12वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें?

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12th ke baad Software Engineer Kaise bane

टेक्नोलॉजी जैसे एडवांस हो रही है वैसे ही इसकी महत्व और बढ़ता ही जा रही है। टेक्नोलॉजी के विकसित होने से कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप जैसी चीजें आज के लोगों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। ऐसे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर आकर्षक करियर विकल्प बनकर उभर रहा है। कोई भी विद्यार्थी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकता है और टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपने करियर को ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। अगर आप भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का सोच रहे हैं तो ये लेख आपके लिए है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि 12th ke Baad Software Engineer Kaise bane। आईये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

उससे पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर से संबंधित कुछ प्रमुख जानकारी के लिए नीचे दिए गए टेबल को देखें।

कोर्स का नामसॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
कोर्स अवधि3-4 साल
कोर्स लेवल-डिप्लोमा
-बैचलर्स
-मास्टर्स
दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीजयूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी – कैलटेक
प्रवेश परीक्षाएंJEE Main
JEE Advanced
-SRMJEE

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग क्या है?

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक प्रकार का कंप्यूटर इंजीनियरिंग कोर्स होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग आई.टी की एक ब्रांच है जिसमें विभिन्न प्रकार की सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग, डेवलपमेंट, मेंटेंनिंग, टेस्टिंग, प्रोग्रामिंग आदि के बारे में सिखाया जाता है। इसमें कई प्रकार की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है जैसे HTML, JAVA, PHP, C/C++, Python शामिल हैं। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको इन सभी प्रोग्रामिंग भाषा का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर वह होता है जो उपभोक्ता की जरूरत के अनुसार विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषा में कोडिंग करके एक सॉफ्टवेयर डेवलप करता है। उसकी टेस्टिंग करके उसे बनाए रखता है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए इन सब प्रोग्रामिंग भाषा की जानकारी होना बहुत जरूरी है।

12 वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें- स्टेप बाय स्टेप गाइड

12th ke baad Software Engineer Kaise bane इसे कुछ स्टेप में जानते हैं-

  • स्टेप 1 : बैचलर डिग्री इन कंप्यूटर – सबसे पहले अपको कंप्यूटर विषय में बैचलर डिग्री प्राप्त करनी होती है जैसे बी.टेक इन कंप्यूटर साइंस, बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन, बी.टेक इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी
  • स्टेप 2: प्रोग्रामिंग लैंग्वेज – एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का आना जरूरी है। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जैसे  C language, C++, Java, Java script, SQL, Python, Ruby
  • स्टेप 3: अपने प्रोग्रामिंग लॉजिक को और अच्छा बनाएं – एक अच्छा सॉफ्टवेयर बनने के लिए प्रोग्रामिंग लॉजिक अच्छा और अनोखा होना चाहिए। जब भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर कोई एप्लीकेशन या वेबसाइट बनाते हैं तो उन्हें अपने अनोखे लॉजिक का इस्तेमाल करना होता है।
  • स्टेप 4: सॉफ्टवेयर बनाने का प्रयत्न करें – जब आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ज्ञान हो जाता है। आपको कुछ अनोखे और अच्छे सॉफ्टवेयर, ऐप या वेबसाइट बनाना शुरू कर देना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपकी कोडिंग स्किल्स भी बेहतर होंगी।
  • स्टेप 5: इंटर्नशिप के लिए आवेदन करें – यदि आपके पास कंप्यूटर साइंस में बैचलर्स की डिग्री है। आप मुख्य प्रोग्रामिंग भाषाएं जानते हैं और सॉफ्टवेयर बनाना जानते हैं। तो आपको इंटर्नशिप के लिए आवेदन करना चाहिए।
  • स्टेप 6: मास्टर्स डिग्री – सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में अगर आप हाईएस्ट सैलरी प्राप्त करना चाहते हैं तो मास्टर्स डिग्री प्राप्त करके किसी कंपनी में जॉब कर सकते हैं।

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के लिए स्किल्स

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए कुछ जरूरी स्किल्स जो छात्रों में होनी चाहिए-

  • विद्यार्थी के अंदर थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग का गुण होना चाहिए।
  • कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखने में इंटरेस्ट होना चाहिए।
  • कंप्यूटर की कोडिंग भाषा को सीखने में आपको इंटरेस्ट होना चाहिए।
  • आपकी बातचीत करने की कला यानी कि कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए।
  • विद्यार्थी को सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की अच्छी इंफॉर्मेशन होनी चाहिए।
  • विद्यार्थी के अंदर टीमवर्क का गुण होना चाहिए।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर के कार्य क्या होते हैं?

एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के कार्य नीचे बताए गए हैं-

  • एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का मुख्य कार्य प्रोग्रामिंग करना होता है। 
  • सॉफ्टवेयर डेवलप करना। 
  • मोबाइल ऐप बनाना। 
  • लैपटॉप और कंप्यूटर के लिए सॉफ्टवेयर बनाना। 
  • ऐप व प्रोग्राम को डेवलप करने मे आने वाली परेशानियों को सॉल्व करना। 
  • सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग करना। 
  • सॉफ्टवेयर को मेंटेन रखना। 
  • उपभोक्ता की जरूरतों के अनुसार सॉफ्टवेयर बनाना। 

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के लिए कोर्स 

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के लिए कोर्स निम्नलिखित है-

बैचलर्स कोर्स-Bachelor of Software Engineering (BSE)
-Bachelor in Software Development
-Bachelor in Software and Data Engineering
-Software Development and Entrepreneurship (Professional Higher Education)
-BSc in Computer Science and Engineering
-B.Tech. Software Engineering
मास्टर्स कोर्स-MTech in Information Technology
-MBA in Information Technology
-MBA in Quality Management
-MBA in Marketing
-MBA in Finance
-MBA in Operations
-ME in Software Engineering
-M.Sc. in Software Systems
-MTech. Software Engineering
डिप्लोमा कोर्स-Certificate course in digital signal processing
-Post graduate diploma in wireless and mobile computing
-Short course on developing industrial internet of things
-Certificate in responsive website basics – code with HTML, CSS, and JavaScript
-Certificate in java programming – solving problems with software
-Java, Python, C, C++, SQL, HTML and other language embedded course
-Software Testing
-Data Visualization Course
-Mobile app development Course
-DBA
-MySQL

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के सब्जेक्ट्स

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक प्रोफेशनल डिग्री कोर्स है जिसमें कई तरह के विषय पढ़ाए जाते हैं। नीचे कुछ विषयों में शामिल उसके सब्जेक्ट दिए गए हैं-

विषय सब्जेक्ट
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट अप्रोचेजस-इंट्रोडक्शन
-इवॉल्विंग रोल ऑफ सॉफ्टवेयर
-सॉफ्टवेयर कैरेक्टरस्टिक्
-ससॉफ्टवेयर एप्लीकेशन
सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग प्रोसेस-व्हाट इज मेंट बाय सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
-डेफिनेशन ऑफ सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
-द सीरियल एंड लाइनर डेवलपमेंट मॉडल
-इंटरएक्टिव डेवलपमेंट मॉडल
-द इंक्रीमेंटल डेवलपमेंट मॉडल
-द पैरलल एंड कांगरूएंट डेवलपमेंट मॉडल
-हैकिंग
सॉफ्टवेयर रिलायबिलिटी-इंट्रोडक्शन
-सॉफ्टवेयर रिलायबिलिटी मैट्रिक्स
-प्रोग्रामिंग फॉर रिलायबिलिटी
-फॉल्ट अवॉइडेंस
-फॉल्ट टोलरेंस
-सॉफ्टवेयर रयूज़
सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग प्रिंसिपल्स-सिस्टम मॉडल – डेटा फ्लो मॉडल, सिमेंटिक डेटा मॉडल, ऑब्जेक्ट मॉडल, इनहेरिटेंस मॉडल, ऑब्जेक्ट एग्रीगेशन, डेटा डिक्शनरी
-सॉफ्टवेयर डिजाइन – डिजाइन प्रक्रिया, डिजाइन के तरीके, डिजाइन विवरण, डिजाइन रणनीति, डिजाइन की गुणवत्ता
-आर्किटेक्चर्ल डिज़ाइन -सिस्टम स्ट्रक्चर, रिपोजिटरी मॉडल, नियंत्रण मॉडल, मॉड्यूलर डीकंपोजिशन, डोमेन स्पेसिफिक  आर्किटेक्चर 
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिजाइन-ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिज़ाइन-ऑब्जेक्ट, ऑब्जेक्ट क्लासेस एंड इन्हेरिटेंस, ऑब्जेक्ट आईडेंटिफिकेशन, वस्तु उन्मुख डिजाइन उदाहरण, ऑब्जेक्ट एग्रीगेशन।
-सर्विस यूजेस
-ऑब्जेक्ट इंटरफेस डिजाइन – डिजाइन विकास
-डेटाफ्लो डिज़ाइन
-स्ट्रक्चर कंपोजिशन
एन असेसमेंट ऑफ प्रोसेस लाइफ साइकिल मॉडल-ओवरव्यू ऑफ द असाइनमेंट ऑफ प्रोसेस
-द डायमेंशन ऑफ टाइम
-द नीड ऑफ बिजनेस मॉडल इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
-क्लासिक इनवेलिड अजमसन – फर्स्ट अजमसन इंटरनल और एक्सटर्नल ड्राइवर्स
सेकंड अजमसन – सॉफ्टवेयर और बिजनेस प्रोसेस
थर्ड अजमसन – प्रोसेस और प्रोजेक्ट
फोर्थ आजमसन – प्रोसेस सेंटर्ड और आर्किटेक्ट सेंटर्ड
कॉन्फ़िगरेशन मैनेजमेंट-इंट्रोडक्शन
-चेंज मैनेजमेंट
-वर्जन एंड रिलीज मैनेजमेंट
-वर्जन आईडेंटिफिकेशन
-सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस
-द मेंटेनेंस प्रोसेस
-मेंटेनेंस कॉस्ट
सॉफ्टवेयर टेस्टिंग टेक्निक-सॉफ्टवेयर टेस्टिंग फाउंड
-टेस्टिंग प्रिंसिपलस
-व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग
-कंट्रोल स्ट्रक्चर टेस्टिंग
-ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग
सॉफ्टवेयर टेस्टिंग अस्योरेंस-इंट्रोडक्शन
-ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग
-वैलिडेशन टेस्टिंग
-वैलिडेशन टेस्ट क्रिटेरीया
-टेस्ट प्लान टेस्ट स्ट्रेटजीस
-प्रिंसिपल ऑफ टेस्टिंग
सॉफ्टवेयर टेस्टिंग स्ट्रैटेजिस-इंट्रोडक्शन ऑर्गेनाइजर्स फॉर सॉफ्टवेयर टेस्टिंग
-सॉफ्टवेयर टेस्टिंग स्ट्रेटजी
-यूनिट टेस्टिंग
-टॉप डिजाइन इंटीग्रेशन
-बॉटम अप इंटीग्रेशन
पीपल एंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर-ट्रेडिशनल सॉफ्टवेयर इंजीनियर
-द इंपॉर्टेंस ऑफ पीपल इन प्रॉब्लम सॉल्विंग प्रोसेस
-द पीपल फैक्टर
-द कस्टमर फैक्टर
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी एंड प्रोबलम सॉल्विंग-सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी एंड इनेबलिंग बिजनेस टूल
-द ई बिजनेस रिवॉल्यूशन
केस स्टडी-इंट्रोडक्शन सिस्टम रिक्वायरमेंट्स
-आर्किटेक्चरल अल्टरनेटिव

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के लिए विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट

विदेश में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए कुछ टॉप यूनिवर्सिटी नीचे दिए गए हैं-

UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सकेंगे।

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के लिए टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज

भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए कुछ टॉप कॉलेजेस के नाम नीचे दिए गए हैं-

  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मद्रास
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, बॉम्बे
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
  • जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
  • कोलकाता यूनिवर्सिटी
  • मणिपाल एकेडमी ऑफ़ हाईयर एजूकेशन
  • बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस
  • दिल्ली यूनिवर्सिटी
  • होमी भाभा नेशनल यूनिवर्सिटी
  • केरला यूनिवर्सिटी
  • महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी
  • गुजरात यूनिवर्सिटी
  • अमिता विश्वविद्यापीठ

आवेदन प्रक्रिया

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स के लिए आवेदन कैसे करें इसके बारे में नीचे दिया गया है-

  • सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के लिए आवेदक एंट्रेंस बेसिस पर और मेरिट बेसिस पर एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं।
  • एंट्रेंस बेसिस पर एडमिशन प्राप्त करने के लिए आवेदक को किसी भी नेशनल लेवल, स्टेट लेवल और इंस्टिट्यूट लेवल एंट्रेंस एग्जाम को देना होता है।
  • एंट्रेंस एग्जाम के कटऑफ के अनुसार यूनिवर्सिटी मेरिट लिस्ट तैयार करता है।
  • जिसमें चुने गए आवेदक काउंसलिंग के लिए बुलाए जाते हैं।
  • मेरिट बेसिस पर एडमिशन प्राप्त करने के लिए आवेदक को सीधे ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए आवेदन करना होता है।
  • ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदक को खुद को रजिस्टर कराना होता है और फिर आवश्यक दस्तावेज के साथ फॉर्म को भर कर जमा करना होता है।
  • आवेदकों को उनकी योग्यता, क्वालिफिकेशन के आधार पर चुना जाता है ।

आवश्यक दस्तावेज़

 नीचे कुछ आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट दी गई है-

  • आईडी प्रूफ
  • कक्षा 10 और 12 के सर्टिफिकेट, मार्कशीट
  • बैचलर्स डिग्री
  • GATE के अंक
  • SOP और LOR
  • TOEFL और IELTS

प्रवेश परीक्षाएं

प्रवेश परीक्षाओं की लिस्ट नीचे दी गई है-

बेस्ट बुक्स

12th ke baad Software Engineer Kaise bane जानने के साथ-साथ बुक्स के नाम जानना भी ज़रूरी है, जो नीचे दिए गए हैं-

किताब का नामयहां से खरीदें
Clean Code: A Handbook of Agile Software Craftsmanshipयहां से खरीदें
Design Patterns: Elements of Reusable Object-Oriented Softwareयहां से खरीदें
Patterns of Enterprise Application Architectureयहां से खरीदें
Enterprise Integration Patternsयहां से खरीदें
Code Complete: A Practical Handbook of Software Constructionयहां से खरीदें

टॉप रिक्रूटर्स

12th ke baad Software Engineer Kaise bane जानने के बाद अब यह जानना आवश्यक है कि इस प्रोफेशन के लिए टॉप रिक्रूटर्स कौन से हैं, जिनके नाम नीचे दिए गए हैं-

  • Google
  • IMB
  • Tata Consultancy Services (TCS)
  • CISCO
  • Amazon
  • Accenture
  • Capgemini
  • Intel
  • Microsoft
  • HCL

सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी

12th ke baad Software Engineer Kaise bane जानने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है, यह जानना ज़रूरी है। नीचे सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी इस प्रकार है:

  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी अलग-अलग कंपनियों के अनुसार अलग-अलग होती है।
  • किसी भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलेरी इस बात पर पर तय होती है कि उसका टेक्नोलोजी और कंप्यूटर लैंग्वेज में ज्ञान कैसा है।
  • एक कंप्यूटर इंजीनियर की शुरुआती सैलरी कम से कम INR 20-40 हजार प्रति माह होती है।
  • दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहरों में एक कंप्यूटर इंजीनियर को प्रतिमा INR 45-50 हजार प्रति माह तक मिलता है।
  • एक एक्सपोर्ट सॉफ्टवेयर इंजीनियर को INR 70-80 लाख प्रति वर्ष सैलरी मिलती है।
  • अगर कोई गूगल जैसे मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता है तो उसकी सैलरी INR 1 करोड़ प्रति वर्ष तक भी हो सकती है।
  • Glaasdoor के मुताबिक अमेरिका में सालाना एवरेज सैलरी USD 1.08 लाख (INR 81.18 लाख) और यूके में GBP 53,392 (INR 53.39 लाख) होती है।

FAQs

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने में कितना खर्चा होता है?

सॉफ्टवेयर इंजीनियर कोर्स के लिए खर्च यूनिवर्सिटी पर निर्भर करता है, वैसे यह प्रति वर्ष INR 50,000-3 लाख रुपये तक होता है।

12th ke baad Software Engineer Kaise bane और इस विषय में डिप्लोमा कैसे करें?

12वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के लिए 12वी में कम से कम 60% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। 12वीं साइंस के साथ मैथ्स और कंप्यूटर के विषय के साथ पढ़ना अनिवार्य हैं। 12वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए भी ऊपर दी गई बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है। इसके बाद आप किसी भी कॉलेज से डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। डिप्लोमा कोर्स के लिए आवेदन करके आवश्यक योग्यता को पूरा करके डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।

इंजीनियर बनने के लिए कितनी पढ़ाई करनी पड़ती है?

12वीं के बाद छात्र बी. टेक में स्नातक स्तर की पढ़ाई मान्यता प्राप्त कॉलेज से कर सकते है जो इंजीनियर बनने की शुरुआत मानी जाती है। किसी भी छात्र के पास कम से कम 3 साल की डिग्री या फिर डिप्लोमा होना चाहिए। 3 साल की पढ़ाई के बाद छात्र कों जिस विषय में सबसे ज्यादा रुचि है उसमें छात्र स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रजुएशन) कर सकता है।

आशा करते हैं कि आपको 12th ke baad Software Engineer Kaise bane, इसकी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।

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