‘हरि हैं राजनीति पढ़ि आए’ इस पद में गोपियाँ कृष्ण के किस रूप का वर्णन कर रही हैं?

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'हरि हैं राजनीति पढ़ि आए' इस पद में गोपियाँ कृष्ण के किस रूप का वर्णन कर रही हैं
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उत्तर- इस पद में गोपियाँ कृष्ण के चतुर और राजनीतिज्ञ रूप का वर्णन कर रही हैं। उनका मानना है कि कृष्ण अब प्रेम भाव से दूर होकर राजनीति जैसी चालें चलने लगे हैं। गोपियों को ऐसा प्रतीत होता है कि कृष्ण का मन अब उनके प्रति पहले जैसा अनुरक्त नहीं रहा, बल्कि वह अब धोखे और कूटनीति का व्यवहार करने लगे हैं।

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