अब CBSE बोर्ड में 10वीं में अनिवार्य विषय में फेल होने वाले छात्रों को मिल सकेगा पास होने का नया विकल्प  

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ab cbse board 10vi mein anivarya vishay mein fail hone wale chatro ko mil sakega pass hone ka naya vikalp

स्टूडेंट्स इस समय CBSE के 10वीं बोर्ड रिज़ल्ट्स का बेसब्री से इंतज़ार कर रहें हैं। CBSE बोर्ड 10वीं का रिजल्ट मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 20 मई से पहले किया जा सकता है। CBSE बोर्ड में कक्षा 10वीं 2024 की बोर्ड परीक्षा इस साल 19 फरवरी से शुरू हुई थी और 13 मार्च को यह खत्म हुई थी। अधिकतर छात्रों को मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस जैसे विषयों से डर लगता है। बहुत से विद्यार्थी इस डर के चलते इन विषयो में फेल भी हो जाते हैं और उनका साल खराब हो जाता है। लेकिन अब ऐसे स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छी खबर है। CBSE बोर्ड ऐसे स्टूडेंट्स के लिए अब पास होने का नया तरीका लेकर आया है।  

स्किल सब्जेक्ट के सहारे पास हो सकेंगे छात्र 

अब अनिवार्य विषयों जैसे मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस आदि में फेल हो जाने पर स्टूडेंट्स किसी न किसी स्किल सब्जेक्ट की मदद से पास हो सकेंगे। CBSE बोर्ड के द्वारा यह फैसला मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस जैसे विषयों में कमजोर छात्रों की सहूलियत ध्यान में रखते हुए लिया गया है। मान लीजिए स्टूडेंट 10वीं कक्षा में अनिवार्य 5 विषयों जैसे (हिंदी, इंग्लिश, मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस) आदि में फेल हो जाता है तो वह स्किल सब्जेक्ट के सहारे पास हो सकेगा। 

CBSE बोर्ड की ओर से यह नया नियम इसी सत्र 2024 – 25 से लागू कर दिया जाएगा।  

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स्किल सब्जेक्ट को छठे विषय के रूप में ले सकेंगे छात्र 

छात्र 5 अनिवार्य विषयों (हिंदी, इंग्लिश, मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस) के अलावा एक छठे विषय के विकल्प के रूप में स्किल सब्जेक्ट को भी रख सकेंगे। इसके साथ ही हिंदी या अंग्रेजी में कमजोर स्टूडेंट्स किसी क्षेत्रीय भाषा या अपनी मातृभाषा को वैकल्पिक विषय के रूप में रख सकेंगे।  

दिव्यांग छात्रों के लिए तीसरी भाषा पढ़ना अनिवार्य नहीं 

न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत CBSE की ओर से इस नए सत्र से थ्री लैंग्वेज फार्मूला लागू किया जाएगा। इस फॉर्मूले के तहत हर स्टूडेंट के लिए आठवीं क्लास तक तीन भाषाएं पढ़ना अनिवार्य होगा। ये तीन भाषाएं हिंदी, अंग्रेजी और कोई भी एक अन्य भारतीय भाषा होगी। ऐसे स्टूडेंट्स जो कक्षा आठवीं में तीसरी भाषा में पास नहीं हो सकेंगे, उन्हें अगली क्लास में प्रमोट तो कर दिया जाएगा मगर स्कूल चाहे तो 9वीं क्लास के अंत में उन स्टूडेंट्स की तीसरी भाषा की परीक्षा ले सकता है। इसके अलावा बोर्ड के द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी लिया गया है कि दिव्यांग छात्र चाहे तो तीसरी भाषा पढ़ने से मना कर सकते हैं। 

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