भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में सच में इतिहास रच दिया है। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम 41 वर्ष बाद सेमिफिनल में पहुंची थी। हालाँकि, इस मैच का परिणाम भारत के अनुकूल नहीं रहा। ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में उन्होंने ब्रिटेन को टक्कर दी, मगर सपना हो पूरा न हो सका। सेमिफिनल में महिला हॉकी टीम अर्जेंटीना से 2-1 से हार गई थी। आइए जानते हैं महिला हॉकी टीम के बारे में और उनके अब तक ओलंपिक सफ़र के बारे में विस्तार से।
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टीम के स्टार प्लेयर्स
टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम में वैसे तो सारे ही स्टार प्लेयर हैं। हम आपको देंगे इस महिला टीम के कुछ बेहद खास खिलाड़ियों के बारे में।
Rani Rampal
हरियाणा की रानी रामपाल ने टीम की कप्तान हैं और उन्होंने टीम को पहले दिन से ही लीड करके रखा था। टीम की कमान इनके ही हाथों थीं। टोक्यो ओलंपिक के पहले लगातार तीन मैच हारने के बाद रानी की कप्तानी को लेकर भी सवाल उठे थे, लेकिन आयरलैंड से मैच जीतने पर उन्होंने बता दिया कि वह कम नहीं हैं। रानी ने अपना हॉकी करियर 2009 में शुरू किया था। 2018 एशिया कप से वह हॉकी की कप्तान हैं।
Vandana Kataria
उत्तराखंड की रहने वाली वंदना कटारिया ने भी टीम में अपनी जगह मजबूत की हुई थी। उन्होंने इस ओलंपिक में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध गोल की हैटट्रिक ली थी. ऐसा करने वाली वंदना पहली भारतीय हॉकी खिलाड़ी बन गईं हैं। वंदना ने अपना करियर 2006 में जूनियर हॉकी से शुरू किया था और नेशनल टीम में उनको 2010 में जगह मिली थी।
Monica Malik
हरियाणा की रहने वाली मोनिका मलिक ने भी अपने खेल से पहले दिन से अपना दबदबा बनाया हुआ था। उन्होंने सबको प्रभावित भी किया और फील्ड में गोल भी रोकने में मदद की। मोनिका ने 10 साल की उम्र में ही हॉकी खेलना शुरू कर दिया। चंडीगढ़ के उनके स्कूल में कुसुम नाम की कोच ने उसे हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया था। 2013 में उनका इंडियन टीम में सिलेक्शन हो गया और 2013 में जूनियर वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्तमान में मोनिका इंडियन रेलवेज में चीफ टिकेट इंस्पेक्टर हैं।
भारतीय महिला हॉकी टीम की अन्य खिलाड़ी
- गुरजीत कौर
- नवजोत कौर
- दीप ग्रेस एक्का
- निक्की प्रधान
- सुशीला चानू
- लालरेमसियामी
- उदिता
- सविता पूनिया (गोलकीपर)
- नवनीत कौर
- नेहा गोयल
- शर्मीला देवी
- सलीमा टेटे
- निशा वारसी
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भारत का ओलंपिक इतिहास में प्रदर्शन
भारतीय महिला हॉकी टीम का अब तक ओलंपिक में इतिहास इस बार के टोक्यो ओलंपिक में ही बेहतर रहा है। भारत इस बार सेमीफाइनल तक पहुंचा था। आइए जानते हैं भारत का ओलंपिक में इतिहास।
- 1980 के रूस ओलंपिक में पहली बार खेला, जहाँ टीम चौथे पायदान पहुंची थी।
- 2016 में भारतीय महिला हॉकी टीम रियो ओलंपिक में ग्रुप से ही बाहर हो गई थी। इसमें टीम छ्टे पायदान पर रही थी।
- टोक्यो 2020 के ओलंपिक में भारतीय टीम सेमिफिनल के नज़दीक करीब 41 साल बाद आई थी। हालांकि, अभी टीम के ब्रॉन्ज मेडल जीतने के रास्ते अभी खुले हैं।
- टोक्यो ओलंपिक में टीम इंडिया अपने शुरूआती मैच नीदरलैंड (5-1), जर्मनी (2-0), ग्रेट ब्रिटेन (4-1) और सेमीफाइनल मुकाबला अर्जेंटीना (2-1) से हारी है।
- टोक्यो ओलंपिक में टीम इंडिया ने 3 मैच जीते – आयरलैंड (0-1), दक्षिण अफ्रीका (3-4) और क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया (0-1)।
- भारतीय महिला हॉकी टीम 1980 के रूस ओलंपिक के बाद 2016 के रियो ओलंपिक में क्वालीफाई किया था। यह पहली बार है की भारतीय महिला टीम लगातार 2 ओलंपिक में खेल रही है।
- भारतीय महिला हॉकी टीम का ब्रॉन्ज मेडल मैच में ब्रिटेन से था। मुकाबला टक्कर का था। ब्रिटेन इस निर्णायक मथक को 4-3 से जीत ब्रॉन्ज मेडल जीत गई। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम का नया उदय देखने को भी मिला।
भारतीय महिला हॉकी टीम के इस ब्लॉग में आपने जाना कि कैसे टीम इंडिया ने इस टोक्यो ओलंपिक में किया भारत का सिर ऊंचा। इसी और अन्य तरह के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए आप Leverage Edu पर जाकर पढ़ सकते हैं।