भारत के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) के स्टूडेंट्स अब बीटेक की पढ़ाई के साथ साथ लॉ और साइकोलॉजी की पढ़ाई भी कर सकेंगे। IIIT की तरफ से यह फैसला लिया गया है। सिलेबस में यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत किया गया है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत ही इस साल से स्टूडेंट्स को इंस्टीट्यूट की तरफ से माइनर और मेजर डिग्री भी प्रदान की जाएगी।
तकनीकी पढ़ाई के साथ साथ बीटेक के स्टूडेंट्स पढ़ सकेंगे लॉ और साइकोलॉजी विषय
अब ट्रिपल आईटी के स्टूडेंट्स बीटेक की पढ़ाई के साथ लॉ और साइकोलॉजी जैसे विषय भी पढ़ सकेंगे। अब IIIT से बीटेक करने वाले छात्रों को माइनर विषय के रूप में लॉ और साइकोलॉजी जैसे विषय पढ़ने की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा बीटेक में इंडियन नॉलेज सिस्टम और उद्यमिता विकास को भी माइनर सब्जेक्ट्स के रूप में शामिल किया गया है।
क्रेडिट्स में माइनर सब्जेक्स्ट्स का भी होगा बड़ा वेटेज
बीटेक के चार वर्ष के कोर्स में स्टूडेंट्स के क्रेडिट स्कोर में भी माइनर विषयों का एक बड़ा वेटेज जोड़ा जाएगा। बीटेक के चार सालों को मिलाकर कुल 160 क्रेडिट्स जोड़े जाएंगे। इनमें से 15 क्रेडिट्स माइनर सब्जेक्ट्स के होंगे। 145 क्रेडिट्स पर इंस्टीट्यूट की तरफ से स्टूडेंट्स को मेजर डिग्री प्रदान की जाएगी। अगर 15 क्रेडिट्स और मिल जाते हैं मेजर के साथ ही स्टूडेंट्स माइनर डिग्री प्राप्त करने के भी पात्र हो जाएंगे। इसके अलावा चार साल की बीटेक की पढ़ाई के दौरान 160 क्रेडिट्स के साथ 15 अतिरिक्त क्रेडिट्स प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को बीटेक ऑनर्स की डिग्री प्रदान की जाएगी।
सीनेट के पास अनुमति के लिए भेजा गया प्रस्ताव
NEP के तहत IIIT बीटेक के सिलेबस में किए जा रहे इस बदलाव को मंजूरी के लिए इंस्टीट्यूट की सर्वोच्च संस्था बीओजी यानी बोर्ड ऑफ़ गवर्नेन्स के पास अनुमति के लिए भेजा गया है जिसे बोर्ड की ओर से अनुमति प्रदान की जा चुकी है। इस नए प्रोग्राम में खास बात यह है कि इसमें छात्रों को मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्ज़िट का विकल्प भी मिल सकेगा। यानी उदाहरण के लिए अगर किसी स्टूडेंट ने बीटेक प्रथम वर्ष के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी है तो वह सर्टिफिकेट प्राप्त करने का हक़दार होगा।
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