CBSE बोर्ड ने बोर्ड एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी है। 2024 से 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम एक साल में दो बार होंगे, लेकिन स्टूडेंट्स को दोनों बार एग्जाम देना जरूरी नहीं होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने से कहा कि स्टूडेंट्स खुद से तय करेंगे कि उन्हें बोर्ड एग्जाम एक बार देना है या दो बार देना है।
एजुकेशन मिनिस्टर ने बताया कि नई व्यवस्था बच्चों की सुविधा के लिए लाई गई है और यदि कोई स्टूडेंट दो बार एग्जाम देता है तो दोनों एग्जाम में से उसका बेस्ट रिजल्ट स्कोर किया जाएगा और इससे स्टूडेंट्स को एग्जाम देने के लिए एक ही साल में दो मौके मिलेंगे।
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इसके अलावा अगर कोई स्टूडेंट्स अपने आप को एग्जाम के लिए सक्षम मानते हैं या फिर पढ़ाई-एग्जाम को लेकर काॅन्फिडेंट हैं तो वह साल में एक ही बार एग्जाम दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि न्यू करिकुलम ऑफ फ्रेमवर्क (NCF) 2023 लागू होने के बाद उन्होंने कई स्टूडेंट्स से बात की तो पता चला कि स्टूडेंट्स नई पाॅलिसी को पसंद कर रहे हैं।
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इस वजह से लिया गया साल में 2 बार बोर्ड एग्जाम का निर्णय
एजुकेशन मिनिस्टर ने कहा कि हम कोशिश करेंगे कि अगले साल यानी 2024 से ही साल में दो बार बोर्ड एग्जाम करा सकें। साल में दो बार बोर्ड कराने का निर्णय स्टूडेंट्स में तनाव और डर कम करने के लिए लिया गया है। इस साल अगस्त में एजुकेशन मिनिस्ट्री ने न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत साल में दो बार बोर्ड एग्जाम कंडक्ट कराने की घोषणा की थी।
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के बारे में
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) की रूपरेखा नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी के कार्यान्वयन को सक्षम करने के लिए बनाई गई है। मूलभूत चरण शिक्षा (3 से 8 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए) के लिए NCF अक्टूबर 2022 में सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान द्वारा शुरू किया गया था।
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