बिहार राज्य का यह विश्वविद्यालय हुआ NIRF 2023 की टॉप यूनिवर्सिटीज़ में शामिल, जानिए इसके बारे में

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NIRF के द्वारा 2023 के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट जारी कर दिए गई है। NIRF 2023 की लिस्ट में सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार यानी दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्विद्यालय को टॉप लिस्ट में शामिल किया गया है।  

NAAC ने प्रदान की A++ की ग्रेडिंग  

सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार को नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (NAAC) ने सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार (CUSB) को A++ की रैंकिंग दी है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का मानना है कि इससे बिहार में शिक्षा के स्तर में सुधार करने में मदद मिलेगी।  

टॉप 9 यूनिवर्सिटीज़ में हुई शामिल 

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ बिहार को NIRF 2023 की रैंकिंग में देश की टॉप 9 यूनिवर्सिटीज़ में शामिल किया गया है। यह यूनिवर्सिटी वर्ष  2009 में पटना में स्थापित की गई थी जिसे बाद में गया में शिफ्ट कर दिया गया।  

पहले भी A ग्रेड  हासिल कर चुकी है यूनिवर्सिटी 

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ बिहार इससे  पहले भी वर्ष 2017 में A ग्रेड हासिल कर चुकी है। यह पहली बार है जब यूनिवर्सिटी ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए A++ ग्रेड हासिल किया है और देश की टॉप 9 यूनिवर्सिटीज़ में जगह बनाने में सफल रही है।  

वीसी ने तैयार किया 2047 तक का रोडमैप 

सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार के वाइस चांसलर केएन सिंह ने कहा कि वे चाहते हैं कि उनकी यूनिवर्सिटी देश की बाकी यूनिवर्सिटीज़ के लिए एक आदर्श बने। वे यूनिवर्सिटी में डाटा साइंस और बायो टेक्नोलॉजी पर रिसर्च वर्क को बढ़ावा देना चाहते हैं ताकि इससे देश को लाभ मिल सके। वीसी सिंह के अनुसार यूनिवर्सिटी के लिए 2047 तक का रोडमैप तैयार कर लिया गया है।  यूनिवर्सिटी में बीएससी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और बीएससी एग्रीकल्चर जैसे कोर्सेज भी शुरू किए जा चुके हैं। सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार के वाइस चांसलर का मानना है कि यूनिवर्सिटी की वजह से बिहार के प्रति लोगों के नजरिए में बदलाव आएगा और इससे बिहार में शिक्षा का स्तर भी ऊंचा होगा।

यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार के बारे में

यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार की स्थापना सेंट्रल यूनिवर्सिटी एक्ट के तहत वर्ष 2009 में स्थापित की गई थी। पहले यह पटना में स्थित थी लेकिन बाद में इसे गया शिफ्ट कर दिया गया। इसके पहले वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर जनक पांडे थे। इस यूनिवर्सिटी का पहला अकादमिक सेशन 1 सितम्बर 2009 से शुरू हुआ था। यूनिवर्सिटी में विभिन्न प्रकार के यूजी, पीजी और पीएचडी कोर्सेज कराए जाते हैं।

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