं पर सब्सिडी (जैसे खाद्य, उर्वरक सब्सिडी), राज्यों को दिए जाने वाले अनुदान और लिए गए ऋण पर ब्याज का भुगतान आदि शामिल होते हैं।

पूंजीगत प्राप्तियाँ

ऐसा धन जो सरकार की देनदारियों को बढ़ाता है (जैसे उधार लेना) या संपत्तियों को घटाता है (जैसे संपत्ति बेचना), उसे पूंजी प्राप्तियाँ कहा जाता है। इसमें बाजार से उधार लेना (Borrowings), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से ऋण, विनिवेश (Disinvestment) – सरकारी कंपनियों के शेयर बेचना और राज्यों द्वारा लिए गए ऋण की वसूली शामिल होते हैं।

पूंजीगत व्यय

वह खर्च जिससे नई परिसंपत्तियां (जैसे स्कूल, अस्पताल, सड़कें, पुल) बनती हैं या देनदारियां कम होती हैं, उसे पूंजी व्यय (Capital Expenditure) कहा जाता है। इसमें बुनियादी ढाँचे के विकास पर खर्च, मशीनरी और उपकरणों की खरीद और केंद्र द्वारा राज्यों को दिए गए ऋण शामिल होते हैं।

भारत में बजट कैसे तैयार होता है?

भारत में बजट तैयार करने के लिए आप निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ सकते हैं –

  1. हर मंत्रालय अपनी वित्तीय ज़रूरतें वित्त मंत्रालय को भेजता है।
  2. वित्त मंत्रालय का Budget Division इन माँगों की समीक्षा कर संयुक्त ड्राफ्ट तैयार करता है।
  3. वित्त मंत्री इस ड्राफ्ट का अंतिम संस्करण तैयार करवाते हैं।
  4. संसद में वित्त मंत्री बजट भाषण पढ़ते हैं।
  5. दोनों सदनों में चर्चा, सुझाव और अनुमोदन के बाद बजट लागू होता है।

नोट – यह प्रक्रिया आमतौर पर साल की शुरुआत में शुरू हो जाती है ताकि यह नया वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले पारित कर दिया जाए।

बजट को समझने के आसान तरीके

यहाँ छात्रों के लिए बजट को समझने के आसान तरीके दिए गए हैं, निम्नलिखित तरीकों के माध्यम से आप जटिल और व्यापक से दिखने वाले बजट को आसानी से समझ सकते हैं –

  • बजट भाषण के ‘पार्ट ए – Part A’ में देश की आर्थिक स्थिति का सार होता है।
  • ‘पार्ट – बी (Part B)’ में टैक्स से जुड़े प्रस्ताव होते हैं, जो हमेशा परीक्षा और सामान्य ज्ञान में पूछे जाते हैं।
  • राजस्व घाटा, राजकोषीय घाटा, पूंजीगत निवेश, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) जैसे शब्दों को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए।
  • हर बजट के बाद उसके बड़े ऐलान और सेक्टरवार प्रभावों को पढ़ें, जो UPSC, राज्य परीक्षाओं, इंटरव्यू, और कॉलेज असाइनमेंट में बहुत काम आता है।

बजट का महत्व

बजट के महत्व को समझने हेतु निम्नलिखित बिंदु पढ़ें:-

  • एक बजट वित्तीय स्थिरता बनाने में मदद करता है।
  • खर्चों पर नजर रखने और योजनाओं का पालन करने के लिए बजट महत्वपूर्ण है।
  • बजट व्यक्ति को दिन-प्रतिदिन और लंबी अवधि दोनों के लिए मजबूत वित्तीय स्थिति में रखता है।
  • देश में संसाधनों को सही से आवंटित करना।
  • बेरोजगारी और गरीबी को कम करना।
  • पैसे की असमानताओं को संबोधित करना।
  • कीमतों को नियंत्रित करना और कर संरचना को आकार देना।
  • केंद्रीय बजट प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में बदलाव के लिए निर्देश देता है और इनमें आयकर दरों और कर ब्रैकेट में बदलाव भी शामिल किए गए हैं। 

यह भी पढ़ें – चुनाव आयोग: इतिहास, उद्देश्य, प्रावधान और महत्व

बजट की विशेषताएं

यहां बजट की विशेषताएं निम्नलिखित बिंदुओं में दी गई हैं:-

  • बजट एक वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित आय और व्यय का विस्तृत विवरण होता है, जिसे वित्त मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत किया जाता है।
  • वित्तीय प्रबंधन को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से भारतीय बजट को मुख्यतः दो भागों (राजस्व बजट और पूंजीगत बजट) में बांटा जाता है।
  • भारत का बजट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अंतर्गत तैयार और प्रस्तुत किया जाता है।
  • बजट में सरकार सामाजिक योजनाओं (जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण) पर अधिक निवेश करती है, जिससे समाज के हर वर्ग तक विकास पहुंचे।
  • बजट में आयकर स्लैब में बदलाव, जीएसटी नीतियों और अप्रत्यक्ष करों में सुधार जैसी घोषणाएं भी शामिल होती हैं।
  • जनभागीदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए बजट तैयार करने से पहले विभिन्न मंत्रालयों, राज्यों, विशेषज्ञों और आम जनता के सुझावों को शामिल किया जाता है।

FAQs 

बजट से आप क्या समझते हैं?

बजट वह वार्षिक वित्तीय योजना है जिसमें सरकार की आय और व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाता है।

बजट किस अवधि के लिए होता है?

वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है; बजट इसी अवधि का अनुमान देता है।

बजट के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?

बजट का मुख्य उद्देश्य सरकार की आय और व्यय का प्रबंधन करना और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है।

क्या बजट हर साल एक ही समय पर पेश होता है?

पारंपरिक रूप से फरवरी-मार्च के बीच पेश किया जाता है; हालाँकि राजनीतिक कारणों जैसे चुनावी वर्ष आदि के कारण से कुछ सालों में अंतरिम बजट/संक्षिप्त बजट भी होता है।

बजट किन मुख्य आधिकारिक स्रोत से देखा या पढ़ा जा सकता है?

बजट को मुख्य आधिकारिक स्त्रोतों में IndiaBudget.gov.in (आधिकारिक बजट आर्काइव), Economic Survey, संविधान की वेबसाइट/टेक्स्ट आदि हैं, जहां से आप बजट को पढ़ सकते हैं।

आशा है कि इस लेख में आपको भारतीय बजट की जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC से संबंधित अन्य लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।  

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