शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए भारत के साथ हाथ मिलाएगा यूनान 

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स्टडी अब्रॉड को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ़ टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने यूनान (ग्रीस) के साथ मिलकर काम करने को लेकर बातचीत शुरू की है। गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित हुई बैठक में यूनान के राजदूत और AICTE के अध्यक्ष टी.जी. सीताराम के बीच इस विषय पर गंभीर वार्ता की गई।  

यूनानी राजदूत ने शिक्षा के क्षेत्र में भारत के साथ गठबंधन की जताई इच्छा  

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए यूनान के राजदूत ने भारत के साथ शिक्षा के क्षेत्र में मिलकर काम करने की इच्छा प्रकट की। उन्होंने कहा कि वह इस बात का सुझाव यूनान के शिक्षा मंत्रालय के पास भेजेंगे। उन्होंने AICTE और यूनानी ऑथोरिटीज के बीच भी इस बात को लेकर सहमति बनाए जाने की भी बात की।  

वसुधैव कुटंबकम की अवधारणा को सच साबित करेगी पार्टनरशिप 

दोनों देशों के बीच शिक्षा के क्षेत्र में होने वाली इस पार्टनरशिप के संबंध में AICTE के अध्यक्ष टी.जी. सीताराम ने बताया कि हमने चंद्रयान 3 से प्रेरणा लेते हुए इस पार्टनरशिप को शुरू करने के बारे में सोचा। भारत और यूनान के बीच यह साझेदारी सही मायनों में वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को सच करके दिखाएगी। उन्होंने आगे कहा कि  वैश्विक चुनौतियों और अवसरों को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के बीच यह फैसला लिया गया है। दोनों ही देश अपने स्टूडेंट्स की क्षमताओं के विकास को लेकर प्रतिबद्ध हैं।  

एक दूसरे से सीखेंगे दोनों देश 

यूनान के राजदूत ने कहा कि हम दोनों देशों को एक दूसरे से सीखने की ज़रूरत है। दोनों देश एक दूसरे की अवधारणाओं और सच्चाई से बहुत कुछ सीख सकते हैं। उन्होंने भारत और यूरोप के बीच शिक्षा सम्बन्धी एक मंच तैयार करने के अपने प्रयासों के बारे में भी बताया। उन्होंने इस मंच का नाम EUREKA (यूरोपियन यूनियन रिसर्च एजुकेशन एंड नॉलेज अलाइंस) रखे जाने की भी बात कही।  

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