Indian National Army : भारत की आज़ादी में क्या थी आजाद हिंद फौज की भूमिका?

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भारत को अंग्रेजों की हुकूमत से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए लगभग 200 वर्षों का संघर्ष करना पड़ा। इस संघर्ष में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं, जो आज इतिहास के पन्नों पर दर्ज हैं। चाहे वह 1857 का स्वतंत्रता संग्राम हो या अन्य प्रमुख स्वतंत्रता आंदोलन, हर आंदोलन ने अपनी अलग छाप छोड़ी है। इन आंदोलनों में एक महत्वपूर्ण नाम आज़ाद हिंद फौज का भी है। आज़ाद हिंद फौज ने भारत की स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश को स्वतंत्रता के करीब पहुंचाया। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि आज़ाद हिंद फौज (Indian National Army in Hindi) का उदय कैसे हुआ और उसने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में क्या योगदान किया। इस जानकारी को समझने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।

आजाद हिंद फौज का संक्षिप्त परिचय

आजाद हिंद फौज (Indian National Army in Hindi) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण घटना थी। इसकी स्थापना नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1942 में की थी। इसका उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष करना था। INA ने सिंगापुर में एक मजबूत सेना का गठन किया, जिसमें भारतीय और विदेशी भारतीय सैनिक शामिल थे। फौज ने भारत में असम और बंगाल क्षेत्र में अभियान चलाए, लेकिन 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में इसका विघटन हो गया।

कैसे हुआ था आजाद हिंद फौज का गठन

आज़ाद हिंद फ़ौज या इंडियन नेशनल आर्मी (Indian National Army in Hindi) ने भारत की आज़ादी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस फ़ौज की स्थापना 1942 में भारत के एक क्रांतिकारी नेता ‘रासबिहारी बोस’ द्वारा टोक्यो (जापान) में की गयी थी और 21 अक्तूबर 1943 को इस फौज का नेतृत्व ‘सुभाष चंद्र बोस’ के हाथों में आ गया था। ऐसा कहा जाता है कि जब नेताजी ने इस फौज की कमान संभाली, तब इसमें लगभग 45,000 सैनिक थे और सन 1944 तक आते-आते इस फ़ौज में सैनिकों की संख्या 85,000 हो गई थी।  

इस फ़ौज में एक महिला यूनिट भी शमिल थी, जिसकी कप्तान ‘लक्ष्मी सहगल थी। ऐसा भी कहा जाता है कि इस फ़ौज को जापान का काफी सहयोग मिला था। क्योंकि इस फौज में ज्यादातर वही सैनिक शामिल थे, जिन्हें जापान ने बंदी बना लिया था, बाद में दूसरे देशों के सैनिक भी इससे जुड़ गए थे।

आजाद हिंद फौज के मुख्य नेता और कार्यकर्ता

आजाद हिंद फौज के मुख्य नेता और कार्यकर्ता निम्नलिखित थे:

नेताजी सुभाष चंद्र बोस: आजाद हिंद फौज के संस्थापक और प्रमुख नेता, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। उन्होंने फौज का गठन किया और इसके संचालन का नेतृत्व किया।

सुखदेव सेन: आजाद हिंद फौज के एक प्रमुख नेता, जिन्होंने विभिन्न सैन्य अभियानों और योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कर्नल शाह नवाज खान: INA के वरिष्ठ अधिकारी, जिन्होंने फौज के विभिन्न महत्वपूर्ण अभियानों में नेतृत्व किया।

ब्रिगेडियर जनरल शाह नवाज: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी सहयोगी और आजाद हिंद फौज के वरिष्ठ अधिकारी।

मधुबाला: महिला बटालियन, रानी झांसी रेजिमेंट की एक प्रमुख सदस्य और आजाद हिंद फौज के महिला संगठन की प्रमुख कार्यकर्ता।

रानी झांसी रेजिमेंट: इस रेजिमेंट की प्रमुख सदस्य प्रमुख महिला कार्यकर्ता, जिन्होंने आजाद हिंद फौज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारत की स्वतंत्रता में आजाद हिंद फौज का योगदान

आजाद हिंद फौज का प्रमुख उद्देश्य भारत की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लड़ना था। प्रासंगिक रूप से, आज़ादी की लड़ाई को आवश्यक गति प्रदान करने में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 30 दिसंबर 1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहरा कर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को ब्रिटिश राज से मुक्त होने वाला पहला भारतीय क्षेत्र घोषित किया था। इसके बाद अप्रैल 1944 में ‘कर्नल शौकत मलिक’ के नेतृत्व में इसने मणिपुर के ‘मोइरांग’ में तिरंगा फहराया था। 

आजाद हिंद फौज का अंत और इसके कारण

दूसरे विश्व युद्ध में जापान की सेनाओं के साथ आजाद हिंद फौज को भी हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद अंग्रेज़ों ने 1945 ई. में इसके सैनिक एवं अधिकारियों को गिरफ़्तार कर लिया और उसी समय 18 अगस्त, 1945 ई. में एक हवाई दुर्घटना में सुभाषचन्द्र बोस की भी मृत्यु हो गई और इस तरह इसका का अंत हो गया। लेकिन आजाद हिंद फौज को देखकर ही भारत छोड़ो आंदोलन जैसे विभिन्न आंदोलन शुरू किए गए। ऐसे में ब्रिटिश सरकार की हार और भारत की स्वतंत्रता का श्रेय आजाद हिंद फौज को भी दिया जाता है।

FAQs

आजाद हिन्द फौज की स्थापना किसने और कब की?

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सन 1943 में जापान की सहायता से टोकियो में रासबिहारी बोस ने भारत को अंग्रेजों के कब्जे से स्वतन्त्र कराने के लिये आजाद हिन्द फौज या इंडियन नेशनल आर्मी (INA) नामक सशस्त्र सेना का गठन किया।

आजाद हिन्द फौज के संस्थापक कौन थे?

आजाद हिंद फौज की शुरुआत रासबिहारी बोस ने की थी। 

आजाद हिंद फ़ौज की पहली महिला कप्तान कौन थी?

आजाद हिंद फ़ौज की पहली महिला कप्तान लक्ष्मी सहगल थीं। 

आशा है इस ब्लॉग से आपको आज़ाद हिंद फ़ौज (Indian National Army in Hindi) और इससे जुड़ी अहम घटनाओं के बारे में बहुत सी जानकारी प्राप्त हुई होगी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और इतिहास से संबंधित ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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