यूएस की इस यूनिवर्सिटी ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए लॉन्च किया स्प्लिट पेमेंट इंश्योरेंस प्लान

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मिनेसोटा स्टेट यूनिवर्सिटी ने लॉन्च किया स्प्लिट पेमेंट इंश्योरेंस प्लान

द सीनेट ऑफ़ मिनेसोटा स्टेट यूनिवर्सिटी ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को मिलने वाले बेनिफिट्स में एक और बेनिफिट को जोड़ने का फैसला लिया है। हेल्थ इश्योरेंस पॉलिसी जिसके भुक्तान की चिंता हर स्टूडेंट्स के ज़हन में होती है, यूनिवर्सिटी ने उसकी पेमेंट को दो भागों में देने का रिज़ॉल्यूशन एलान किया है। छात्र जो फाइनेंशियल तौर पर अपनी इंश्योरेंस की पेमेंट का इकट्ठा भुगतान करने में मुश्किलों का सामना कर रहे थे यह रिज़ॉल्यूशन उन छात्रों को राहत पहुंचाने का एक कदम है। 

इस रिज़ॉल्यूशन को 2020-21 एकेडेमिक ईयर के दौरान लागू किया गया था जिसमें COVID महामारी के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्रों जो मद्दे नज़र रख कर प्रोसेस में लाया गया था। मई में इस प्लान को स्प्लिट पेमेंट प्लान से बदलकर ओरिजिनल प्लान यानी इंश्योरेंस का एक साल का मेंडेटरी भुगतान में बदल दिया गया था। 

इस प्लान के बदलाव का असर न सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस पर देखने को मिला था बल्कि क्लासेस के लिए रजिस्टर करने के प्रोसेस पर भी इसकी झलक देखने को मिली। हालांकि इस फैसले से पहले इंटरनेशनल स्टूडेंट एसोसिएशन और स्टूडेंट गवर्नमेंट से कंसल्ट नहीं किया गया था। 

सीनेटर डार्लिंगटन सेहगबीन के सर्वे के अनुसार 123 इंटरनेशनल स्टूडेंट्स में से ज़्यातर स्टूडेंट्स ने स्प्लिट पेमेंट पॉलिसी के फेवर में अपना वोट दिया। सेहगबीन ने कहा कि जो पॉलिसी स्टूडेंट्स के फेवर में नहीं उन्हें लागू करना फ़िज़ूल है। हमें ऐसी पॉलिसी को बनाने की प्रक्रिया रोकनी चाहिए जिससे ज़्यादा से ज़्यादा स्टूडेंट्स का ग्रेजुएट होना लगभग नामुमकिन हो जाए। यह रिज़ॉल्यूशन यूनिवर्सिटी की पॉलिसी की डाइवर्सिटी, इक्विटी और इन्क्लूज़न को टेस्ट करता है। 

वन ईयर पेमेंट प्लान की ख़ामियों की बात की जाए तो, उस केस में अगर एक इंटरनेशनल स्टूडेंट अपनी पेमेंट अफोर्ड नहीं कर पाता तो उनकी क्लासिस कैंसिल कर दी जाती जिससे उनके वीज़ा स्टेटस पर भी असर देखने को मिलता। एक साल की पेमेंट करने वाला प्लान स्टूडेंट के रिटेंशन रेट पर भी अपना प्रभाव डाल सकता था क्योंकि अगर पेमेंट न हो पाती तो या तो स्टूडेंट को ट्रांसफर लेना पड़ता या ड्राप आउट उनके लिए एक आखरी ऑप्शन साबित होता। 

सीनेटर कोषांगी झा जोकि खुद एक इंटरनेशनल स्टूडेंट हैं, कहते हैं कि अगर आप भुगतान नहीं कर सकते तो हम रजिस्टर नहीं कर सकते हैं। हमारे पास 2 ही ऑप्शंस हैं या तो अमाउंट का भुगतान हो नहीं तो एडमिशन नहीं हो सकता।

द सीनेट इस रिज़ॉल्यूशन पर इस हफ्ते वोट करेंगे जोकि प्रेजिडेंट इंच को भेजा जाएगा। लेकिन प्रेजिडेंट इंच को इस रिज़ॉल्यूशन का सम्मान करने की या उस विषय में कुछ करने की आवश्यकता नहीं होगी। नवंबर एक को पेमेंट का भुगतान किया जाएगा।

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