अब से बिहार के मेडिकल कॉलेजों के स्टूडेंट्स की उपस्थिति का हिसाब रखेगी हेल्थ यूनिवर्सिटी 

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ab se bihar ke medical colleges ke students ki upasthiti ka hisab rakhegi health university

बिहार सरकार अपने राज्य के स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी क्रम में अब बिहार सरकार के द्वारा राज्य के स्वास्थ्य विश्वविद्यालय को राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के स्टूडेंट्स की उपस्थिति का हिसाब रखने का दायित्व भी सौंपा गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इस संबंध में हेल्थ यूनिवर्सिटी को पत्र भी भेजा जा चुका है।  

क्लास बंक करने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स पर नज़र रखेगा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय 

बिहार सरकार से मिले निर्देशों के अनुसार अब से बिहार हेल्थ यूनिवर्सिटी प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के स्टूडेंट्स की अटेंडेंस की रिपोर्ट मेडिकल कॉलेजों से लेगा। मेडिकल कॉलेजों को यह रिपोर्ट हर महीने की 5 तारीख को स्वास्थ्य विश्वविद्यालय को भेजनी होगी। इसके अलावा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय क्लास बंक करने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स की पहचान कर भी करेगा। ऐसे मेडिकल स्टूडेंट्स की शिकायत उनके अभिभावकों और प्रशासन से की जाएगी।  

85 प्रतिशत उपस्थिति का लक्ष्य तय किया गया 

बिहार की हेल्थ यूनिवर्सिटी द्वारा बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए न्यूनतम 85 प्रतिशत हाजिरी का लक्ष्य रखा गया है। इस संबंध में सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को हेल्थ यूनिवर्सिटी की ओर से पत्र भी भेजा जा चुका है। 

75 प्रतिशत से कम हाजिरी वाले मेडिकल स्टूडेंट्स परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगे 

विश्वविद्यालय प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों से कहा है कि वे अपने कॉलेज में हाजिरी के आधार पर ही परीक्षा में स्टूडेंट्स को बैठने की अनुमति दें। इसकी सूचना सभी विभागाध्यक्षों को तुरंत देने के लिए भी निर्देशित किया गया है। विश्वविद्यालय के अनुसार परीक्षा में बैठेने के लिए सभी मेडिकल छात्रों को कम से कम 75 प्रतिशत से अधिक हाजिरी की शर्त को पूरा करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन 95 प्रतिशत से अधिक हाजिरी दर्ज कराने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित करने की योजना पर भी विचार कर रहा है।  

स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद होगा निर्णय 

बिहार सरकार द्वारा मेडिकल स्टूडेंट्स की हाजिरी के संबंध में लिया गया फैसला मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद साबित होगा-

  • इससे स्टूडेंट्स में अनुशासन की प्रवृत्ति को बल मिलेगा।  
  • इस फैसले के बाद स्टूडेंट्स क्लास बंक करने से बचेंगे और पढ़ाई पर अधिक ध्यान दे सकेंगे।  
  • यह फैसला स्टूडेंट्स को पढ़ाई के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाएगा। 

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