भारत में ऐसे कई कवि, शायर और ग़ज़लकार हुए है जिन्होंने अपने शब्दों में जनता की पीड़ाओं को सम्मान देने का काम किया। ऐसे ही कवियों और शायरों में से एक “बशीर बद्र” भी थें, जिन्होंने हिंदी-उर्दू साहित्य को नए आयाम पर ले जाने का काम किया है। बशीर बद्र के शब्द आज भी भारत के युवाओं का परिचय साहित्य से करवा रहे हैं। कविताएं ही सभ्यताओं का गुणगान करते हुए मानव को समाज की कुरीतियों और अन्याय के विरुद्ध लड़ना सिखाती हैं। इसी कड़ी में Bashir Badr Poetry in Hindi (बशीर बद्र की कविताएं) भी आती हैं, जिन्हें पढ़कर विद्यार्थियों को प्रेरणा मिल सकती है, जिसके बाद उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
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कौन थे बशीर बद्र?
Bashir Badr Poetry in Hindi (बशीर बद्र की कविताएं) पढ़ने सेे पहले आपको बशीर बद्र जी का जीवन परिचय पढ़ लेना चाहिए। भारतीय हिंदी-उर्दू साहित्य की अप्रतीम अनमोल मणियों में से एक बहुमूल्य मणि बशीर बद्र भी हैं, जिन्होंने हिंदी और उर्दू के एक महान कवि होने का सम्मान जीवनभर प्राप्त किया। बशीर बद्र का पूरा उनका पूरा नाम सैयद मोहम्मद बशीर था।
15 फरवरी 1935 को बशीर बद्र का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में में हुआ था। बशीर बद्र ने वर्ष 1959 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में MA की उपाधि प्राप्त की। बशीर बद्र की ग़ज़लें आम आदमी की ज़िंदगी की कहानियों को गाती थी, जिसमें उन्होंने प्यार, दोस्ती, तथा समाज की समस्याओं को उकेरने का प्रयास किया।
वास्तविकता में बशीर बद्र की ग़ज़लों में हमेशा एक नाटकीयता और रोमांच होता था, जिसने उनकी पहचान बाकि शायरों से अलग बनाई। साहित्य के क्षेत्र में अपना मुख्य योगदान देने वाले बशीर बद्र को वर्ष 1999 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री तथा वर्ष 2005 में उर्दू अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
Bashir Badr Poetry in Hindi (बशीर बद्र की कविताएं) आपका परिचय साहित्य के सौंदर्य से करवाएंगी। बशीर बद्र जी की प्रसिद्ध रचनाओं में से एक “आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा
बे-वक़्त अगर जाऊँगा सब चौंक पड़ेंगे
इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा
जिस दिन से चला हूँ मिरी मंज़िल पे नज़र है
आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा
यारों की मोहब्बत का यक़ीं कर लिया मैं ने
फूलों में छुपाया हुआ ख़ंजर नहीं देखा
महबूब का घर हो कि बुज़ुर्गों की ज़मीनें
जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा
ख़त ऐसा लिखा है कि नगीने से जड़े हैं
वो हाथ कि जिस ने कोई ज़ेवर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मिरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उस ने मुझे छू कर नहीं देखा
-बशीर बद्र
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से बशीर बद्र प्रेम की उस व्यथा को लिखने का सफल प्रयास करते हैं, जो प्रेम का एक पड़ाव होता है। यह कविता प्यार की खामोशी और गहराई को व्यक्त करती है। इस कविता में कवि अपनी प्रेमिका से कह रहा है कि उसका प्यार उसकी आँखों में तो दिखाई देता है, लेकिन उसके दिल में उतर कर नहीं देखा गया है। बशीर बद्र की यह कविता प्यार की खामोशी और गहराई को व्यक्त करती है। यह कविता उन्हें यह बताती है कि प्यार सिर्फ दिखावा नहीं है, बल्कि यह एक गहरी भावना है जिसे महसूस किया जाना चाहिए।
हमारा दिल सवेरे का सुनहरा जाम हो जाए
Bashir Badr Poetry in Hindi (बशीर बद्र की कविताएं) आपके नज़रिए को नया आयाम देंगी। बशीर बद्र जी की सुप्रसिद्ध रचनाओं में से एक रचना “हमारा दिल सवेरे का सुनहरा जाम हो जाए” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:
हमारा दिल सवेरे का सुनहरा जाम हो जाए
चराग़ों की तरह आँखें जलें जब शाम हो जाए
कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए
तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए
अजब हालात थे यूँ दिल का सौदा हो गया आख़िर
मोहब्बत की हवेली जिस तरह नीलाम हो जाए
समुंदर के सफ़र में इस तरह आवाज़ दे हम को
हवाएँ तेज़ हों और कश्तियों में शाम हो जाए
मुझे मालूम है उस का ठिकाना फिर कहाँ होगा
परिंदा आसमाँ छूने में जब नाकाम हो जाए
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
-बशीर बद्र
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि बशीर बद्र प्रेम में मिलने वाली खुशियों का उल्लेख करते हैं। जो यह कविता प्यार की खुशी और उल्लास को व्यक्त करती है। कवि अपनी प्रेमिका से कह रहा है कि वह चाहता है कि उनका दिल एक सुनहरा जाम हो जाए। यह कविता उन सभी लोगों को प्रेरित करती है जो प्यार में या प्यार करना चाहते हैं। यह कविता उन्हें यह बताती है कि प्यार एक खूबसूरत एहसास है जिसे जीना चाहिए।
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
Bashir Badr Poetry in Hindi आपको परिचय साहित्य के सौंदर्य से करवाएंगी। बशीर बद्र जी की सुप्रसिद्ध रचनाओं की श्रेणी में से एक रचना “लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में
और जाम टूटेंगे इस शराब-ख़ाने में
मौसमों के आने में मौसमों के जाने में
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में
फ़ाख़्ता की मजबूरी ये भी कह नहीं सकती
कौन साँप रखता है उस के आशियाने में
दूसरी कोई लड़की ज़िंदगी में आएगी
कितनी देर लगती है उस को भूल जाने में
-बशीर बद्र
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से बशीर बद्र सामाजिक ताने बाने में बनी एक समस्या पर प्रकाश डालने का प्रयास करते हैं। यह एक सामाजिक कविता है जो समाज की विडंबनाओं को व्यक्त करती है। कवि इस कविता में कहता है कि लोग एक घर बनाने में इतने उलझे रहते हैं कि वे खुद टूट जाते हैं। कविता के माध्यम से कवि कहता है कि लोग एक घर बनाने में इतने उलझे रहते हैं कि वे प्यार और खुशी को भूल जाते हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय नहीं बिताते हैं और बस एक घर में बंद रहना चाहते हैं।
सर से पा तक वो गुलाबों का शजर लगता है
Bashir Badr Poetry in Hindi आपका परिचय प्रेम के अनूठे स्वरुप से करवाएंगी, साथ ही आपको प्रेम के प्रति निष्ठावान रहना सिखाएंगी बशीर बद्र जी की सुप्रसिद्ध रचनाओं में से एक रचना “सर से पा तक वो गुलाबों का शजर लगता है” भी है, यह कुछ इस प्रकार है:
सर से पा तक वो गुलाबों का शजर लगता है
बा-वज़ू हो के भी छूते हुए डर लगता है
मैं तिरे साथ सितारों से गुज़र सकता हूँ
कितना आसान मोहब्बत का सफ़र लगता है
मुझ में रहता है कोई दुश्मन-ए-जानी मेरा
ख़ुद से तन्हाई में मिलते हुए डर लगता है
बुत भी रक्खे हैं नमाज़ें भी अदा होती हैं
दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है
-बशीर बद्र
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से बशीर बद्र प्रेम की सुंदरता को परिभाषित करते हैं। यह कविता प्रेम की सुंदरता और आकर्षण को व्यक्त करती है, जिसमें कवि अपनी प्रेमिका की सुंदरता और आकर्षण की तुलना एक गुलाब के पेड़ से करता है। कविता के माध्यम से कवि उसके प्रेम को गुलाबों की तरह पवित्र और अनमोल कहता है। कवि कहता है कि उसका स्नेह गुलाबों की तरह मीठा और सुगंधित है। उसका विश्वास गुलाबों की तरह मजबूत और अटूट है। इसमें प्रेम और विश्वास को बराबर परिभाषित किया गया है।
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा
Bashir Badr Poetry in Hindi आपको प्रेरित करेंगी, साथ ही आपका परिचय अटल सत्य से करवाएंगी। बशीर बद्र जी की महान रचनाओं में से एक रचना “अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा
न जाने कब तिरे दिल पर नई सी दस्तक हो
मकान ख़ाली हुआ है तो कोई आएगा
मैं अपनी राह में दीवार बन के बैठा हूँ
अगर वो आया तो किस रास्ते से आएगा
तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है
तुम्हारे बा’द ये मौसम बहुत सताएगा
-बशीर बद्र
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से बशीर बद्र प्रेम के एक अलग आयाम को प्रदर्शित करने का प्रयास करते हैं। यह कविता प्रेम की अनूठी भावना को व्यक्त करती है, जिसके माध्यम से कवि इस कविता में कहता है कि वह अगर चाहे तो किसी और से प्यार कर सकता है, लेकिन वह ऐसा नहीं करेगा क्योंकि उसे अपनी प्रेमिका से बहुत प्यार है। इस कविता में कवि अपनी प्रेमिका के प्रति अपने प्यार और समर्पण का इजहार करता है।
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आशा है कि Bashir Badr Poetry in Hindi (बशीर बद्र की कविताएं) के माध्यम से आप बशीर बद्र की सुप्रसिद्ध कविताओं को पढ़ पाएं होंगे, जो कि आपको सदा प्रेरित करती रहेंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।